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सिर्फ 11 विद्यालयों ने दिया नोटिस का जवाब, स्पष्टीकरण की तैयारी में महकमा
संदीप अस्थाना
आजमगढ़: फर्जी जमीन दिखाकर या सरकारी भूमि पर विद्यालय बनवाकर सांसद व विधायक निधि के लगभग 917 लाख रुपये के गोलमाल मामले में विद्यालय संचालकों को एक मौका और दिया जाएगा। अभी तक 22 में से सिर्फ 11 विद्यालयों ने इस बाबत जवाब दिया है। स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी करने की तैयारी में महकमा जुट गया है। हालांकि शिकायत के बाद प्रकरण के खुलासे को तीन माह से अधिक का समय हो गया है। स्पष्टïीकरण मिलने के बाद पुन: भूमि संबंधी अभिलेखों का परीक्षण होगा। जांच आख्या के अनुसार संबंधित विद्यालय संचालकों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
जनपद के 22 विद्यालयों के खिलाफ शिकायत की गई थी कि या तो उनकी जमीन ही नहीं है या फिर अभिलेखों में हेराफेरी कर सरकारी भूमि अपने नाम कराकर भवन बनाकर विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। शिकायत के बाद जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) में रखीं संबंधित विद्यालयों की पत्रावलियों का डीडीसी व संबंधित अधिकारियों से परीक्षण कराया गया था। प्रथम दृष्टया इन सभी विद्यालयों के अभिलेखों में गडबड़ी मिली।
विद्यालय संचालकों को नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर साक्ष्य सहित जवाब तलब किया गया था। मात्र 11 विद्यालय संचालकों ने इस बाबत अपना लिखित पक्ष रखा। तत्कालीन सीडीओ ने संबंधित विद्यालयों द्वारा प्रस्तुत लिखित पक्ष को संकलित कर फाइल तैयार करने की जिम्मेदारी डीआरडीए के वरिष्ठ लिपिक विनोद कुमार पांडेय व अतुल कुमार श्रीवास्तव और विकास विभाग के वरिष्ठ लिपिक घनश्याम लाल श्रीवास्तव को सौंपी थी।
संबंधित पत्रावली में संलग्न भू-अभिलेखों का परीक्षण सीआरओ, डीडीसी व जिला शासकीय अधिवक्ता से कराया गया। इसमें 11 विद्यालय संचालकों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। जानकारों के मुताबिक जवाब न देने वाले विद्यालयों को एक बार अंतिम मौका देते हुए स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी की जाएगी। भू-संबंधी अभिलेखों का परीक्षण के बाद संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
बैंकों से मांगी छात्रवृत्ति की शेष राशि
आजमगढ़। सोशल सेक्टर द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की अवशेष पड़ी धनराशि को लेकर मंडलायुक्त व जिलाधिकारी सख्त हैं। अब जिला समाज कल्याण विभाग ने संबंधित बैंक प्रबंधकों को पत्र लिखकर जमा पड़ी धनराशि वापस मंगाने के लिए नोटिस जारी की है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जिला सहकारी बैंक रानी की सराय के शाखा प्रबंधक से वित्तीय वर्ष 2008-09 से 2012-13 तक छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के 69,19,293 रुपये वापस करने को कहा है। इस संबंध में समय-समय पर उच्चाधिकारियों व विभागीय अधिकारियों ने निर्देश दिए मगर संबंधित बैंकों ने धनराशि वापस नहीं की। इस पर जिलाधिकारी ने काफी सख्ती दिखाई है।
जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से शाखा प्रबंधक को लिखे गए पत्र में पांच जनवरी को राजबहादुर सिंह स्मारक महाविद्यालय एवं इंटर कालेज हमीदपुर सैदवाड़ा के नाम का उल्लेख किया गया है। इन विद्यालयों के खाते में 54,94,930 रुपए और बैंक में फर्जी छात्रों के नाम से खोले गये कुल 688 खातों मेें 14,24,363 रुपये जमा है। इस बाबत जिला समाज कल्याण अधिकारी राजीव रत्न सिंह का कहना है कि छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि कई बैंकों में पड़ी है। इसलिए संबंधित बैंक शाखा प्रबंधकों को पत्र लिखकर अवशेष धनराशि मंगाई जा रही है। इसके बाद भी यदि धनराशि वापस नहीं की गयी तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।