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IPS अमिताभ ठाकुरः आ गए बुरे दिन, हटाई गई सुरक्षा गारद
जबरन वीआरएस देकर रिटायर किए आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की सुरक्षा हटा ली गयी है। इस बात की जानकारी स्वयं अमिताभ ठाकुर ने दी है।
लखनऊ: जबरन वीआरएस देकर रिटायर किए आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की सुरक्षा हटा ली गयी है। इस बात की जानकारी स्वयं अमिताभ ठाकुर ने दी है। अमिताभ ठाकुर ने उस पत्र की कापी भी जारी की है जिसमें उनकी सुरक्षा हटाए जाने का उल्लेख किया गया है।
अमिताभ ठाकुर को किया गया रिटायर
बतातें चलें कि मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस दर्ज कर चर्चाओं में आए आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को रिटायर कर दिया गया। वो 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। रिटायरमेन्ट के पहले अमिताभ ठाकुर की तैनाती आईजी सिविल डिफेंस के पद पर थी। रिटायर किए जाने के बाद अमिताभ ठाकुर ने अपने घर की नेमप्लेट में जबरिया रिटायर्ड लिखवा दिया। जिसके बाद वो एक बार फिर मीडिया की सुर्खियां बन गए। तो वहीं, अब पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यूपी के डीजीपी को पत्र लिखकर फेयरवेल की मांग की है।
मुलायम सिंह पर धमकी देने का आरोप लगाया
इससे पहले अपने रिटायरमेंट की जानकारी अमिताभ ठाकुर ने ट्विटर पर बताया था कि उन्हें गृह मंत्रालय द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। यह भी बताना आवष्यक है कि 2017 में ठाकुर ने केंद्र से उनका कैडर बदलने का आग्रह किया था और तर्क दिया था कि मुलायम सिंह के फोन के बाद अपने जीवन और परिवार के लिए गंभीर खतरे देख रहा हूं। इससे पहले 13 जुलाई 2015 को उन्हें निलंबित कर दिया गया था, जब उन्होंने मुलायम सिंह पर उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया था। इससे पहले विकास दुबे एनकाउन्टर मामले में अमिताभ ठाकुर ने पहले ही सोषल मीडिया पर बता दिया कि उसका रास्ते में एनकाउन्टर हो जाएगा। अमिताभ ठाकुर ने 29 अक्टूबर 2020 को मुख्य सचिव और डीजीपी को एक अन्य पत्र लिखकर प्रदेश के आईजी और एडीजी रैंक के तीन वरिष्ठतम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाये थे। इनमें से एक अधिकारी इस समय भी सतर्कता विभाग में कार्यरत हैं। पत्र में इन अधिकारियों पर अपने पद के दुरुपयोग करने की गंभीर शिकायत दर्ज कराई गई थी।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री