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कुंभ: पौष पूर्णिमा पर दूसरा बड़ा स्नान कल, सरकार ने किये अभूतपूर्व बंदोबस्त
कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के साथ उनकी सुरक्षा के लिए भी ठोस इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की मदद से पूरे कुंभ की निगरानी रखी जा रही है।
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में प्रयागराज कुंभ का पहला शाही स्नान संपन्न हो चुका है। 21 जनवरी पौष पूर्णिमा पर कुंभ का दूसरा बड़ा स्नान होने वाला है। यह स्नान इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन खगास चंद्र ग्रहण भी है। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। कुंभ को भारतीय समाज में बहुत ही पावन माना जाता है। मान्यता है कि त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर सारे पाप धुल जाते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है। मोक्ष की कामना रखने वालों के लिए यह दिन बेहद खास होता है। इस तिथि को सूर्य और चंद्रमा का संगम भी कहा जाता है, क्योंकि पौष महीना सूर्य देव का होता है और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है। चंद्रमा के साथ-साथ पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित होता है। इसलिए आस्थावान हिंदू इसदिन सामान्य दिनों में भी गंगा स्नान करना चाहते हैं। फिर इस बार तो कुंभ में गंगा यमुना के संगम में स्नान का मौका है।
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गौरतलब है कि मकर संक्रांति पर करीब ढाई करोड़ आस्थावान हिन्दुओं ने संगम में कुंभ के मौके पर स्नान कर आस्था की डुबकी लगायी थी। वैसे तो इस बार अर्द्ध कुंभ है लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार इसे कुंभ की मान्यता दे चुकी है। मकर संक्रांति पर पहले शाही स्नान से अमृत से परिपूर्ण कुंभ का भव्य आगाज हो चुका है। लेकिन कुंभ मेले की अनापचौरिक शुरूआत पौष पूर्णिमा के दिन से ही मानी जाती है। कल से ही संगम की रेती पर कल्पवास की विधिवत शुरूआत भी होगी।
वैसे देख जाए तो यह अब तक का सबसे महंगा कुंभ है, इतना बजट अभी तक किसी भी कुंभ के लिए आवंटित नहीं हुआ है, चाहे वह अर्द्ध कुंभ हो या पूर्ण कुंभ। यह योगी सरकार के प्रयास हैं कि उसने प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले के लिए 4236 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यह साल 2013 के महाकुंभ के बजट का तीन गुना है।
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प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने पिछले दिनों कहा था कि यूपी सरकार ने कुंभ मेले के लिए 4,236 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। पिछली सरकार ने महाकुंभ पर 1,300 करोड़ रुपए खर्च किए थे। हमने इस राशि से तीन गुना अधिक का आवंटन किया है।
मजे की बात यह है कि कुछ अन्य विभागों ने कुंभ के लिए अपनी ओर से भी धन का आवंटन किया है। इस बार कुंभ मेले का क्षेत्र भी दोगुना यानी 3200 हेक्टेअर किया गया है। कुंभ में खर्च हो रही राशि में से प्रदेश सरकार करीब 2000 करोड़ और केंद्र सरकार करीब 2,200 करोड़ लगा रही है। इतना पैसा भारत के किसी भी धार्मिक आयोजन में अब तक खर्च नहीं हुआ है। चार मार्च तक चलने वाला कुंभ मेला करीब 32 वर्ग किमी तक फैला हुआ है। इसमें करीब 15 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है।
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कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के साथ उनकी सुरक्षा के लिए भी ठोस इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की मदद से पूरे कुंभ की निगरानी रखी जा रही है।
कुंभ के लिए प्रयागराज में 247 किमी. सड़कें, 5.63 लाख वाहनों के लिए पार्किंग सुविधा, 1,22,500 शौचालय और 58 पुलिस चौकियां बनाई हैं। मेले में 2,132 लोगों की टीम चिकित्सा सुविधाओं से लैस कर तैनात की गई है। करीब 20,000 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। इनके अलावा सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में होमगॉर्ड्स, पीएसी कंपनी और सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं। जो कुंभ मेला क्षेत्र की सतत निगरानी कर रहे हैं।