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सपा के गढ़ में बड़ी धांधली! खाली कॉपी जमा करने वाले का नाम मेरिट लिस्ट में
इटावा: बिहार में इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम में धांधली लंबे समय तक सुर्ख़ियों में रही थी। कुछ उसी तर्ज पर यूपी की शिक्षा-व्यवस्था भी जाती दिख रही है। ताजा मामला समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ इटावा का है। यहां तो मेडिकल परीक्षा में ही बड़ा घोटाला किया गया है।
एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक हालिया मामले में कॉपी खाली छोड़ने वाले परीक्षार्थी का नाम मेरिट लिस्ट में शामिल किया गया है।
रिजल्ट कैंसिल
परीक्षा में धांधली की खबर आने के बाद रिजल्ट कैंसिल कर दिया गया है। यह परीक्षा शहर के कई केंद्रों पर चार सितंबर को आयोजित की गई थी। परीक्षा में 8500 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इन अभ्यर्थियों ने 150 पदों के लिए परीक्षा दी थी।
कुलसचिव को था शक
मामले में गड़बड़ी को लेकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव जितेंद्र प्रताप सिंह को शक हुआ था। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी विश्वविद्यालय के डीन केएम शुक्ला से की तो उसमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। बताया गया है कि कुल सचिव ने चार सितंबर को परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया था। उसमें कई अभ्यर्थियों को खाली कॉपी सहित पाया था। मामले की शिकायत उन्होंने कुलपति ब्रिगेडियर टी प्रभाकर और शासन को भी दी थी।
कुलसचिव का हुआ ट्रांसफर
हालांकि पूरे मामले को लेकर दो दिन पहले ही कुलसचिव जितेंद्र प्रताप सिंह का ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्हें लखनऊ में निर्वाचन आयोग के दफ्तर में भेजा गया है।
दोबारा होगी परीक्षा
कुलपति ब्रिगेडियर टी. प्रभाकर ने बताया, 'एक अभ्यर्थी की खाली कॉपी पाई गई थी। वह मेरिट लिस्ट में 35वें नंबर पर आ गया था। मामला संज्ञान में आने पर कोई अंगुली न उठे इसलिए परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। अब परीक्षा दोबारा कराया जाएगा।'
कुलपति की सफाई
कुलपति ब्रिगेडियर टी. प्रभाकर ने कहा कि यह गलती कहीं न कहीं चेकिंग करने वाले उडऩदस्ते से हुई, जिसने सही तरीके से अभ्यर्थियों को चेक नहीं किया। कुलसचिव का स्थानांतरण इस प्रकरण से जुड़ा हुआ नहीं है। उन्हें चुनाव आयोग में जाना ही था जिस पर वह चले गए हैं।