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आम्रपाली पर सख्ती:वक्त पर काम पूरा नहीं होने पर भेज देंगे जेल- सुप्रीम कोर्ट

आम्रपाली मामले में गुरुवार को दोबारा सुनवाई की गई। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को कहा कि अगर वक्त पर काम पूरा नहीं हुआ तो जेल भेज देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लेजर पार्क प्रोजेक्ट में 19 टावर पूरे करने के लिए निर्माण शुरू कर पूरा करने की इजाजत दी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 1665 फ्लैट जल्द से जल्द तैया

Anoop Ojha
Published on: 22 Feb 2018 9:00 PM IST
आम्रपाली पर सख्ती:वक्त पर काम पूरा नहीं होने पर भेज देंगे जेल- सुप्रीम कोर्ट
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नोएडा: आम्रपाली मामले में गुरुवार को दोबारा सुनवाई की गई।इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को कहा कि अगर वक्त पर काम पूरा नहीं हुआ तो जेल भेज देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लेजर पार्क प्रोजेक्ट में 19 टावर पूरे करने के लिए निर्माण शुरू कर पूरा करने की इजाजत दी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 1665 फ्लैट जल्द से जल्द तैयार करने को कहा है। इसके लिए कोर्ट ने 13 डवलपर्स से साझेदारी की अनुमति दी। कोर्ट ने सात मार्च तक आम्रपाली को कोर्ट में इसके लिए अंडरटेकिंग दाखिल करने को कहा है।

कोर्ट ने कहा कि वो इसकी निगरानी करेगा और 27 मार्च को सुनवाई करेगा।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाकी प्रोजेक्ट पर सुनवाई 15 मार्च को होगी।कोर्ट ने कहा कि हम पर ना रेरा का कोई असर होगा और न ही दिवालियापन कार्रवाई का। कोर्ट की कोशिश है कि लोगों को फ्लैट मिल सकें। खरीदारों की ओर से कहा गया कि उन्होंने 2010 में फ्लैट बुक किए थे और तीन साल में इसे पूरा किया जाना था। इसमें 90 फीसदी राशि जमा भी कर दी गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह प्रोजेक्ट के आधार पर ही सुनवाई करेगा।कोर्ट ने कहा कि हमें खरीदारों के हित की चिंता है और अगर कंपनी ने अपनी बात को पूरा नहीं किया और वक्त पर फ्लैट नहीं दिए तो जेल भेज दिया जाएगा।

आम्रपाली ने दाखिल किया ब्योरा

आम्रपाली की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल ब्योरे में कहा गया है कि उसके 10 प्रोजेक्ट में 10647 फ्लैटों में से 980 फ्लैट 3 से 6 महीने के बीच, 2085 फ्लैट 6 से 9 महीने के बीच, 3130 फ्लैट 9 से 12 महीने के बीच और 4452 फ्लैट 12 से 15 महीने के बीच तैयार होंगे। फ्लैट तैयार होने के बाद खरीदारों को कब्जा दिया जाएगा।पहले फेज में 19 टावरों के काम पूरा करने के लिए 87 करोड रुपये का खर्च आएगा।

31 हजार 200 खरीददारों ने दिए है 470 करोड़

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उनकी पहली प्राथमिकता खरीदार हैं। कोर्ट ने आम्रपाली से जल्दी पूरे होने वाले प्रोजेक्ट का ब्योरा मांगा था। मामले पर सुनवाई के दौरान आम्रपाली की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कोर्ट को कुल परियोजनाओं और उनकी स्थिति का ब्योरा दिया। वहीं दूसरी ओर फ्लैट खरीदारों की ओर से पेश वकील एमएल लाहोटी ने कहा कि इस मामले में 31,200 खरीदार कोर्ट के सामने हैं जिन्होंने कुल 470 करोड़ रुपये दे रखे हैं।वैसे तो आम्रपाली के मामले में कुल 42000 होम बायर्स शामिल हैं लेकिन कोर्ट के सामने सिर्फ 31200 लोग ही पहुंचे हैं। लाहोटी ने कहा कि सारे प्रोजेक्ट 30 से 40 महीने देरी से चल रहे हैं। आम्रपाली ने गलैक्सी के साथ मिल कर परियोजनाओं को पूरा करने की बात कही है लेकिन गलैक्सी कंपनी की कुल कैपिटल करीब 40 करोड़ है ऐसे में वो कंपनी कैसे मदद करेगी क्योंकि आम्रपाली पर तो इससे बहुत ज्यादा की देनदारी है।

अदालत ने परियोजना पूरी होने के बताए दो उपाए

पीठ ने कहा कि उन्हें फ्लैट खरीदारों की चिंता है। कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें ये पता लग जाए कि इन परियोजनाओं को पूरा करने में कितना पैसा लगेगा तो वे इसके लिए दो उपाय कर सकते हैं. एक या तो कंपनी के फ्रीज खाते डिफ्रीज कर देंगे ताकि परियोजनाओं का काम पूरा हो जाए या फिर खरीदारों से कहेंगे कि वे फ्लैट मिलने पर भुगतान की जाने वाली अंतिम किस्त कोर्ट में जमा करा दें और कोर्ट उस पैसे को परियोजना कंपलीट होने के हिसाब से जारी करे।

एक नजर में आज की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में नोएडा, ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की परियोजनाओं सिलिकान वैली, सेन्चुरियन पार्क, ड्रीम वैली, सफायर और गोल्फ होम आदि के खरीदारों की याचिकाओं पर सुनवाई।

- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आम्रपाली वाले वादे के मुताबिक समय पर प्रोजेक्ट्स पूरा कर खरीदारों को फ्लैट्स नहीं देँगे तो हम इनको जेल भेज देंगे।

- आम्रपाली को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लैजर पार्क प्रोजेक्ट में 19 टावर पूरे करने के लिए निर्माण शुरू कर पूरा करने की इजाजत दी।

- 1665 फ्लैट जल्द से जल्द तैयार करने को कहा।

- कोर्ट ने इसके लिए 13 डवलपर्स से साझेदारी की अनुमति दी।

- कोर्ट ने कहा कि सात मार्च तक आम्रपाली कोर्ट में इसके लिए अंडरटेकिंग दाखिल करने को कहा

- कोर्ट ने कहा कि वो इसकी निगरानी करेगा और 27 मार्च को सुनवाई करेगा।

- बाकी प्रोजेक्ट पर सुनवाई 15 मार्च को

- कोर्ट की कोशिश है कि लोगों को फ्लैट मिल सकें।



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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