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Shamli: शामली में धरने पर बैठे भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत बोले, मकानों पर बुलडोजर चलाना गलत
Shamli: दिल्ली देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए एनएचएआई की मनमानी के विरोध में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैट के नेतृत्व में किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया।
Shamli: दिल्ली देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर (Delhi Dehradun Economic Corridor) के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए एनएचएआई (NHAI) की मनमानी के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैट (National President Chaudhary Naresh Tikait) के नेतृत्व में हजारों की संख्या में किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया।
सरकार किसानों के साथ भेदभाव कर रही है: नरेश टिकैत
दरअसल बता दें मामला शामली कलेक्ट्रेट (Shamli collectorate) का है जहां पर भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत (National President Chaudhary Naresh Tikait) ने कहा कि किसान सरकार की विकास योजनाओं में बाधा नहीं बनना चाहते, लेकिन सरकार किसानों के साथ भेदभाव कर रही है। कहीं सरकार 70 लाख का मुआवजा दे रही है तो कहीं किसान को 10 लाख रूपये प्रति बीघा की दर से मुआवजा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि सर्किल रेट से 4 गुना मुआवजा किसानों को दिया जाएगा।
सरकार अपने पुराने वायदों पर भी खरा नहीं उतरी: टिकैत
टिकैत ने कहा कि सरकार अपने पुराने वायदों पर भी खरा नहीं उतर रही, जिसमें उन्होंने कहा था कि गांव का पैसा गांव के विकास के सौंदर्य करण के लिए ही लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की परीक्षा ले रही है और गांधीवादी तरीके से चलाए जा रहे आंदोलन को हिंसा के रास्ते पर ले जाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान को खेतों में और भी बहुत काम है, लेकिन सरकार ने किसानों को बेवजह की समस्याओं में उलझा कर आंदोलन के लिए बाध्य कर रखा है।
नूपुर शर्मा के माफी मांगने के बाद मामला समाप्त हो जाना चाहिए था: राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नूपुर शर्मा के मामले (Nupur Sharma Case) पर कहा कि नूपुर शर्मा के माफी मांगने के बाद मामला समाप्त हो जाना चाहिए था, लेकिन कुछ लोग जुमे के पाक दिन यदि इस तरह की हरकत करते हैं और सड़कों पर उतरते हैं। लोगों पर हजारों मुकदमे हो गए तो वह उनका समर्थन नहीं करते। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत वह सरकार द्वारा विशेष वर्ग के मकानों पर चलाए जा रहे बुलडोजर का भी समर्थन नहीं करते, इंसान पूरी जिंदगी अपनी कमाई मकान बनाने पर लगा देता है और सरकार उसको और धर्म ध्वस्त कर देती है और इसे बिल्कुल गलत मानते हैं क्योंकि बड़ी मेहनत से व्यक्ति अपना मकान बनाता है।