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कब सुधरेगी स्वस्थ्य व्यवस्था? शाहजहांपुर के अस्पताल में नहीं हुआ मासूमों का इलाज

गोरखपुर में बच्चों की हुई मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सुधरने का नाम नही ले रहा है। ऐसी ही लापरवाही यूपी के शाहजहांपुर में देखने को मिली जहां घायल पांच बच्चों को जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में दो घंटे तक इलाज नही मिल पाया। दर्द से कहराते

tiwarishalini
Published on: 13 Aug 2017 2:23 PM IST
कब सुधरेगी स्वस्थ्य व्यवस्था? शाहजहांपुर के अस्पताल में नहीं हुआ मासूमों का इलाज
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शाहजहांपुर: गोरखपुर में बच्चों की हुई मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सुधरने का नाम नही ले रहा है। ऐसी ही लापरवाही यूपी के शाहजहांपुर में देखने को मिली जहां घायल पांच बच्चों को जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में दो घंटे तक इलाज नही मिल पाया। दर्द से कहराते बच्चों को माता पिता से देखा नही जा रहा था।

लेकिन डाक्टर सुनने को राजी नही थे। परिजनों का आरोप है कि बच्चों को जब जिला अस्पताल लाए तो दस मिनट तक बच्चों को अपनी गोदी मे लेकर खड़ा होना पड़ा उसके बाद एक स्ट्रेचर पर दो-दो मरीजो को लिटाया गया। दो घंटे तक उनके घायल बच्चों को दवा तक नही मिली। बंदर के हमले में सात बच्चे छत से नीचे गिर गए। जिसमें पांच की हालत गंभीर है।

- मामला खुटार थाना क्षेत्र के बजरिया मोहल्ले का है। बीते शनिवार की रात करीब दस बजे मोहल्ले के रहने वाले हरिश्याम गुप्ता के घर के सात बच्चे छत पर खेल रहे थे।

- उसके घर के बच्चे भी छत पर खेल रहे थे तब 10 से 15 बंदरों ने बच्चो पर हमला कर दिया। जिससे बच्चे छत से गिर गये।

- पांच बच्चों की हालत हालत गंभीर है।

- परिजनों के मुताबिक छत से नीचे गिरने के बाद उन्होंने 108 नबंर पर फोन किया तो एंबुलेंस आ गई।

- जिसके बाद करीबी सीएचसी पर ले गए जहां डाक्टर ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

जब वह जिला अस्पताल पहुंचे तो 108 एंबुलेंस से नीचे उतरने के बाद उनको अस्पताल से कोई स्ट्रेचर नही मिला। अपने बच्चों को ट्रामा सेंटर के अंदर बच्चों को गोदी मे ले जाना पड़ा। उसके बाद भी वहां काफी समय तक ना कोई डॉक्टर आया ना नर्स।

दर्द से रोते रहे बच्चे:

- घंटों तक कोई नहीं आया। बच्चे दर्द से तड़पते रहे। कोई इलाज करने नहीं आया।

- बाद में जब डॉक्टर आया भी, तो उनको कल आने को कह कर भगा दिया।

जब डॉक्टर राहुल यादव से बात की तो उनका कहना था कि बच्चों की हालत ठीक है। इलाज किया जा रहा है। जब उनसे इलाज न होने पर बच्चों को ले जाने का सवाल किया तो वह कुछ बोलने को राजी नही थे। इतना जरूर कहा कि अकेले ड्यूटी कर रहे है स्टाफ की बहुत ज्यादा कमी है और मरीज बहुत ज्यादा है।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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