उत्तर प्रदेश में भयानक स्थिति: सबसे तेजी से बढ़ रहे मामले, हर तरफ मचा हाहाकार

उत्तर प्रदेश में तेजी से संक्रमित हो रहे लोगों की संख्या में एकदम से उछाल आया है। बीते मंगलवार को सिर्फ राजधानी लखनऊ...

Vidushi Mishra
Published By Vidushi Mishra
Published on: 14 April 2021 1:08 AM GMT (Updated on: 14 April 2021 1:11 AM GMT)
कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है।
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कोरोना के बढ़ते मामले(फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। तेजी से संक्रमित हो रहे लोगों की संख्या में एकदम से उछाल आया है। बीते मंगलवार को सिर्फ राजधानी लखनऊ से ही पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हालात ये होना शुरू हो गए हैं कि मरीजों को अस्पताल में बेड तक नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि वायरस की प्रजनन क्षमता यानी रिप्रॉडक्टिव वैल्यू इन बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण है। साथ ही चेन्नै गणितीय विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन की तरफ से केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व आईएमए एमएस के वीसी डॉ. सूर्यकांत ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया।

केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व आईएमए एमएस के वीसी डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि इस अध्ययन के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर वायरस की प्रजनन क्षमता 1.32 है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 2.14 पर पहुंच चुकी है।

ऐसे बढ़ रहे तेजी से मामले

रिप्रॉडक्टिन वैल्यू यानी आर वैल्यू यह बताता है कि एक संक्रमित से कितने लोगों तक वायरस पहुंच रहा है। आर वैल्यू ये दिखा रहा है कि उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में महामारी तेजी से बढ़ रही है। बीते दो हफ्तों में उत्तर प्रदेश में आर वैल्यू 2.14, झारखंड में 2.13 और बिहार में 2.09 है। ऐसे में इन राज्यों में एक संक्रमित दो से अधिक लोगों तक वायरस पहुंचा रहा है।

आगे डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि कोरोना के मामलों में कमी आने बाद लोगों की लापरवाही बढ़ गई। जिसकी वजह से वायरस की आर वैल्यू बढ़ गई। ऐसे में इन हालात में पहले से अधिक सतर्कता बरतने है और सावधान रहने की बहुत जरूरत है।

इसमें आर नंबर या वैल्यू कोरोना वायरस या किसी अन्य बीमारी के फैलने की क्षमता को दर्शाता है। तो यह उन लोगों की संख्या है जो वायरस से औसतन संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में इन आंकड़ों में वायरस से मरने वालों की संख्या, अस्पताल में भर्ती की संख्या व संक्रमण की चपेट में आने वालों की तादाद शामिल होता है।

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