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सेवा भारती ने पानी और पर्यावरण संरक्षण का रैली निकालकर दिया संदेश

लखनऊ। सेवा भारती ने पानी और पर्यावरण संरक्षण का रैली निकालकर संदेश दिया। जिसमें कहा गया कि हमारे मनीषियों व ऋषि मुनियों ने हमे नदी, पेड़-पौघे, पशु-पक्षी, जीव मात्र को धर्म की आस्थाओं के साथ जोड़ा गया, ताकि प्रकृति का पोषण हो न कि शोषण।

राम केवी
Published on: 7 April 2023 5:17 PM GMT
सेवा भारती ने पानी और पर्यावरण संरक्षण का रैली निकालकर दिया संदेश
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लखनऊ। सेवा भारती ने पानी और पर्यावरण संरक्षण का रैली निकालकर संदेश दिया। जिसमें कहा गया कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही जल और नदियों का सम्मान होता रहा है और हमारी प्राचीन शिक्षा व्यवस्था में प्रकृति को आत्मसात किया जाता रहा है। हमारे मनीषियों व ऋषि मुनियों ने हमे नदी, पेड़-पौघे, पशु-पक्षी, जीव मात्र को धर्म की आस्थाओं के साथ जोड़ा गया, ताकि प्रकृति का पोषण हो न कि शोषण।

जल संरक्षण-पर्यावरण संरक्षण हेतु, जल बचाओ-पर्यावरण बचाओ नारे के साथ सेवा भारती लखनऊ द्वारा रविवार को साईकिल रैली आयोजित की गई। इस अवसर पर क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख मिथलेश ने कहा कि मैकाले शिक्षा पद्दति ने हमें प्रकृति संरक्षण के प्रति मिले भारतीय संस्कारों को नष्ट कर दिया।

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उन्होंने कहा कि इसके चलते हमारे हृदय प्रकृति के प्रति श्रद्धा समाप्त होती गई और हम प्रकृति का पोषण नहीं बल्कि शोषण करने लगे। उन्होंने कहा कि अक्सर ब्रश करते वक्त लोग जीभ साफ करने तक नल खुला रखते हैं और जल अनावश्यक बहता रहता है, जबकि हमें प्रकृति संसाधनों का उपयोग मात्र और मात्र आवश्यक मात्रा में ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें पुनः अपने भारतीय संस्कृति को आत्मसात करते हुए प्रकृति संरक्षण के विषय में चिंतन कर जीवन में उतारना होगा।

https://newstrack.com/photo-gallery/water-environmental-protection-seva-bharti-holds-cycle-rally-for-public-awareness-418609.html

पानी के साथ अन्य संसाधनों का उपयोग घटाएं

विश्व बैंक में सेवारत आपदा प्रबंधन अधिकारी श्रीमती अदिति उमराव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हमारे अनाज फसलों को भी दुष्प्रभावित कर रहा है।

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जल के महत्व पर उन्होंने कहा कि आज हम पीने का पानी 20 रुपये प्रति लीटर खरीद रहे हैं लेकिन क्या अपने अन्य उपयोग के लिए भी हमे जल इसी मूल्य पर खरीदना पड़े तो क्या हम खरीदे गये जल का शोषण करेंगें।

उन्होंने कहा कि एक छोटा परिवार रोज कम से कम पांच से छह सौ लीटर जल खर्च करता ही करता है। इसीलिए हमें जल के साथ साथ प्रकृति के अन्य संसाधनों का उपयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण दे सकें।

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इन क्षेत्रों से गुजरी रैली

इससे पहले जल बचाओ-पर्यावरण बचाओ नारे के उद्घोष के साथ साईकिल रैली, लखनऊ के चारों भाग पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण से साइकिल चला कर लखनऊ के 1090 चैराहा, गोमती बैराज के पास पराग बूथ पार्किंग स्थल पर एकत्रित हो कर सभा में तब्दील हो गये। कार्यक्रम में सेवा भारती के लखनऊ महानगर के अध्यक्ष डॉ राजीव लोचन, अवध प्रान्त के संघ चालक डॉ हरमेश, प्रान्त सह कार्यवाह प्रशांत, प्रान्त सेवा प्रमुख डॉ देवेंद्र उपस्थित रहे।

राम केवी

राम केवी

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