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शादी के दूसरे दिन किया था नामांकन ,जीत कर बहु ने परिवार को दिया तोहफा
'सत्ता का नशा' और राजनीति में सक्रिय रूप से बने रहना किसे कहते हैं ये तो शायद वही जानता होगा जो इसका स्वाद अच्छी तरह से चख चुका हो। हाल ही में आए यूपी निकाय चुनाव परिणामों में कानपुर नगर से एक पार्षद की मेहनत का नतीजा देख अब केवल वह खुद ही नहीं उसके घरवाले भी हैरान हैं।
कानपुर: हाल ही में आए यूपी निकाय चुनाव परिणामों में कानपुर नगर से एक पार्षद की मेहनत का नतीजा देख अब केवल वह खुद ही नहीं उसके घरवाले भी हैरान हैं।
ऐन वक्त पर सीट बदल गई और पार्षदी कायम रखने के लिए नेताजी ने आनन-फानन शादी कर ली और एक दिन की नई नवेली बहू को प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतार दिया। फिर से जीतने के लिए जल्दी से शादी करने की जुगत लगाकर नई नवेली दुल्हन को चुनावी मैदान में उतारने वाले कानपुर वार्ड-43 नवाबगंज से निवर्तमान पार्षद राज किशोर यादव को आखिर विजेता बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
परिसीमन के चलते इस बार कानपुर नवाबगंज वार्ड-43 सीट आरक्षित हो गई और यहां से महिला प्रत्याशी ही चुनाव लड़ सकती थी। सीट बदलने के चलते निवर्तमान पार्षद राजकिशोर यादव की राजनीति पर विराम लगता दिखाई देने लगा। यही नहीं इसका फायदा उठाने के लिए विरोधी भी जोर-शोर से प्रचार में जुट गए। राजनीति में सब कुछ संभव है इसीलिए निवर्तमान पार्षद ने आनन-फानन में नेहा यादव के साथ शादी कर ली और दूसरे दिन नगर निगम नामांकन कराने पहुंच गए। यह देख उनके चाहने वालों ने पहले तो उन्हें शादी की बधाई दी और मुस्कुराते हुए एक-दूसरे से कहने लगे कि आखिर परिसीमन ने राजकिशोर भैया का घर तो बसा दिया।
राजकिशोर यादव ने बताया कि परिसीमन के चलते नवाबगंज सीट महिला को आरक्षित हो गई है। इसके चलते मैंने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया लेकिन क्षेत्रीय लोगों के कहने पर शादी कर पत्नी का नामांकन कराया था। क्षेत्रीय लोगों ने मेरे काम के आधार पर पत्नी को जिता दिया है। परिणाम आने पर सपा प्रत्याशी नेहा को 2223 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी शीला शुक्ला ने 2,114 वोट पाए। राज किशोर ने अपने वोटर्स को धन्यवाद देते हुए कहा कि पहले वह अकेले थे अब पत्नी के साथ मिलकर क्षेत्र के विकास का काम करेंगे।
वहीं पत्नी नेहा यादव का कहना है कि अब वो अपने क्षेत्र की समस्याओं को अपने पति के साथ सुलझाएंगी जहां जरूरत महसूस होगी वहां उनसे आगे भी रहूंगी।