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सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस का हुआ ट्रायल, ये है ट्रेन की खासियतें

देश में निर्मित पहली सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस शनिवार दोपहर कैंट रेलवे स्टेशन पहुंची। यह पहला मौका है, जब प्रयागराज-वाराणसी के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल हुआ।

Aditya Mishra
Published on: 2 Feb 2019 6:49 PM IST
सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस का हुआ ट्रायल, ये है ट्रेन की खासियतें
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वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार बुलेट ट्रेन का सपना देशवासियों को दिखाया। पांच साल बाद देशवासियों को बुलेट ट्रेन तो नसीब नहीं हुआ लेकिन उसकी एक झलक देखने को जरुर मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए लोगों को देश में निर्मित पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात दी। आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना करेंगे। हालांकि इसके पहले ही ट्रायल के तौर पर देश की पहली इंजन रहित ट्रेन-18 ट्रैक पर दौड़ने लगी है।

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दिल्ली से वाराणसी चलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस

देश में निर्मित पहली सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस शनिवार दोपहर कैंट रेलवे स्टेशन पहुंची। यह पहला मौका है, जब प्रयागराज-वाराणसी के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल हुआ। ट्रेन दिल्ली से इलाहाबाद जंक्शन, मिर्जापुर, जिउथानपुर होते हुए वाराणसी पहुंची। कैंट स्टेशन पर लोगों ने हर-हर महादेव और मोदी जिंदाबाद के नारे के साथ जोरदार स्वागत किया। वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह 6 बजे दिल्ली से चलकर दोपहर में 2:45 बजे वाराणसी पहुंची।

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130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी ये ट्रेन

चेन्नई रेल कोच फैक्ट्री में तैयार यह ट्रेन अगले महीने दिल्ली-वाराणसी के बीच 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी और आठ घंटे में यह दूरी तय करेगी। यह ट्रेन 3:12 पर दिल्ली के लिए फिर रवाना हो गई। बता दें कि इस ट्रेन को 8 घंटे में पहुंचने का दावा किया गया था। लेकिन यह ट्रेन दिल्ली से वाराणसी 8 घंटे और 45 मिनट में पहुंची।

इसके पीछे रेलवे ट्रैक के दुरुस्त न होने की वजह सामने आई है। फिलहाल अभी तय नहीं हुआ है कि यह ट्रेन वाराणसी कौन से रूट से होकर वाराणसी पहुंचेगी। अधिकारियों का कहना है कि अभी यह ट्रेन मंडुआडीह रेलवे स्टेशन पर भी ट्रायल के लिए दुबारा आ सकती है। ट्रेन के रेलवे स्टेशन पर आते ही लोग ट्रेन के इंटीरीयर को देखने के लिए लालायित रहें। लेकिन अभी किसी को अंदर जाने नहीं दिया गया।

ये है इस ट्रेन की खासियतें

-ट्रेन-18 देश की पहली लोकोमोटिव रहित ट्रेन है जो करीब 30 वर्ष पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेगी।

- वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 कोच हैं।

- ट्रे करीब 18 महीनों में बनकर तैयार हुई

- इस ट्रेन पर 97 करोड़ रुपए लागत आई है।

-ट्रेन पूरी तरह वातानुकूलित है।

-पूरी ट्रेन चेयरकार है।

-ट्रेन में मनोरंजन के साधन के अलावा सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

-ट्रेन में वाईफाई के अलावा स्वचालित दरवाजे लगे हैं।

-ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किमी प्रति घंटे है।

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Aditya Mishra

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