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Lucknow में 17 मई तक लागू रहेगी धारा- 144, जानें सरकार ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला?

Section- 144 in Lucknow: पुलिस की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, किरायेदार का बिना पुलिस वेरिफिकेशन कराए मकान नहीं दिया जाएगा। साथ ही, अफवाह फैलाने वालों पर पैनी नजर रहेगी।

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Written By aman
Published on: 19 March 2024 4:40 PM GMT (Updated on: 19 March 2024 5:02 PM GMT)
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Section- 144 Imposed in Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धारा- 144 लागू कर दिया गया है। जेसीपी लॉ एंड ऑर्डर उपेंद्र कुमार अग्रवाल (JCP Law and Order Upendra Kumar Agarwal) ने इसके आदेश दिए। आगामी लोकसभा चुनाव, होली (Holi 2024) और रमजान (Ramadan 2024) के मद्देनजर ये आदेश जारी किए गए हैं। इसके उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

लखनऊ पुलिस के आदेश में क्या?

लखनऊ पुलिस (Lucknow Police) के आदेश में कहा गया है कि, लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों और चुनाव से किसी भी प्रकार से सम्बद्ध समस्त व्यक्तियों/कार्यकर्ताओं/संगठनों/ संघों द्वारा आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) का पालन कराने के लिए 19 मार्च 2024 से धारा- 144 सीआरपीसी जारी की गयी है। आचार संहिता का उल्लंघन करना भारतीय दण्ड विधान (IPC) की धारा- 188 और अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाएगा।

जानें राजधानी में क्या-क्या रहेगा प्रतिबंधित?

पुलिस की ओर से जारी आदेश में ये भी कहा गया है कि 'मार्च और अप्रैल महीने में विभिन्न महत्वपूर्ण त्योहार/कार्यक्रम व विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं राजधानी लखनऊ में आयोजित होंगी। इसलिए बिना परमिशन निर्धारित धरना स्थल को छोड़कर अन्य स्थान पर किसी भी प्रकार का धरना-प्रदर्शन, सरकारी दफ्तरों व विधानभवन के आसपास एक किलोमीटर परिधि में ड्रोन से शूटिंग, लखनऊ की सीमा के भीतर तेज धार वाले और नुकीले शस्त्र या आग्नेयास्त्र/ज्वलनशील पदार्थ तथा हथियार आदि लेकर चलना प्रतिबंधित रहेगा।

ट्रैफिक पुलिस-किरायेदार को लेकर ये आदेश

लखनऊ पुलिस की तरफ से जारी निर्देशों का उल्लंघन करने पर यदि वितरण कर्मचारी/किरायेदार द्वारा कोई अपराध किया जाता है। किसी प्रकार की गंभीर घटना को अंजाम दिया जाता है। वितरण कर्मचारी/किराएदार का नाम-पता तस्दीक न होने की वजह से उसका पता नहीं चल पाता है, तो सेवा प्रदाता (Service provider), मकान मालिक (landlord) के विरुद्ध भी क़ानूनी कार्यवाही की जा सकेगी। इसी प्रकार, लखनऊ में यातायात पुलिस (Lucknow Traffic police) द्वारा कराया जा रहा ई-रिक्शा मालिकों व चालकों का सत्यापन अनिवार्य होगा। ये आदेश यदि बीच में वापस न लिया गया तो 17 मई 2024 तक लागू रहेगा।

पुतला दहन-अफवाह फैलाने-सोशल मीडिया पर पैनी नजर

इसी प्रकार, लखनऊ सीमा के भीतर सार्वजनिक स्थलों पर पुतला दहन, अफवाह फैलाना तथा मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रानिक या सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना का प्रसारित किया जाना प्रतिबन्धित रहेगा।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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