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शामली: रूठे किसानों को मनाने के लिए मैदान में उतरी भाजपा, बताए कानून के फायदें

करीब-करीब 3 माह से दिल्ली में किसी कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे। किसानों के कारण भाजपा की हो रही दुर्गति का डैमेज कंट्रोल करने के लिए मुख्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेताओं को दिल्ली में तलब किया था

Roshni Khan
Published on: 21 Feb 2021 5:03 PM IST
शामली: रूठे किसानों को मनाने के लिए मैदान में उतरी भाजपा, बताए कानून के फायदें
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शामली: रूठे किसानों को मनाने के लिए मैदान में उतरी भाजपा, बताए कानून के फायदें (PC: social media)

शामली: विगत दिनों गृह मंत्री की फटकार के बाद भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं का दल रूठे हुए किसानों को मनाने के लिए मैदान में कूद पड़ा है। आज केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के मंत्री और क्षेत्रीय विधायक गांव लिसाड़ में पहुँचे ओर खाप चौधरियों से मुलाकात की तथा किसानों को सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए किसी कानून के फायदों के बारे में जानकारी दी।

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करीब-करीब 3 माह से दिल्ली में किसी कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे

करीब-करीब 3 माह से दिल्ली में किसी कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे। किसानों के कारण भाजपा की हो रही दुर्गति का डैमेज कंट्रोल करने के लिए मुख्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेताओं को दिल्ली में तलब किया था और उन्हें फटकार लगाते हुए अपने अपने क्षेत्र में जाकर के जातिगत आधार पर किसानों को कृषि कानूनों के बारे में समझाने की बात कही थी। रविवार को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के नेतृत्व में भाजपा का एक दल मलिक खाप के प्रमुख बाबा चौधरी हरकिशन सिंह के घर पहुंचे।

shamli-matter shamli-matter (PC: social media)

इस दौरान संजीव बालियान खुद अपनी गाड़ी चलाते हुए बाबा हरकिशन के दरबार में माथा टेकने के लिए पहुंचे। जहां देर से आने की वजह से उन्हें काफी किसानों की खरी-खोटी सुननी पड़ी इस दौरान किसानों ने कृषि कानून को लेकर अपनी आशंका जाहिर करते हुए अपनी समस्याओं को संजीव बालियान के समक्ष रखा।

गन्ना मंत्री सुरेश राणा गन्ना भुगतान के बारे में मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं

यहां किसानों का कहना था कि गन्ना मंत्री सुरेश राणा गन्ना भुगतान के बारे में मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं। जबकि वस्तु स्थिति बिल्कुल इसके विपरीत है। वहीं किसानों का कहना था कि विगत कई वर्षों से गन्ने के रेट भी नहीं बढ़ाए गए हैं, आवारा पशुओं को लेकर के किसानों ने मंत्री के सामने शिकायत की थी। उनकी फसल को आवारा पशु बर्बाद कर रहे हैं, इसके अलावा किसानों ने मंत्री संजीव बालियान के सामने शर्त रखी कि हर किसान एम एस पी पर कानूनी गारंटी चाहता है।

गन्ना मंत्री सुरेश राणा गन्ना भुगतान के बारे में मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं

कहीं ऐसा ना हो कि पूंजीपति लोग उनकी जमीन को किसी भी तरह से हड़पकर लोन के बहाने उनसे ना छीन ले, साथ ही किसानों का कहना था कि पूंजीपतियों द्वारा कांटेक्ट पर खेती करने के लिए उन पर दबाव ना बनाया जाए। इन सभी शंकाओं पर उत्तर प्रदेश के पंचायत राज्य मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सफाई देकर लीपापोती करने की कोशिश की और किसानों को समझाया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने को लेकर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पहले से ही चल रही है और नए कानून के द्वारा सरकार चाहती है कि किसानों की आमदनी बड़े और बिचौलियों का किसानों से वास्ता ना रहे।

shamli-matter shamli-matter (PC: social media)

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि यह उनका अपना खेत है और वह बाबा हरकिशन मलिक से हर छह माह बाद मिलने आते हैं। उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बात को धैर्य पूर्वक सुना और अब हम उनकी बातों को सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे। उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य सरकार की बात किसानों को समझाना और किसानों की बात सरकार तक पहुंचाना है। इसे अन्यथा नहीं लिया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि जो किसान धरने पर बैठे हैं, वह भी अपने ही भाई हैं और यह किसानों का आंदोलन हैं। इसे ख्वाब से जोड़कर नहीं देखना चाहिए कुछ ख्वाब संगठनों द्वारा भाजपा नेताओं का बहिष्कार किए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सभी अपने हैं रूठे हुए को मना लिया जाएगा और यह आंदोलन ख्वाब का नहीं है।

नरेश टिकैत ने भी किसान नेता के रूप में अपनी बात कही है

नरेश टिकैत ने भी किसान नेता के रूप में अपनी बात कही है। ना कि आप प्रमुख के रूप में उत्तर प्रदेश के पंचायत राज्य मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यह एक तरह से किसान आंदोलन में होकर के राजनीतिक आंदोलन है। इस आंदोलन को जयंत चौधरी प्रियंका और राहुल द्वारा राजनीतिकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह खुद भी किसान हैं तथा यहां आना उनके लिए कोई नई बात नहीं है, वह पहले भी गांव लिसाड़ आ चुके हैं।

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कुल मिलाकर गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा नसीहत देने के बाद भाजपा की केंद्रीय मंत्री व उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के साथ स्थानीय विधायकों की पूरी फौज ग्रामीण क्षेत्र जैसे ही भाजपा की फौज गांव में पहुंची तो, वहां बैठे किसानों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। ठेठ देसी अंदाज में मलिक खाप के प्रमुख बाबा हरकिशन ने संजीव बालियान को कहा कि अब भले ही आप किसानों के तले हाथ दे रहे हो, लेकिन भविष्य में तुम्हें घुटनों के बल आना पड़ेगा।

संजीव बालियान किसानों के साथ सेल्फी भी ली

यहां पर जैसे ही संजीव बालियान पहुंचे तो सबसे पहले उन्होंने सरकार की बात किसानों के सामने रखकर उन्हें समझाने का प्रयास किया। वही प्रमाण के तौर पर उन्होंने किसानों के साथ सेल्फी भी ली। अब इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री केंद्रीय नेतृत्व के कितने दबाव में यहां आए होंगे कि उन्हें किसानों के साथ सेल्फी लेने को मजबूर होना पड़ा।

रिपोर्ट- पंकज प्रजापति

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