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शामली किसान आंदोलन: कृषि बिल के बाद अब गन्ना भुगतान पर होगा प्रदर्शन

गन्ना अधिकारी जल्द से जल्द पिछले सत्र और इस सत्र का गन्ना भुगतान कराने की भी बात कह रहे हैं उन्होंने बताया कि इस सत्र के करीब  564 सौ करोड रुपए पर मिलों पर बकाया है !

suman
Published on: 19 Feb 2021 12:49 PM GMT
शामली किसान आंदोलन: कृषि बिल के बाद अब गन्ना भुगतान पर होगा प्रदर्शन
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शामली: कृषि बिल के बाद, फिर गन्ना भुगतान पर होगा आंदोलन

शामली : कृषि बिल के बाद अब भी किसानों को फसल का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है तो वही गन्ना भुगतान अभी तक भी पिछले साल का पूरा नहीं मिला है। किसानों का आरोप है कि पिछले साल के करीब डेढ़ महीने का गन्ना भुगतान का पैसा अभी भी शुगर मिल मालिकों के पास ही है जबकि सरकार ने 14 दिन में गन्ने का भुगतान कराने की बात कही थी और इस साल का तो एक भी रुपया किसानों को गन्ने के भुगतान के रूप में नहीं मिला है।

कृषि बिल के बाद गन्ना भुगतान

वही किसान नेताओं का कहना है कि 4 साल में डीजल 50 से ₹80 तक पहुंच गया, लेकिन किसानों की फसलों के दाम झोंके तो बने हुए हैं किसान के साथ मिलकर भारतीय किसान यूनियन कृषि बिल के बाद गन्ना भुगतान पर भी उग्र आंदोलन करेगा । जबकि गन्ना अधिकारी जल्द से जल्द पिछले सत्र और इस सत्र का गन्ना भुगतान कराने की भी बात कह रहे हैं उन्होंने बताया कि इस सत्र के करीब 564 सौ करोड रुपए पर मिलों पर बकाया है !

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भारतीय किसान यूनियन लगातार तीन महीनों से धरना

कृषि बिल वापसी को लेकर जहा भारतीय किसान यूनियन लगातार तीन महीनों से धरना दिए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार के दावे किसानों के बकाया भुगतान को लेकर भी झूठे साबित हो रहे हैं जिसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणनीति बनाते हुए कृषि बिल के बाद गन्ने के बकाया भुगतान पर धरना देते हुए गन्ने में सरकार द्वारा किसानों का बिल माफ करने का एक हटाने और समय पर भुगतान कराने के लिए धरने की योजना बना रही है जबकि किसानों को अब बच्चों की स्कूल की फीस घर का सामान और अन्य चीजों में गन्ना भुगतान न होने के चलते बाधाएं आ रही हैं।

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पिछले साल का भी गन्ना भुगतान अभी तक नहीं

वहीं राष्ट्रीय प्रवक्ता भारतीय किसान यूनियन के कुलदीप पवार ने बताया कि कृषि बिल के धरने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में गन्ने के बकाया गन्ना भुगतान नहीं होता है तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा किसान नेता का कहना है कि सरकार सत्ता में 14 दिन का गन्ने का भुगतान कराने की बात को लेकर आई थी लेकिन इस साल की तो छोड़ो पिछले साल का भी गन्ना भुगतान अभी तक पूरा नहीं हुआ है जबकि शुगर मिल में 6500000 कुंतल गन्ना की पिसाई हो चुकी है वहीं किसानों के रुपए मिलने तो दूर उनको पहले भी भुगतान नहीं हुआ है जबकि किसानों के गन्ने की बुग्गी और ट्रॉली भरवाने के लिए कम से कम ₹5000 तक की लागत आराम से आ जाती है।

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गन्ने का भुगतान समय पर नहीं

किसानों का आरोप है कि गन्ने का भुगतान समय पर ना होने के चलते स्कूलों में बच्चों की फीस घर पर राशन का सामान और अन्य चीजों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है व्यापारी अपने पैसे मांगता है जो हमारे पास अभी नहीं है जबकि अन्य कामों में बाधाएं उत्पन्न होती है।

इस मामले में स्थानीय व्यापारी का कहना है कि किसान भी अब थोड़ा-थोड़ा सामान लेकर जाते हैं और वह भी उधार लेकर जाते हैं किसी तरीके से अगर किसानों के पास गन्ने का भुगतान आता है तब उधार का पैसा मिलता है वही गन्ने का भुगतान ना होने के चलते हैं व्यापार पर भी काफी फर्क पड़ रहा है।

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शामली सिटी के गन्ना शुगर मिल पर बकाया

उधर इस मामले में जिला गन्ना अधिकारी का कहना है कि जिले में तीन शुगर मिल है जिनमें ऊन और बजाज शुगर मिल पूर्ण रूप से भुगतान कर दिया है जिले पर करीब 2019 -- 20 सत्र का करीब 15 करोड रुपए बकाया है अभी शामली सिटी के गन्ना शुगर मिल पर बकाया है वह इस सत्र का गन्ने का भुगतान जनपद में करीब 564 करोड रुपए से ज्यादा तीनो शुगर मिलों पर किसानों का बकाया है जल्द से जल्द बीते सत्र का गन्ना भुगतान करा कर इस सत्र का गन्ने का बकाया भुगतान भी शुरू करा दिया जाएगा ।

रिपोर्ट पंकज प्रजापति

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