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इन्सेफेलाइटिस से मौतों का सिलसिला जारी, 72 घंटों में 21 मासूमों की गई जान

पूर्वांचल में इन्सेफेलाइटिस (दिमागी बुखार ) से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है। पिछले 72 घंटों में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज मे 52 मरीज एडमिट हुए है। जिसमें 21 मासूमों की मौत हो चुकी है। जबकि मेडिकल कॉलेज के विभिन्न वार्डों मे मासूमों का इलाज चल रहा है

tiwarishalini
Published on: 16 Sept 2016 4:21 AM IST
इन्सेफेलाइटिस से मौतों का सिलसिला जारी, 72 घंटों में 21 मासूमों की गई जान
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गोरखपुर: पूर्वांचल में इन्सेफेलाइटिस (दिमागी बुखार ) से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है। पिछले 72 घंटों में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज मे 52 मरीज एडमिट हुए है। जिसमें 21 मासूमों की मौत हो चुकी है। जबकि मेडिकल कॉलेज के विभिन्न वार्डों मे मासूमों का इलाज चल रहा है।

इस साल अब तक 252 मासूमों की मौत

-इस साल 1 जनवरी से अब तक 252 मासूमों की मौत हो चुकी है, जब की 1,002 मरीज अब तक एडमिट किए जा चुके हैं।

-फिलहाल 141 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

-गोरखपुर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल मे जनवरी से अबतक 123 मासूम एडमिट हो चुके है।

क्या कहते हैं गोरखपुर के मुख्य चिकिद्सा अधिकारी

-इस पूरे मामले मे गोरखपुर के मुख्य चिकिद्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार का कहना है कि इन्सेफेलाइटिस एक गंभीर जानलेवा बीमारी है।

-हम लोगो की इस बार भरपूर तैयारी है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल मे भी मेडिकल कॉलेज के स्तर पर भरपूर सुविधा है।

-पूरे डिस्ट्रिक्ट में 22 इन्सेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर है। इस बार पिछले साल की अपेक्षा डेथ पर्सेंटेज कम है।

आगे की स्लाइड में पढ़ें क्या है इन्सेफेलाइटिस

क्या है इन्सेफेलाइटिस ?

-इन्सेफेलाइटिस एक प्रकार दिमागी बुखार है जो वाइरल संक्रमण की वजह से होता है।

-यह एक खास किस्म के वायरस से द्वारा होता है, जो मच्छर या सूअर के द्वारा फैलते हैं। या यूं कह लें गंदगी से भी यह उत्पन्न हो सकता है।

-एक बार यह हमारे शरीर के संपर्क आता है, फिर यह सीधा हमारे दिमाग की ओर चला जाता है।

-दिमाग में जाते ही यह हमारे सोचने, समझने, देखने और सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है।

-यह वायरस सिर्फ छूने से नहीं फैलता।

-ज्यादातर 1 से 14 साल के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के लोग इसकी चपेट में आते हैं।

-इसका प्रकोप साल के तीन महीने अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में अपने जोरों पर होता है।

आगे की स्लाइड में जानिए इसके जापानी इन्सेफेलाइटिस के लक्षण

क्या हैं जापानी इन्सेफेलाइटिस के लक्षण ?

-इसके शुरुआती लक्षण कई प्रकार के होते हैं। जबकि इससे ग्रसित 50 से 60 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है।

-बुखार, सिरदर्द, गरदन में अकड़, कमजोरी और उल्टी होना इसके शुरुआती लक्षण हैं।

-जबकि समय के साथ सिरदर्द में बढ़ोतरी होने लगती है और हमेशा सुस्ती छाई रहती है।

-भूख कम लगना, तेज बुखार, अतिसंवेदनशील होना

-वहीं, कुछ समय के बाद भ्रम का शिकार होना

-फिर पागलपन के दौरे आना, लकवा मारना और स्थिति कोमा तक पहुंच सकती है।

-वहीं, बहुच छोटे बच्चों में ज्यादा देर तक रोना, भूख की कमी, बुखार और उल्टी होना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।

आगे की स्लाइड में जानें कैसे करे इन्सेफेलाइटिस से बचाव

कैसे करें इन्सेफेलाइटिस से बचाव ?

-समय से टीकाकरण कराएं।

-साफ-सफाई से रहें, गंदे पानी के संपर्क में आने से बचना होगा।

-मच्छरों से बचाव।

-घरों के आस पास पानी न जमा होने पाए।

-खासकर बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खान-पान।

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tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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