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बरसात में खराब हो रही फसल को बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने सुझाए उपाय
तूफान ने बढ़ायी किसानों की चिंता
अयोध्या। ताउते तूफान का असर खत्म नहीं हुआ है, पूरे देश में आंधी, तूफान, बारिश से लोग परेशान हैं। आवाजाही में लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। और जगह जगह फसलें भी खराब हो रही है।ं फसल से रिलेटेड कारोबारियों की भी चिंता बढ़ गयी है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कई दिन से लगातार बारिश हो रही है जिसका असर आम जन के साथ-साथ फसल पर भी पड़ रहा है। लता वाली सब्जियां जैसे लौकी, कद्दू, करेला, तोरई, परवल आदि फसल का अधिकांश किसानों ने समतल जमीन पर खेती कर रखी है। बरसात के कारण खेतों में जलभराव हो गया है जिससे पौधे का पीलापन बढ़ना एवं रोग तथा कीट की संभावना भी अधिक बढ़ गई है।
आचार्य देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के प्रसार निदेशालय के निदेशक डॉक्टर ए पी राव ने बताया कि ऐसी स्थिति में किसान भाई यदि संभव हो तो लताओं को बांस के मचान बनाकर सहारा दे तथा जड़ के पास की मिट्टी को ऊंचा करें, जिससे जड़ में पानी कम से कम पहुंचे। यूरिया की टॉप ड्रेसिंग बारिश के बाद हल्की मात्रा में करें। कीट नियंत्रण फल मक्खी, मिथाइल यूजेनाल 1.5 मिली.एवं मैलाथियान 50 ई.सी. 2 मिली प्रति लीटर पानी में बने घोल को 1 लीटर क्षमता वाली चैड़े मुंह वाले जार में 10-12 स्थानों पर प्रति हेक्टेयर की दर से रखना चाहिए ।
पत्ती संकुचन रोग
इस रोग से पत्तियां सिकुड़ने एवं छोटी होने लगती हैं। उचित नियंत्रण हेतु मेटासिस्टॉकस 30 ई.सी. 1 मिली या इमिडाक्मोरोपिड 1.25 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
पत्तियों का बचाव
बारिश के समय पत्तियों की देखरेख बढ़ जाती हैं। सही देख रेख से पत्तियां पीली नहीं पड़ती। बारिश से पत्तियों पर गाड़ी भूरी लहरदार रेखा दिखती है। उचित नियंत्रण हेतु स्ट्रेप्टो साइक्लीन 15 ग्राम दवा 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।
फल विगलन रोग
इस रोग के नियंत्रण हेतु कार्बेंडाजिम 50 प्रति डब्लू.पी. 50 ग्राम दवा प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय में किसानों के हित के लिए कई दिशा निर्देश दिए गये हैं।
तूफान ने बढ़ायी किसानों की चिंता
इस समय रबी फसलों की कटाई की जा रही है। दूसरी तरफ किसान आने वाले समय के लिए बुवाई की तैयारी में भी लगे हुए थे पर ताउते तूफान ने बेमौसम बाारिश से किसानों को मुशिकल में डाल दिया। लॉकडाउन की वजह से किसान पहले से ही वे परेशान हैं। अब ऐसा न हो कि बुवाई संबंधित भी तरह.तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़े। बेमौसम बारिश ने किसानों की फसल बर्बाद कर दी है। खेतों में पानी भर गया है जिससे साग सब्जी खराब हो रहे हैं। ऐसे में किसानों के फसल खराब होने से बचाने के लिए वैज्ञानिकों द्धारा भी उचित सलाह मिल रही है। जिसे अपनाकर किसान अपनी फसल बचा सकते है। वहीं आम कारोबारियों में भी बारिश ने चिंता बढ़ा दी है। आंधी तूफान से आम गिर गये। इस साल आम के पेड़ों में बौर भी अधिक आए हुए थे।