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खरखौदा क्षेत्र में शाहिद अखलाक सहित 8 बूचड़खानों पर लगी सील, मीट माफियाओं में हड़कंप
मेरठ: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही भाजपा ने प्रदेश की जनता से किए गये वादों को पूरा करना शुरू कर दिया है। कल तक मीट माफियाओं से दहशत खाने वाले प्रशासनिक अधिकारी बुधवार को एक्शन मोड में नजर आए। पुलिस प्रशासन, नगर निगम-एमडीए और विभिन्न विभागों की टीमों से संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए खरखौदा क्षेत्र में कई मीट प्लांट सील कर दिए। हालांकि इस दौरान कई बूचडख़ानों के मालिकों ने विरोध का प्रयास किया, लेकिन अधिकारियों से सख्त तेवर देख वह बैकफुट पर आ गए। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार बूचडख़ानों के खिलाफ चल रही कार्यवाही अभी जारी रहेगी। सील किए गए मीट प्लांट में कई प्लांट हाजी शाहिद अखलाक के परिवार के बताए जा रहे हैं।
पूर्व सांसद के रिश्तेदारों के हैं मीट प्लांट
- बुधवार को मीट प्लांट के मालिकों पर आग बरसाता हुआ निकला।
- सुबह दिन निकलने के साथ ही प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, एमडीए, प्रदूषण विभाग और अन्य विभागों की टीमों ने संयुक्त रूप से शहर में अवैध रूप से चल रहे कमेलों के खिलाफ प्रभारी कार्रवाई शुरू की।
- इसी क्रम में खरखौदा के अल्लीपुर मार्ग स्थित कई मीट प्लांट पर छापा मारा गया।
- अधिकारियों ने बसपा नेता व पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक के भाई राशिद अखलाक के अल यासिर, अल अक्सा, अल कैफ मीट प्लांट सील करते हुए काम कर रही लेबर को बाहर निकाल दिया।
- वहीं वसीम अहमद के यूनिवर्सल एग्रो और यूनिवर्सल एग्रो इंडिया प्लांट को भी सील कर दिया।
- मंगलवार को इन दोनों प्लांट में छापेमारी के दौरान अधिकारियों को मुर्गी का दाना बनाने की आड़ में कटान होता मिला था।
- वहीं वैट फूड इंडिया को भी सील किया गया।
-अधिकारियों की टीमों ने ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए कई मीट प्लांट सील किए।
-इस दौरान मीट कारोबारियों में हड़कंप मचा रहा और कई संचालक अपने प्लांट पर ताले जड़कर मौके से फरार हो गए।
आगे की स्लाइड में देखिए कैसे मीट माफियाओं में मचा हुआ है हड़कंप
-कार्रवाई करने वाली टीम ने एडीएम सिटी से लेकर कई एसडीएम, कई सर्किल के सीओ और शहर और देहात के कई थानों की फोर्स शामिल रही।
-भाजपा ने प्रदेश के विधानसभा चुनावों में अपने एजेंडे में प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे बूचडख़ानों पर सख्त कार्यवाही का वादा किया था।
-सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने अपने वादों को पूरा करने की शुरूआत करते हुए सबसे पहले बूचडख़ानों को निशाने पर लिया है।
-वहीं पुलिस-प्रशासन की कार्यवाही से मीट माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।
इन पर लगी सील
-हाजी राशिद अखलाक की फैक्टी मेसर्स अल यासिर एक्सपोर्ट, हाजी साजिद अखलाक की फैक्टी मैसर्स अल अक्सा फ्रोजेन फूडस, हाजी परवेज की फैक्टी मेसर्स अल कैफ इंडस्टीज, उमरदाज और हाजी अयया की मेसर्स यूनिवर्सल इंडिया प्रथम, आस मौहम्मद और वसीम की मेसर्स यूनिवर्सल इंडिया एग्रो, शफीक की मेसर्स वैट फीड इंडिया, गुलजार की मेसर्स बेस्ट एग्रो फीड और गुलजार और अन्य मेसर्स बेस्ट एग्रो एक्सटेंशन पर सील लगा दी गई है।
आगे की स्लाइड में देखिए कई दुकानों की नहीं थी एनओसी
-इन फैक्टियों में पशुपालन विभाग की एनओसी नहीं थी।
-रेंडरिंग प्लांट पर किसी तरह का कोई लाइसेंस नहीं।
-कच्चा माल पर किसी तरह की कोई मोहर नहीं थी।
-प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी ही नही थी।
-मानचित्र में एमडीए से स्वीकृत नहीं, विद्युत कनेक्शन नहीं और श्रम विभाग के कोई दस्तावेज ही नहीं थे।
-छापेमारी के दौरान सील की गई सभी मीट फैक्ट्रियों के संचालकों के खिलाफ खरखौदा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
-एसओ खरखौदा मनीष सक्सैना के मुताबिक इस मामले में आईपीसी की धारा 269 और 270, जिसमें खाद्य पदार्थो का उत्पादन, जिसका मनुष्य की सेहत पर विपरीत प्रभाव पडता हो के तहत केस दर्ज किया गया है।