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और जब जूता पहने हुए ही अधिकारियों ने की मां सरस्वती की पूजा..
शिक्षा के मंदिर में बच्चों को बेहतर ज्ञान मिल रहा है या नहीं, टीचरों को खुद ज्ञान है या नहीं इसकी पड़ताल करने वाले ज़िम्मेदार अधिकारी खुद ही भारतीय संस्कृत के अज्ञानी हैं। तभी तो एक स्कूल के प्रोग्राम में अमेठी के सीडीओ और बीएसए ने जूता पहनकर ही मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की
अमेठी: शिक्षा के मंदिर में बच्चों को बेहतर ज्ञान मिल रहा है या नहीं, टीचरों को खुद ज्ञान है या नहीं इसकी पड़ताल करने वाले ज़िम्मेदार अधिकारी खुद ही भारतीय संस्कृत के अज्ञानी हैं। तभी तो एक स्कूल के प्रोग्राम में अमेठी के सीडीओ और बीएसए ने जूता पहनकर ही मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की।
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गौरीगंज के पचेहरी मॉडल स्कूल का मामला
- ज़िला मुख्यालय के गौरीगंज के पचेहरी स्थित मॉडल स्कूल पर शनिवार को बच्चों के स्वेटर वितरण का प्रोगाम आयोजित किया गया था।
- इस प्रोग्राम में जिले के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) राहुल सिंह और बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) राजकुमार पंडित बतौर चीफ गेस्ट मौजूद थे।
- स्वेटर वितरण के प्रोगाम से पहले भारतीय संस्कृत के अनुरूप मां सरस्वती की प्रतिमा पर पूजा-अर्चना का कार्यक्रम भी रखा गया था। इसके बाद ही अन्य कार्यक्रम की शुरुआत होनी थी। - इस बीच जब संचालक ने सीडीओ राहुल सिंह और बीएसए राजकुमार पंडित को माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिया बुलाया तो दोनों ही ज़िम्मेदार अधिकारी प्रतिमा के पास पहुंचे और जूता पहने ही पहने उन्होंंने माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना की।
बड़ा सवाल है ये:
अब बड़ा सवाल ये है के जहाँ स्कूलों में बच्चों को भारतीय संस्कृति और सभ्यता का पाठ पढ़ाया जाता है, वहीं स्कूल में पढ़ने वाले सैकड़ो बच्चों के सामने ही अधिकारी अपनी मर्यादा व संस्कृति भुला बैठे। ऐसे बच्चों को कैसी शिक्षा दी जा सकती है इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
डीएम शकुंतला गौतम का कहना है के भारतीय संस्कृत हमेशा सम्मान सिखाती है। अगर अधिकारियों ने ऐसा किया तो जानबूझ कर नहीं किया होगा लेकिन सबको ध्यान रखना चाहिये।