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विकलांगता बनी श्राप: यहां घिसट रही लोगों की जिंदगी, 100 से ज्यादा दिव्यांग

पांच हजार से अधिक की आबादी वाले जैतपुर गांव में विकलांगता एक अभिशाप बन गई है। ऐसा लगता है मानो जिंदगी सड़कों पर घिसट रही हो। गांव के अल्पसंख्य

tiwarishalini
Published on: 12 Oct 2017 11:24 AM IST
विकलांगता बनी श्राप: यहां घिसट रही लोगों की जिंदगी, 100 से ज्यादा दिव्यांग
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गोरखपुर: पांच हजार से अधिक की आबादी वाले जैतपुर गांव में विकलांगता एक अभिशाप बन गई है। ऐसा लगता है मानो जिंदगी सड़कों पर घिसट रही हो। गांव के अल्पसंख्यक बाहुल्य गौसपुर टोले में औसतन हर चौथे घर में एक दिव्यांग है। कुछ चलने में असमर्थ है, तो कुछ बोलने व समझने में। इस गांव में दो साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक के लोग विकलांगता के शिकार हैं। इसके कारण कई परिवार सामाजिक रूप से तिरस्कृत हो गए हैं। इस दंश को झेल रहे कई घरों से खुशियां कोसों दूर चली गई हैं।

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- जैतपुर गांव की कुल आबादी करीब 5460 है। 600 घरों वाले इस गांव में करीब 4200 व्यस्क और 1260 अव्यस्क और बच्चे हैं।

- स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव के 350 घरों का ही अब तक सर्वे किया है।

- इस सर्वे में 104 दिव्यांगों की तस्दीक हुई है। गांव के 250 घरों में अब तक सर्वे टीम नहीं पहुंची है।

- माना जा रहा है कि सर्वे होने पर और दिव्यांगों का पता चलेगा।

हालांकि ग्राम प्रधान के घर पहुंचे करीब दो दर्जन विकलांग पीड़ितों को मुख्य चिकित्साधिकारी ने कैम्प लगवा कर विकलांगता का सर्टिफिकट दिलाया।

रविंद्र कुमार (सीएमओ गोरखपुर) ने बताया कि कुछ दिन पहले मेरे पास एक व्यक्ति की चिट्ठी आई थी।जैतपुर गांव में करीब 74 लोग विकलांग है। इसके बाद हमने वहां डॉक्टरों की टीम भेजी थी।और वहाँ सर्वे कराया जिसमें करीब 350 घरो में से 104 लोग विकलांग लोग पाए गए। इसके बाद हमने डॉक्टरों की टीम लगा दी। और ये पता लगाया जा रहा है कि किन कारणों की वजह से लोग वहा विकलांग हो रहे हैं। यही नही जो लोग विकलांग हो गए है, उन्हें विकलांगता का सर्टिफिकेट दिया जा रहा है।

उस गांव के रहने वाले हबीबुल्लाह ने बताया कि हम गरीब हैं। हमारे तीन बच्चे विकलांग है। हमें कोई बुनियादी सुविधा नही मिली। हमारे गांव में करीब 100 से अधिक लोग विकलांग है। मजदूरी करने वाले हबिबुल्लाह और उनकी पत्नी सुन्नति के परिवार की खुशियों को ना जाने किस की नजर लग गई है। उनके दो बेटे हैं।और उनसे बड़ी बेटी जोहरा दायें पैर से विकलांग है। तीन साल पहले उसका निकाह हुआ था। ससुराल वालों को जब विकलांगता का पता चला तो वह जोहरा को मायके पहुंचा गए।

- पीड़ित नासिर अली ने बताया कि हमारे गांव में साफ सफाई नही है। हो सकता एक ये भी वजह हो। सरकार तो बहुत कुछ कर रही है।लेकिन हमारे पास इसकी कोई सुविधा नही मिल पा रही है। न तो साफ सफाई है न तो साफ़ जल मिल रहा है। इन सब बुनियादी सुविधाओं से हम लोग वंचित है।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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