छुट्टा गोवंश ​रखरखाव की निगरानी करेंगे दो वरिष्ठ अधिकारी, सभी डीएम को दिए ये निर्देश

यूपी में निराश्रित पशुओं के रखरखाव के व्यवस्था की निगरानी का जिम्मा दो महकमों के प्रशासनिक मुखिया को सौंपा गया है। गाइडलाइन भी जारी की गई है। नोडल अफसर भी अपने प्रभार वाले जिलों के दौरों के दौरान इस गाइडलाइन के तहत कराए गए कामों की समीक्षा करेंगे।

Dharmendra kumar
Published on: 19 Jan 2019 9:02 AM GMT
छुट्टा गोवंश ​रखरखाव की निगरानी करेंगे दो वरिष्ठ अधिकारी, सभी डीएम को दिए ये निर्देश
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लखनऊ: यूपी में निराश्रित पशुओं के रखरखाव के व्यवस्था की निगरानी का जिम्मा दो महकमों के प्रशासनिक मुखिया को सौंपा गया है। गाइडलाइन भी जारी की गई है। नोडल अफसर भी अपने प्रभार वाले जिलों के दौरों के दौरान इस गाइडलाइन के तहत कराए गए कामों की समीक्षा करेंगे। खास यह है कि अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज ग्रामीण और प्रमुख सचिव नगर विकास शहरी क्षेत्रों में छुटटा पशुओं के रख—रखाव व्यवस्था की निगरानी करेंगे।

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गोवंश संरक्षण के लिए डीएम को दिए गए यह निर्देश

शासन की तरफ से सभी डीएम को निराश्रित पशुओं की रोकथाम की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए हैं। कोई भी पशु ग्राम या नगर में छुटटा नहीं घूमें, ताकि फसल व जनधन का नुकसान न हो। हर जिले में जिला पंचायतों के औसतन 10—12 कांजी हाउस हैं। डीएम को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह स्थानीय स्तर पर संस्थाओं से सहयोग लेकर छुटटे पशुओं की रोकथाम के लिए कार्य योजना तैयार कराएं।

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कांजी हाउस संचालन के लिए डीएम शासन को प्रस्ताव उपलब्ध कराएं। ताकि पंचायतों को धनराशि भेजी जा सके। यदि कोई ग्राम पंचायत पशुओं को खुला छोड़ती है तो उस ग्राम पंचायत निधि की धनराशि का उपयोग पशुओं की रोकथाम के लिए किया जा सकता है। चरागाहों की भूमि अतिक्रमण मुक्त कराने और अवैध कब्जे हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

Dharmendra kumar

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