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ज्ञान के मंदिर में काले धन का धंधा, प्रबंधन ने पुराने नोटों से कैश बांट दी ऐडवांस सैलरी

राजधानी लखनऊ के एक प्रतिष्ठित स्कूल ने अपने स्टाफ को पुराने नोट से वेतन बांट दिया। 10 नवंबर को बांटी गई ये सैलरी 500 और 1000 रुपए के नोटों के रूप में कैश दी गई है। हैरत की बात है कि सैलरी से तीन दिन पहले ही पीएम मोदी ने इन नोटों को बंद करने का ऐलान कर दिया था।

zafar
Published on: 10 Nov 2016 2:29 PM GMT
ज्ञान के मंदिर में काले धन का धंधा, प्रबंधन ने पुराने नोटों से कैश बांट दी ऐडवांस सैलरी
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लखनऊ: काले धन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम ने कई चेहरों से पर्दा उठा दिया है। लखनऊ में ज्ञान के मंदिर कहे जाने वाले एक स्कूल प्रबंधन ने गुरुवार को पुराने नोटों से सैलरी बांट दी। यह सैलरी 1000 और 500 के नोटों के रूप में कैश दी गई है।

-राजधानी लखनऊ के एक प्रतिष्ठित स्कूल ने अपने स्टाफ को पुराने नोट से वेतन बांट दिया।

-10 नवंबर को बांटी गई ये सैलरी 500 और 1000 रुपए के नोटों के रूप में कैश दी गई है।

-यहां बताना जरूरी है कि इस स्कूल के चेयरमैन संगम मिश्रा भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। जबकि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खुद उनकी ही सरकार ने काले धन के खिलाफ मुहिम शुरू की है।

-हैरत की बात यह भी है कि सैलरी से तीन दिन पहले ही पीएम मोदी ने इन नोटों को बंद करने का ऐलान कर दिया था।

-सबसे मजे की बात यह है कि स्कूल ने यह सैलरी नवंबर महीने की दी है, यानी पुराने नोटों से ऐडवांस सैलरी बांट दी है।

-स्कूल स्टाफ से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि पूरे स्टाफ को 1000 और 500 रुपए वाले नोटों के रूप में जबरन ऐडवांस सैलरी दे दी गई, जबकि यह करेंसी कानूनन प्रचलन में नहीं रह गई है।

-इस घटना से स्कूल स्टाफ सकते में है, जबकि कई कोशिशों के बाद भी इस पूरे मामले पर बात करने के लिए स्कूल प्रबंधन का कोई जिम्मेदार व्यक्ति उपलब्ध नहीं हुआ।

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