प्राइवेट मांटेसरी का अनोखा प्रबंधन: पैसा नहीं, पौधा है इस स्कूल की फीस

raghvendra
Published on: 30 Nov 2018 7:38 AM GMT
प्राइवेट मांटेसरी का अनोखा प्रबंधन: पैसा नहीं, पौधा है इस स्कूल की फीस
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इटावा: इटावा जिले में एक ऐसा प्राइवेट मांटेसरी स्कूल है जहां छात्राओं से फीस के रूप में पैसा नहीं बल्कि सिर्फ एक-एक पौधा लिया जाता है। स्कूल प्रबंधन यह अनोखी फीस समाज में पर्यावरण को बढ़ावा देने और पर्यावरण के प्रति छात्राओं में जागरूकता लाने के उद्देश्य से लेता है।

ये स्कूल स्थित है इटावा के चकरनगर तहसील क्षेत्र के दाउद्पुरा गांव में। ये एक निजी कन्या मांटेसरी स्कूल है। इस स्कूल में एडमिशन के समय ही छात्राओं से फीस के नाम पर एक-एक पौधा लिया जाता है। स्कूल में छात्राओं से फिर वर्ष भर कोई फीस नहीं ली जाती है।

स्कूल के प्रबंधक ब्रजेश त्रिपाठी बताते हैं कि छात्राओं से प्रवेश के समय जो पौधे लिए जाते हैं उन्हें या तो छात्राएं स्कूल में ही रोपित करती हैं या अपने घर में ले जाकर लगाती हैं। जब छात्राए पास होकर अगली कक्षा में जाती है तो उन्हें दूसरी कक्षा में तभी प्रवेश मिलता है जब स्कूल प्रबंधन यह देख लेता है कि उस छात्रा को जिस पौधे की जिम्मेदारी मिली थी उस पौधे की देखभाल सही तरीके से की गयी है या नहीं। पर्यावरण को बढ़ावा देने और छात्राओं को जागरूक करने के लिए यह अनोखी मुहिम कई वर्ष से चलाई जा रही है। स्कूल प्रबंधन सभी छात्राओं को अपनी तरफ से पाठ्य सामग्री निशुल्क उपलब्ध करवाता है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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