Sonbhadra: सोनभद्र में गंभीर हीटवेव की स्थिति, 30 अप्रैल तक 47 डिग्री तक पहुंच सकता है पारा

Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के आखिरी छोर पर बसा सोनभद्र गंभीर हीटवेव (heatwave) की चपेट में है। बुधवार को यहां अधिकतम तापमान 43 डिग्री रिकार्ड किया गया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 27 April 2022 2:34 PM GMT
Sonbhadra: सोनभद्र में गंभीर हीटवेव की स्थिति, 30 अप्रैल तक 47 डिग्री तक पहुंच सकता है पारा
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Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश के आखिरी छोर पर बसा सोनभद्र गंभीर हीटवेव (heatwave) की चपेट में है। बुधवार को यहां अधिकतम तापमान 43 डिग्री रिकार्ड किया गया। आने वाले तीन से चार दिन हीटवेव के लिहाज से और खतरनाक बताए जा रहे हैं। इसको लेकर भारतीय मौसम विज्ञान (Indian Meteorology) विभाग की तरफ से चेतावनी भी जारी की गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही, झारखंड (Jharkhand) में भी 27 से 30 अप्रैल तक तापमान के उच्च स्तर पर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो इस दरम्यान तापमान 47 डिग्री तक पहुंचा दिखाई दे सकता है।

मौसम का तापमान बताने वाली एक वेवसाइट के आंकलन पर ध्यान दें तो 10 मई तक खतरनाक हीटवेव की स्थिति बनी रह सकती है। 28 अप्रैल को 46 डिग्री, 29 को 47 डिग्री, 30 को 46 डिग्री, एक मई को 45 डिग्री, दो मई को 43 डिग्री, तीन मई को 45 डिग्री, पांच मई को 44 डिग्री, सात मई को 44 डिग्री, आठ मई को 45 डिग्री, नौ मई को 46 डिग्री, दस मई को 44 डिग्री तक पारा पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। उधर, मौसम वैज्ञानिक राजन सिंह ने भी अगले कुछ दिन हीटवेव की खतरनाक स्थिति रहने के प्रति आगाह किया गया। बताया कि बुधवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री रिकार्ड किया गया। वहीं तीन से चार दिन में पारा 47 डिग्री तक पहुंचा नजर आ सकता है, जिसको लेकर सावधान रहने की जरूरत है।


अप्रैल में अब तक सर्वाधिक तापमान का बना रिकार्ड

अप्रैल माह के आखिरी में भी पूर्व के वर्षों में 40 से 41 डिग्री ही अधिकतम तापमान रिकार्ड किया गया था लेकिन इस बार की तपिश ने सोनभद्र में दर्ज किए गए तापमान के पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए है। पिछले वर्ष भी अप्रैल के दूसरे पखवाडे़ में तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया था लेकिन इस बार अप्रैल के पहले दिन ही 40 डिग्री को पार करने वाला तापमान बुधवार को 43 डिग्री पहुंच गया, जो अप्रैल माह के रिकर्ड में अब तक सर्वाधिक है। इससे जहां पूरे दिन उमस और गर्मी लोगों को तड़पाती रही।

वहीं सूर्योदय के साथ ही आग बरसाती सूर्य की किरणें पूरे दिन लोगों को बेचैन किए रहीं। हालत यह थी कि तपिश की मार दस बजते-बजते बदन कपड़ों से ढंके होने के बावजूद झुलसाने लगी। दोपहर होते-हाते जरूरी कामकाज के सिलसिले में निकले लोग भी बेहाल होकर या तो घर वापस हो गए या फिर किसी दफ्तर, प्रतिष्ठान आदि में दोपहर गुजारते रहे। हालत यह थी कि तपती धूप में जो भी घर से बाहर निकला, धूप में महज 15 से 20 मिनट के सफर ने बीमारों वाली स्थिति बनी दी। तमाम लोग सिरदर्द, जलन, मिचली, बदनदर्द, थकावट की शिकायत लेकर चिकित्सकों के यहां पहुंचे रहे। घरों की तपती दिवारें भी लोगों को बेचैन किए रहीं। पंखे जहां लू का एहसास कराते रहे। वहीं कूलर की हवा भी बेमतलब साबित होती रही। बीच-बीच में बिजली कटौती पसीने से तरबतर कर तड़पाती रही।

झुलसाती धूप के बीच बच्चे आ-जा रहे स्कूल

सोनभद्र में लगातार तापमान बढ़ने और 27 से 30 अप्रैल तक गंभीर हीटवेव की चेतावनी जारी होने के बावजूद अब तक छोटे बच्चों के लिए स्कूल बंद करने या बदन झुलसाती धूप से बचाव के लिए विद्यालय संचालन की नई समयसारिणी को लेकर अभी कोई दिशा-निर्देश सामने नहीं आया है। हालत यह है कि छोटे-छोटे बच्चों को झुलसाती तपिश के बीच स्कूल आना-जाना पड़ रहा है। निजी विद्यालय सुबह साढ़े सात बजे या इससे पहले ही खोल दिए जा रहे हैं, लेकिन आसमान से इस कदर आग बरस रही है, सुबह स्कूल जाते समय ही तीखी धूप की मार बच्चों के चेहरे कुम्हला दे रही है। दोपहर में वापसी के वक्त उन्हें आसमान से बरसते अंगारों के बीच से गुजरना पड़ रहा है।



बच्चों-बुजुर्गों को लेकर बरतें विशेष एहतियात

एमडी होम्योपैथ डा. संजय कुमार सिंह कहते हैं कि हीटवेव की स्थिति लगातार गंभीर रूख अख्तियार करती जा रही है। इसको देखते हुए सभी को बचने की जरूरत है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। कहा कि सुबह नौ बजे से शाम पांच के बीच बेहद जरूरी हो तभी लोग घर से बाहर निकलें। बीच-बीच में पानी-तरल पदार्थ लेते रहें। घर से निकलने से पहले भरपूर पानी पीएं और पूरे बदन को कपड़े से ढंके रखें। घर में रहने के दौरान भी बीच-बीच में पानी पीते रहें। सड़े-गले फल, बासी भोजन से परहेज करें। खाली पेट घर से बाहर न निकलें। किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।

Shashi kant gautam

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