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पीड़ित ने खेत में खड़े होकर आत्मदाह की दी धमकी,जबरन पैमाइश- कब्जा कराने का आरोप
शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में जबरन पैमाइश कराकर कब्जा दिलाने की कोशिश हुई। यहां पुलिस और प्रशासन की टीम बगैर किसी आदेश के ही जमीन पैमाईश कराने पहुंच गई। इतना ही नहीं जबरन पैमाइश कराकर कब्जा करा रही टीम को तब उल्टे पैर भागना पड़ा जब पीड़ित ने खेत में खड़े होकर अधिकारियों और पुलिस के सामने आत्मदाह की धमकी दी।
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वहीं इस पैमाइश के कराने के मामले पर पुलिस और प्रशासन का कोई भी बड़ा अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। जमीन का विवाद हाईकोर्ट मे विचाराधीन है और पड़ित पक्ष के पास स्टे भी मौजूद है। लेकिन उसके बाद भी कैसे अधिकारियों ने पैमाइश का आदेश कर दिया। मौके पर मौजूद लेखपाल मीडिया का कैमरा देखकर भागने लगा और लिखित आदेश से इंकार कर सिर्फ मौखिक आदेश पर पैमाइश करने की बात कर करने लगा। वहीं पीङित पक्ष ने कैबिनेट मंत्री के इशारे पर जबरन पैमाइश और कब्जा कराने का आरोप लगाया है।
पीड़ित ने खेत में खड़े होकर आत्मदाह की दी धमकी,जबरन पैमाइश और कब्जा कराने का आरोप
यह पूरा मामला थाना तिलहर के भेदापुर गांव के रमा शकंर वाजपेयी की तीन बीघा खेती की जमीन का है। जबकि राम किशोर राठौर इस जमीन को अपना बताकर आज पुलिस और प्रशासन की टीम के साथ जबरन पैमाइश कराकर कब्जा लेने पहुंच गए। लेकिन पैमाइश कराने और कब्जा कराने का कोई लिखित आदेश अधिकारियों के पास नहीं था।
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गौरतलब हो कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। पीङित राम शंकर वाजपेयी का कहना है कि 2014 मे इस जमीन को खरीदा था। लेकिन तभी राम किशोर राठौर इस जमीन को अपना बताने लगे। और जबरन कब्जा लेने की कोशिश करने लगे। जमीन को बचाने के लिए हमने हाईकोर्ट की शरण ली और मामला अभी हाईकोर्ट में चल रहा है इस जमीन पर मेरा कब्जा है और कोर्ट ने हमे स्टे भी दिया है। लेकिन अब लगता है कि पुलिस प्रशासन हाईकोर्ट का स्टे भी नहीं मानता है।
पीड़ित ने खेत में खड़े होकर आत्मदाह की दी धमकी,जबरन पैमाइश और कब्जा कराने का आरोप
पीङित पक्ष के राम शंकर वाजपेयी का कहना है हमे झूठा फंसाने के लिए मेरे ढाबे पर बिजली चोरी करने का झूठा आरोप लगाकर मेरे परिवार के खिलाफ 240 का मुकदमा दर्ज कराकर मेरा ढाबा भी बंद करा दिया। पीड़ित पक्ष ने सीएम योगी से गुहार लगाई है। कि लिखित आदेश हो तो हम जमीन की पैमाईश करा देंगे।
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वहीं एसडीएम सदर राम जी मिश्रा का कहना है कि लिखित आदेश तो नहीं है। लेकिन आईयू उसकी पैमाईश कराना चहाता था। इसलिए वह पैमाईश कराने पहुंचे है। विवाद की स्थिति नहीं है। फिर हम इस मामले को दिखाते है। मामला हाईकोर्ट मे विचाराधीन है।