सोनभद्र के ग्राम पंचायतों में घपलाः प्रधान के जेठ से ली पंचायत भवन निर्माण की सामग्री, बगैर कार्य हुए दे दी रिपोर्ट

Sonbhadra News: जनपद सोनभद्र में कन्हौरा ग्राम पंचायत (Kanhora Gram Panchayat) में प्रधान के जेठ को ही टेंडर दिए जाने का खुलासा सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 22 May 2022 1:25 PM GMT
Report given of boundary wall-roof repair without work
X

सोनभद्र: जिले में ग्राम पंचायतों में घपला: Photo - Social Media

Sonbhadra News: ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्यों और ली गई आपूर्ति में आए दिन नए खुलासे सामने आ रहे है। ताजा मामला चोपन ब्लाक (chopan block) से जुड़ा हुआ है। यहां कई ग्राम पंचायतों में एक व्यक्ति के खाते में कई श्रमिकों की मजदूरी भुगतान का मसला अभी सुलझ भी नहीं पाया था कि कन्हौरा ग्राम पंचायत (Kanhora Gram Panchayat) में प्रधान के जेठ को ही टेंडर दिए जाने का खुलासा सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।

अब अफसर, इसे नियमानुसार बताते हुए, आगे से ऐसा न होने का निर्देश देकर मामले से पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं लेकिन प्रधान के जेठ वाली जिस फर्म को कन्हौरा में आपूर्ति का जिम्मा दिया गया है। उसी फर्म से दूसरी ग्राम पंचायतों में अच्छी खासी आपूर्ति ली गई है। महज चंद ग्राम पंचायतों में ही ली गई आपूर्ति का आंकड़ा लाखों में है।

इसी तरह पनारी ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय कैम्हापान को लेकर की गई जांच की एक रिपोर्ट में तीन तरफ चहारदीवारी मौजूद होने, सिर्फ रंगाई-पोताई न होने, छत की मरम्मत होने की रिपोर्ट दी गई। वहीं दूसरी रिपोर्ट में चहारदीवारी-छत के मरम्मत का कोई कार्य न कराए जाने की सौंपी गई रिपोर्ट ने भी खलबली मचा रखी है। इस मामले की जांच उपायुक्त मनरेगा को सौंपे जाने की बात कही जा रही है।









इस तरह सामने आई जेठ के फर्म से ली गई आपूर्ति

डीएम से ऑनलाइन शिकायत की गई कि कन्हौरा में सामग्री आपूर्ति का ठेका प्रधान के घर के व्यक्ति को दे दिया गया है। बीडीओ (BDO) के निर्देश पर एडीओ पंचायत ने जांच की तो 2021-22 में प्रधान के जेठ के स्वामित्व वाली फर्म मेसर्स अमर इंटरप्राइजेज को आपूर्ति ठेका दिए जाने की पुष्टि हुई। फर्म को पंचायत सचिव द्वारा 2.53 लाख का भुगतान भी किया जाना पाया गया। इस मामले में एडीओ पंचायत ने संबंधित सचिव से जानकारी ली तो उनके द्वारा बताया गया कि वर्ष 2020-21 में ग्राम पंचायत में वित्त आयोग-मनरेगा योजनांतर्गत पंचायत भवन का निर्माण स्वीकृत हुआ था।

प्राक्कलन मेसर्स अमन इंटरप्राजेज के दर पर स्वीकृत किया गया था। इसके कारण पंचायत भवन निर्माण के अवशेष धनराशि का भुगतान मेसर्स अमन इंटरप्राइजेज के नाम पर किया गया है जो नियमानुसार है। बीडीओ ने इस रिपोर्ट को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि समस्त पंचायत सचिवों को चेतावनी देते हुए निर्देशित किया गया है कि भविष्य में किसी भी प्रकार से ग्राम पंचायत में सामग्री आपूर्ति का टेंडर पंचायती राज विभाग से संबंधित पदाधिकारी के रिश्तेदारों के नाम नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर कार्रवाई प्रस्तावित करने की चेतावनी दी गई है।

सवाल उठता है कि पूर्व में कई बार इस बात के निर्देश जारी हो चुके हैं कि प्रधान के सगे-संबंधी रिश्तेदार को आपूर्ति का टेंडर न दिया जाए लेकिन पंचायत राज विभाग इन दिनों शिकायत के बाद चेतावनी देने का चलन चल पड़ा है। इससे पहले चोपन में कायाकल्प योजना के मजदूरी के भुगतान में गड़बड़ी पकड़े जाने पर चेतावनी देकर मामले को मैनेज करने की कोशिश की गई थी। बेंच घोटाले में चेतावनी के नाम पर देर तक कार्रवाई लटकी रही थी।



एक अफसर की रिपोर्ट बना है बाउंड्रीवाल, दूसरे ने कहा है ही नहीं...

इसी तरह चोपन ब्लाक के पनारी ग्राम पंचायत में प्राथमिक विद्यालय के चहारदिवारी निर्माण में एक अफसर की रिपोर्ट में बाउंड्रीवाल बने होने और दूसरे में निर्माण न होने की रिपोर्ट सौंपी गई है। दोनों रिपोर्टों में महज एक माह का अंतर है। 25 मार्च को भेजी गई बीडीओ की आख्या में बताया गया है कि प्राथमिक विद्यालय कैम्हापान में कराए गए कार्यों की जांच एडीओ सहकारिता सुरेशचंद्र से कराई गई। उन्होंने 21 मार्च को रिपोर्ट दी कि विद्यालय के तीन तरफ बाउंड्रीवाल बना हुआ है जिसकी रंगाई'-पोताई नहीं हुआ है। छत मरम्मत का कार्य किया गया है।

वहीं 25 अप्रैल 2022 को भेजी गई आख्या में बताया गया है कि अवर अभियंता लघु सिंचाई विनोद कुमार सिंह से जांच कराई गई। उन्होंने जांच आख्या में बताया कि पूर्व में भी इस मामले की शिकायत की गई थी। मौके पर बाउंड्रीवाल एवं छत का मरम्मत कार्य नहीं कराया गया है। छत मरम्मत के कार्य का प्राक्कलन बनाया गया है। माप पुस्तिका में रंगाई-पुताई के नाम पर धन भी व्यय किया गया है। रंगाई-पुताई कराए जाने का भी दावा किया गया। मई में फिर से इस मामले की शिकायत की गई। इस पर जानकारी दी गई कि मामले की विस्तृत जांच उपायुक्त श्रम रोजगार द्वारा की जा रही है।



प्रमुख सचिव से शिकायत, नहीं निकला नतीजा

मामले में प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह से भी सोनभद्र आगमन के दौरान शिकायत की गई लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आया है। उधर, शिकायतकर्ता सावित्री देवी का कहना है कि बरती गई गड़बड़ियों को लेकर लगातार शिकायत की जा रही है। मामला करीब-करीब जिले के सभी अधिकारियों का संज्ञान है लेकिन कार्रवाई के मसले पर मामले को किसी न किसी बहाने टाला जा रहा है। उधर, उपायुक्त मनरेगा शेषनाथ चैहान का कहना था कि मामले को देखा जा रहा है। जो सही होगा, उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story