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Shamli news: शामली के 12 गांवों में बिजली का करारा झटका, बिना पॉवर बिल उगल रहे विद्युत मीटर
Shamli news: बावरिया जाति के लोगों के इन गांवों में विद्युत विभाग की धींगामुश्ती का नजारा जगह—जगह देखा जा सकता है।
Shamli news: यूपी के शामली में विद्युत विभाग की कारगुजारियों से 12 गांवों के लोग परेशान हैं। बावरिया जाति के लोगों के इन गांवों में विद्युत विभाग की धींगामुश्ती का नजारा जगह—जगह देखा जा सकता है। यहां के लोगों का दावा है कि पिछले कुछ सालों में फ्री बिजली का हवाला देते हुए उनके घरों पर विद्युत मीटर लगाए गए, हालांकि उन मीटरों में कनेक्शन तक नही जोड़ा गया और अब उनपर 40 से 60 हजार रूपए के बिजली बिल जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।
शामली जिले के 12 गांवों में रहने वाले बावरिया जाति के लोग विद्युत विभाग के सामने घुटने टेकने को मजबूर हो गए हैं। इन लोगों का दावा है कि फ्री बिजली कनेक्शन के नाम पर इनके घरों पर पूर्व के सालों में विद्युत मीटर लगाए गए थे, जो कनेक्शन चालू किए बगैरा ही हजारों का बिल उगल रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शामली जिले में बावरिया जाति के लोगों के 12 गांव हैं, जिनमें खोकसा, अलाउद्दीनपुर, दूधली, डेरा भगीरथ, नया बांस, मस्तगढ़, जाटान, खानपुर, अहमदगढ़, खेड़ी आदि गांव शामिल हैं। सरकार पिछड़े बावरिया समाज को मुख्य धारा में लाने के लिए लगातार प्रयासरत रही है, लेकिन इन गांवों के लोग अब विद्युत विभाग में फैले भ्रष्टाचार और कर्मचारियों की कारगुजारियों से तंग आ चुके हैं।
बावरिया समाज के लोगों का कहना है पिछले करीब 10 सालों से विद्युत कर्मचारियों द्वारा गांव में पहुंचकर उनके घर पर बगैर कनेक्शन के विद्युत मीटर लगाए गए थे, जिन्हें कभी पावर सप्लाई दी ही नही गई। कर्मचारी सिर्फ विद्युत मीटर टांगकर चले गए, जो अब हजारों का विद्युत बिल उगल रहे हैं। कर्मचारी ग्रामीणों के घरों पर पहुंचकर विद्युत बिल जमा नहीं करने पर तहसील से रिकवरी निकलने का दबाव बनाते हैं, जिसके चलते ग्रामीणों में खलबली मची हुई है।
चार भाइयों ने लगवाए अलग—अलग मीटर, अब हो रहे परेशान
खोकसा गांव की महिला सरोज देवी ने बताया कि मेरे ससुर के चार बेटे हैं, और हम सब एक संयुक्त घर में रहते हैं. महिला ने बताया कि हमने लगभग तीन साल पहले चार मीटर लगवाए थे और उस दौरान हमें आश्वासन दिया गया था कि ये मुफ्त में आएंगे और बिजली कनेक्शन भी मुफ्त में आएगा, हालांकि इन मीटरों में विद्युत सप्लाई नही दी गई थी, लेकिन अब बिजली विभाग के कर्मचारियों ने घर आकर प्रत्येक मीटर के लिए 50-50 हजार रुपये जमा करने का दबाव बना रहे हैं। महिला ने बताया कि यह हमारे लिए आमने-सामने का अस्तित्व की लड़ाई है, हम इसका भुगतान कैसे करेंगे? जहां नहीं रहते थे लोग, वहां भी लगाए मीटर।
खोकसा गांव के पूर्व प्रधान भगत राम ने बताया कि गांव में जहां पर बंद मकान था, पूर्व के सालों में विद्युत कर्मचारी वहां पर भी बगैर सप्लाई दिए विद्युत मीटर लगाकर चले गए थे, जिनसे अब 50 से 60 हजार के विद्युत बिल आ रहे हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जो विद्युत बिल जमा करने में सक्षम नहीं हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी जिनकी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन बगैर सप्लाई के विद्युत बिल अभी भी आ रहा है।
जहां नही पहुंची विद्युत लाइन, वहां भी पहुंच गए मीटर
खोकसा गांव की आबादी के कुछ इलाकों में अभी तक भी विद्युत लाइन नही पहुंची है, लेकिन यहां पर विद्युत मीटर सालों पहले लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा क्षेत्र में बावरिया जाति के अन्य गांवों के लोग भी विद्युत मीटर से भारी बिल आने की परेशानी से जूझ रहे हैं। अलाउद्दीनपुर गांव की महिला सुंदरवती देवी ने बताया कि करीब 10 साल पहले बिजली विभाग के अधिकारियों ने उनके घर में मुफ्त में मीटर लगाने का आश्वासन देकर उनके घर में मीटर लगा दिया था। अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया है। अब 40 हजार रुपए का बिल आया है। महिला ने कहा कि हमें भुगतान क्यों करना चाहिए ?
एसडीओ हुए चुप, एसई ने कहा जांच कराएंगे...
ग्रामीणों के विद्युत मीटर और बिजली बिल संबंधित समस्या के बारे में जब विद्युत विभाग के उप-विभागीय अधिकारी (SDO) रवि कुमार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नही है, हालांकि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, शामली के अधीक्षण अभियंता राम कुमार ने बताया कि हम मामले की जांच के लिए टीम भेजेंगे और ग्रामीणों की चिंताओं को दूर किया जाएगा।