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Modi Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी का दबदबा, ये 7 सांसद केंद्रीय मंत्री बने
उत्तर विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मोदी मंत्रिमंडल विस्तार सबसे ज्यादा यूपी का वर्चस्व दिखाई दे रहा है। यूपी से सात सांसद मंत्री बने हैं।
दिल्ली: उत्तर विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मोदी मंत्रिमंडल विस्तार सबसे ज्यादा यूपी का वर्चस्व दिखाई दे रहा है। कैबिनेट विस्तार में यूपी से पांच लोकसभा सांसद और दो राज्यसभा सांसद शामिल हुए हैं। इसमें लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर, आगरा से सांसद प्रो. सत्य पाल सिंह बघेल (एसपी सिंह बघेल), जालौन से सांसद भानू प्रताप सिंह वर्मा, महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी शामिल हैं। वहीं काफी दिनों से मंत्री पद की मांग कर रहीं बीजेपी की सहयोगी अपना दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी दूसरी बार मंत्री बनी हैं, अनुप्रिया मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वास्थ्य राज्य मंत्री थीं। अनुप्रिया यूपी के मिर्जापुर से सांसद हैं। जो दो राज्यसभा सांसद हैं, उसमें शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी का प्रमोशन हुआ है, जबकि बदायूं के रहने वाले राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा भी मंत्री बने हैं।
कौन हैं कौशल किशोर?
लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर परख महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के एससी विंग के अध्यक्ष हैं। कौशल किशोर एक एक्टिव नेता हैं, साथ ही, सामाजिक न्याय के मुद्दों को लेकर वे काफी सक्रिय रहते हैं। इसके लिए वह देश भर में पहचाने जाते हैं। बता दें कौशल किशोर लंबे समय से इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि भाजपा किसी गैर जाटव दलित चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है। जिसके बाद अब वह मंत्री बनने जा रहे हैं। वह पासी समाज से आते हैं, जाटव के बाद यूपी में इनका बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में भाजपा इसके सहारे 2022 चुनाव को भी साध सकती है।
कौशल किशोर का राजनीतिक सफर
2002-2007: उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य
2003-2004: उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री
मई, 2014: 16वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित
मई, 2019: 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित
कौन हैं एसपी सिंह बघेल?
सत्यपाल सिंह बघेल यानि प्रो. एसपी सिंह बघेल उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के भटपुरा के हैं। इनके पिता रामभरोसे सिंह मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में तैनात थे। 1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद बघेल मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा में शामिल हो गए, लेकिन अपनी निडरता, मेहनत और ईमानदारी के बल पर उन्होंने मुलायम सिंह यादव का भी दिल जीत लिया। मुलायम सिंह यादव ने उनको जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर 1998 में पहली बार उतारा और वह जीते। उसके बाद दो बार सांसद चुने गए। 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा। साथ ही राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी भी दी, 2014 में फिरोजाबाद लोकसभा से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के सामने चुनाव लड़े हालांकि वह यह चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए। एसपी सिंह बघेल ने बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचार के रूप में भूमिका निभाई। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निकट माने जाते हैं, पार्टी ने ताकतवार सांसद और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया का टिकट काटकर एसपी सिंह बघेल को चुनाव लड़ाया। इसके बाद आगरा से बघेल ने शानदार जीत दर्ज की।
कौन हैं भानु प्रताप वर्मा?
यूपी के जालौन की भोगनीपुर से सांसद भानु प्रसात वर्मा 5 बार के बीजेपी सांसद हैं, उनके समर्थक इस उपलब्धि पर खासे उत्साहित हैं। भानु प्रताप वर्मा ने अपने राजनीतिक करियर 1991 में कोच विधानसभा सीट से बतौर विधायक शुरू किया था। भानु प्रताप वर्मा कोरी समाज से ताल्लुख रखते हैं और इनका अपने समाज मे अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है। 1996 में जनपद जालौन की लोकसभा सीट जालौन-गरौठा नाम से थी, जिसमें 4 विधानसभा थीं। उरई-जालौन विधानसभा, कालपी, माधौगढ़ और कोंच विधानसभा, चारों प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। 1996 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा को जीत मिली और पहली बार भानु प्रताप वर्मा सांसद बने। इसके बाद 1998 के लोकसभा चुनाव में भी भानु प्रताप वर्मा दूसरी बार विजयी घोषित हुए। 2004 के लोकसभा चुनाव में भानु प्रताप वर्मा ने जीत का क्रम बरकरार रखा। 2014 के लोकसभा चुनाव और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भानु प्रताप वर्मा को दोबारा जीत मिली इस तरह कुल 5 बार इस सीट से सांसद चुने गए।
कौन हैं पंकज चौधरी?
यूपी के महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी भी मोदी कैबिनेट शामिल किए गए हैं। 2019 में छठवीं बार पंकज चौधरी लोकसभा के सांसद बने थे। उनका जन्म गोरखपुर में हुआ और वहीं से वे पढ़े लिखे। 57 साल के पंकज चौधरी को पार्षद से लेकर संसद सदस्य तक का अनुभव रहा है। पंकज चौधरी 1991, 1996, 1998, 2004, 2014 में सांसद रह चुके हैं और 2019 में वे छठवीं बार सांसद चुने गये थे। पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर गोरखपुर के नगर निगम से शुरू होता है, वे पहली बार 1989-91 में नगर निगम गोरखपुर में पार्षद चुने गये थे। इसके बाद 1990-91 तक वे गोरखपुर नगर निगम में ही उप-महापौर रहे। इसी साल उन्हें पहला बड़ा ब्रेक मिला। 1991 में ही उन्हें प्रदेश भाजपा में कार्यकारिणी समिति में सदस्य बनाया गया। इसी साल हुए लोकसभा के चुनाव में उन्हें टिकट भी मिल गया और वे जीत भी गये। फिर 1996 में दोबारा जीते। इस बार भी उन्हें कई संसदीय समितियों में रहने का मौका मिला।
1998 में मध्यावधि चुनाव हुए और पंकज चौधरी फिर जीत गये। इस बार भी वे कई दूसरी संसदीय समितियों में सदस्य रहे। 2004 में चौथी बार वे फिर से सांसद बने। लेकिन, लोकसभा चुनावों में लगातार जीत का उनका क्रम 2009 में टूट गया। वे भाजपा से लड़े तो लेकिन कांग्रेस के हर्षवर्द्धन से चुनाव हार गये। 2014 में फिर चुनाव हुए. पार्टी ने पंकज चौधरी का हाथ नहीं छोड़ा और फिर से टिकट दिया। पंकज चौधरी इस बार पांचवीं बार सांसद बने। हालांकि इस बार भी उन्हें मंत्रिमण्डल में जगह नहीं मिल पायी, 2019 में वे फिर से सांसद बने और अब वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं।
अनुप्रिया पटेल
मिर्जापुर से सांसद अनप्रिया पटेल मोदी सरकार में मंत्री बनेंगी। अनुप्रिया अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की बड़ी बेटी हैं, वह दूसरी बार मिर्जापुर से सांसद चुनी गई हैं और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में फिर से मंत्री बनने जा रही है। अनुप्रिया मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी राज्य मंत्री थीं। बता दें 2014 के आम चुनावों में बीजेपी गठबंधन की सदस्य अपना दल एस ने 2 सीटें हासिल की थीं। इसके बाद मोदी सरकार ने मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल को केंद्र में स्वास्थ्य राज्यमंत्री बनाया था, लेकिन 2019 में मोदी सरकार दोबारा बनने के बाद अपना दल को केंद्रीय टीम में जगह नहीं मिली। अब मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में अनुप्रिया पटेल का शामिल होना करीब-करीब तय माना जा रहा है।
कौन हैं हरदीप सिंह पुरी?
पूर्व नौकरशाह और यूपी से राज्यसभा सांसद हरदीप सिंह पुरी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हैं उन्हें अब कैबिनेट का दर्जा दिया गया है। हरदीप सिंह पुरी का जन्म दिल्ली में हुआ था। उनके पिता एक राजनयिक थे, हरदीप सिंह पुरी आईएएस अफसर के तौर पर अपनी सेवाएं देने के बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे और उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में जगह दी है। वह 1994 से 1997 तक और 1999 से 2002 तक विदेश मंत्रालय में भारत सरकार के संयुक्त सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने 1997 से 1999 तक रक्षा मंत्रालय में भारत सरकार के संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया है। 2009 से 2013 तक विदेश मंत्रालय में भारत सरकार (आर्थिक संबंध) के सचिव के रूप में कार्य किया।
हरदीप सिंह पुरी को ब्राजील, जापान, श्रीलंका और यूनाइटेड किंगडम में महत्वपूर्ण राजनयिक पदों पर तैनात किया गया है। 1988 से 1991 के बीच, वह बहुपक्षीय व्यापार वार्ता के उरुग्वे दौर में विकासशील देशों की मदद करने के लिए UNDP / UNCTAD बहुपक्षीय व्यापार वार्ता परियोजना के समन्वयक थे। जनवरी 2011 से फरवरी 2013 तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवाद-रोधी समिति के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया और अगस्त 2011 और नवंबर 2012 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
कौन हैं बीएल वर्मा?
बदायूं निवासी बीएल वर्मा मोदी कैबिनेट में शामिल किए गए हैं, बीएल वर्मा को पिछले साल ही बीजेपी ने राज्यसभा का टिकट देकर संसद भेजा। अब वह मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो गए हैं। पिछली बार जब उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया तो कयास लगाया गया कि रुहेलखंड के साथ आगरा मंडल में पार्टी ने लोधी वोट बैंक को सहेजने की कोशिश की है, वैसे बीएल वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के करीबी भी माने जाते रहे हैं।
बीएल वर्मा उझानी ब्लॉक के ज्योरा पारवाला गांव के रहने वाले हैं, उन्होंने 1980 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के खंड कार्यवाह व तहसील प्रमुख के रूप में सामाजिक जीवन के सफर की शुरुआत की थी। 1984 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री बने। इसके बाद वह लगातार संगठन के लिए कार्य करते रहे और 1997 में भाजयुमो के प्रदेश मंत्री बने। 2003 से 2007 तक वह भाजपा के प्रदेश मंत्री भी रहे। जब कल्याण सिंह ने बीजेपी छोड़ी और जन क्रांति पार्टी बनाई, तब बीएल वर्मा को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद कल्याण सिंह के साथ ही वह भाजपा में लौट आए। वह भाजपा रूहेलखंड के अध्यक्ष रहे और वर्ष 2016 में भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष बने और फिर उनके कद को बढ़ाते हुए पार्टी ने भाजपा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। यूपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद इन्हें राज्य मंत्री स्तर का यूपी सिडको का चेयरमैन बनाया गया।
इन 43 नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह
1.नारायण तातू राणे
2.सर्वानंद सोनोवाल
3.डॉ. वीरेंद्र कुमार
4.ज्योतिरादित्य सिंधिया
5.रामचंदर प्रसाद सिंह
6.अश्विनी वैष्णव
7.पशुपति कुमार पारस
8.किरेन रिजिजु
9.राज कुमार सिंह
10.हरदीप सिंह पुरी
11.मनसुख मंडविया
12.भूपेंद्र यादव
13.पुरुषोत्तम रुपाला
14.जी किशन रेड्डी
15.अनुराग सिंह ठाकुर
16.पंकज चौधरी
17.अनुप्रिया सिंह पटेल
18.सत्यपाल सिंह बघेल
19.राजीव चंद्रशेखर
20.शोभा करंदलाजे
21.भानु प्रताप सिंह वर्मा
22.दर्शना विक्रम जरदोश
23.मीनाक्षी लेखी
24.अन्नपूर्णा देवी
25.ए नारायणस्वामी
26.कौशल किशोर
27.अजय भट्ट
28.बीएल वर्मा
29.अजय कुमार
30.देवू सिंह चौहान
31.भगवंत खुबा
32.कपिल मोरेश्वर पाटील
33.प्रतिमा भौमिक
34.सुभाष सरका
35.भागवत किसनराव कराड
36.राजकुमार राजन सिंह
37.विश्वेश्वर टुडू
38.भारती प्रवीन पवार
39.शांतनु सरकार
40.मुंजापारा महेंद्र भाई
41.जॉन बार्ला
42.एल मुरुगन
43.नीतीश प्रमाणिक