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Sonbhadra: सोनभद्र सहित 4 जनपदों में लड़ी जाएगी मलेरिया से निर्णायक जंग, चयनित कर्मियों को दिया प्रशिक्षण
Sonbhadra: सोनभद्र सहित मिर्जापुर, आगरा और मेरठ में मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के लिए चयनित कार्यकर्ताओं को लखनऊ बुलाकर तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
Sonbhadra: भारत को वर्ष 2030 तक मलेरिया और डेंगू मुक्त किए जाने के अभियान के क्रम में, मलेरिया के मामले में डेंजर जोन का दर्जा रखने वाले सोनभद्र सहित यूपी के चार जनपदों में निर्णायक जंग की तैयारी तेज हो गई है। इसके लिए सोनभद्र में अति संवेदनशील पांच ब्लाकों के 100 गांवों को चयनित करने के साथ ही, सोनभद्र सहित मिर्जापुर, आगरा और मेरठ में मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (Malaria Elimination Program) के लिए चयनित कार्यकर्ताओं को लखनऊ बुलाकर तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। रविवार को प्रशिक्षण समाप्ति के बाद उन्हें चयनित गांवों-बस्तियों में जाकर घर-घर दस्तक देने और उनके घर में होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। सर्वे के बाद, मलेरिया के खात्मे को लेकर नई रणनीति बनाई जाएगी।
फैमिली हेल्थ इंडिया के एंबेड कार्यक्रम के जरिए करेंगे मलेरिया का खात्मा
सोनभद्र में मलेरिया के खात्मे के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ यूपी में मलेरिया-डेंगू खात्मे पर काम कर रहे, फैमिली हेल्थ इंडिया (Family Health India) के एंबेड कार्यक्रम का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए कार्यक्रंम के तहत चयनित कार्यकर्ताओं-समन्वयकों को लखनऊ के सहभागी शिक्षण केंद्र में तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इसमें जिले के बभनी, म्योरपुर, दुद्धी, और नगवा ब्लॉक में बीसीसीएफ के रूप में कार्य के लिए चयनित किए गए कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया। पहले दिन स्वास्थ्य महकमे के अपर निदेशक डॉ. विकास सिंघल ने मच्छरों के उन्मूलन और बीसीसीएफ के भूमिका की जानकारी दी। मलेरिया और डेंगू के लक्षण और उनके बचाव-उपचार पर प्रकाश डाला। दूसरे दिन निदेशक डॉ. एके सिंह, अपर निदेशक डॉ. मोहित सिंह और डॉ. सुदेश कुमार ने मच्छर जनित बीमारियों की जानकारी दी। समापन डॉ. अरुण कुमार भरारी मलेरिया उन्मूलन के अभियान को जनव्यवहार में कैसे लाया जाए, इस पर विशेष रोशनी डाली। फैमिली हेल्थ इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर सोम शर्मा, चयनित जिलों के जिला समन्वयक धर्मेंद्र त्रिपाठी, दुर्गेश कुमार, सत्य प्रकाश सिंह, शशांक यादव के अलावा सोनभद्र से रवि शंकर पांडेय, सरोज कुमार, गुरुशरण, चंद्रकांत तिवारी, विशाल सिंह, सूरज कुमार, प्रदीप पाठक, राहुल जयसवाल ने प्रतिभाग किया।
इन-इन ब्लाकों में चलेगा अभियान
गोदरेज की एंबेड परियोजना यानी फैमिली हेल्थ इंडिया के जरिए सोनभद्र में फिलहाल म्योरपुर ब्लाक के 40, दुद्धी के 20, चोपन के 20, बभनी के 10, नगवां के 10 गांवों में यह अभियान चलेगा। एंबेड के जिला समन्वयक शशांक यादव ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद, अब संस्था से जुड़े लोगों को चयनित गांवों में घर-घर जाकर बीमारी के बारे में जानकारी ली जाएगी। 24 घंटे से अधिक बुखार वाले परिवारों पर विशेष फोकस होगा। इसके लिए आशा का प्रशिक्षित कर, ऐसे घरों के लोगों की जांच कराई जाएगी। मलेरिया पॉजिटिव मिलने पर उन्हें समुचित इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। उनके आस-पास के परिस्थितियों पर नजर डाली जाएगी और लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक करने के साथ, ही इसके कारणों, लार्वा के खात्मे के लिए भी जागरूक किया जाएगा। सर्वे पूरा होने के बाद प्लान इस तरह से बनाया जाएगा कि चयनित गांव के प्रत्येक घर पर एंबेड की टीम साल में कम से कम चार बार दस्तक दे।
युवाओं, क्लिनिक संचालकों, शिक्षकों-अभिभावकों को बनाएंगे अभियान का हिस्सा
अभियान पूरी तरह प्रभावी हो, इसके लिए संबंधित इलाकों में संचालित क्लिनिक संचालकों को जरूरी प्रशिक्षण देकर, आने वाले बुखार रोगियों की जांच कराने, बेहतर उपचार के लिए सरकारी अस्पताल भेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बीमार होने के 24 घंटे के भीतर हर बुखार पीड़ित की सूचना एंबेड टीम तक पहुंच जाए, इसके लिए संबंधित गांवों के 18 से 24 वर्ष के युवाओं को भी जागरूक कर अभियान के साथ जोड़ा जाएगा। इसके अलावा अभियान वाली एरिया के स्कूलों में भी कार्यक्रम आयोजित कर शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों को जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
गांवों के चयन में पूर्व में मिले मरीजों की संख्या को बनाया गया है आधार
स्रकारी रिकर्ड में पिछले वर्ष जिन गांवों में प्रति एक हजार आबादी पर 10 से अधिक मलेरिया मरीज पाए गए हैं, उन्हें प्रथम चरण के लिए अभियान के लिए चयनित किया गया है। जिला समन्वयक शशांक यादव ने बताया कि जैसे-जैसे आगे स्थिति की जानकारी मिलती जाएगी, वैसे-वैसे गांवों की संख्या बढ़ाते जाएंगे।