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Shamli: मुस्लिम बोले- हमें हनुमान चालीसा से नहीं दिक्कत, लाउडस्पीकर पर अजान का मुद्दा बेबुनियाद

Shamli Latest News: जुम्मा की नमाज के दौरान मुस्लिम लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें हनुमान चालीसा से कोई एतराज नहीं है।

Pankaj Prajapati
Report Pankaj PrajapatiPublished By Shreya
Published on: 15 April 2022 12:45 PM GMT
Shamli: मुस्लिम बोले- हमें हनुमान चालीसा से नहीं दिक्कत, लाउडस्पीकर पर अजान का मुद्दा बेबुनियाद
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जुमे की नमाज करते मुस्लिम (फोटो- न्यूजट्रैक)

Loudspeaker Controversy: मस्जिद में अजान के दौरान लाउडस्पीकर का मुद्दा गर्माता जा रहा है। जिसके चलते अब हिंदू और मुस्लिम धर्मों में अजान करने और हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर आमने-सामने की जंग छिड़ चुकी है। वही हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में अब हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर (Hanuman Chalisa On Loudspeakers) पर गाई जाने लगी है। वही, शामली (Shamli) में जब जुम्मा की नमाज के दौरान मुस्लिम लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) से कोई एतराज नहीं है। वहीं अगर किसी को लाउडस्पीकर से कोई दिक्कत या परेशानी है तो लाउडस्पीकर की आवाज धीमी की जा सकती है। मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाना बे बुनियादी मुद्दा है।

दरअसल, रमजान माह चल रहा है और इस दौरान आज शामली जनपद में जुमे की नमाज (Jumme Ki Namaz) अदा की गई है जहां पर मुस्लिमों का कहना है कि लाउडस्पीकर सदियों से मस्जिदों में अजान के दौरान इस्तेमाल किया जाता रहा है। अब से पहले कभी किसी को कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन अगर किसी भी धर्म के लोगों को लाउडस्पीकर से होने वाली अजान से कोई दिक्कत या परेशानी है तो लाउडस्पीकर की आवाज कम की जा सकती है। वही हिंदू और मुस्लिम हमेशा दोनों एक दूसरे का सम्मान करते आए हैं। लेकिन अब लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा का मुद्दा उठाकर माहौल बिगाड़ने की बात की जा रही है।

मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटाना बेबुनियादी मुद्दा

वही मंदिरों में हनुमान चालीसा पढ़ने से हमें कोई एतराज नहीं है इसलिए हमारी अज़ान से भी किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए। मस्जिदों में अगर अज़ान के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है तो वह महज डेढ़ से 2 मिनट का समय होता है। अगर लाउडस्पीकर की तेज आवाज से भी किसी को कोई परेशानी है तो वह आवाज भी धीमी की जा सकती है। लेकिन मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटाना बे बुनियादी मुद्दा है।

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