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Shamli News: इस किसान नेता ने कहा- अन्नदाता और मजदूर के खिलाफ रचा जा रहा बड़ा षड्यंत्र
Shamli News: शामली के गांव भज्जू में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली-देहरादून हाईवे पर पंचायत का आयोजन कर एमएसपी की मांग की।
Shamli News: शामली पहुंचे भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने विपक्ष पाटियों पर बड़ा तंज कसते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां आंदोलन करना नहीं चाहती। यह विपक्षी पार्टियां हमें बर्बाद करेंगी। खुद तो यह लोग बर्बाद होंगे, लेकिन हम लोगों को भी यह लोग बर्बाद करेंगे। यह खुद भी डूबेंगे हमें भी ले डूबगे। हमारे बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा और राजस्थान में सब जगह आंदोलन चले हुए हैं। यह नहीं कि हमारे एक ही सरकार के खिलाफ आंदोलन है। हमारा आंदोलन जो भी गलत काम करेगा, उसी सरकार के खिलाफ होगा। हम किसान लोग और किसान पाटियां आंदोलन चलाएंगी।
टिकैत ने कहा- महिला पहलवानों के साथ हुआ अन्याय
शामली के गांव भज्जू में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली-देहरादून हाईवे पर पंचायत का आयोजन कर एमएसपी की मांग की। उन्होंने सरकार पर तंज कसा और कहा सरकार द्वारा हमारे खिलाफ बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है। किसान और मजदूर के खिलाफ भी बहुत बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है। राकेश टिकैत ने मीडिया पर तंज कसते हुए का पत्रकार भीयही सवाल करते हैं कि आप महिला आंदोलन में शामिल हुए तो आपने महिला आंदोलन कमजोर किया है। राकेश टिकैत ने जवाब दिया, अगर आंदोलन में कुनबा बड़ा हो जाए तो आंदोलन कैसे कमजोर होगा। यह साजिश है इस सरकार की आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है और कमजोर किया जा रहा है। महिला पहलवान दो महीने तक जंतर-मंतर पर बैठी रहीं कोर्ट द्वारा मुकदमा दर्ज हुआ। पोक्सो जैसी धाराएं लगीं, लेकिन बृजभूषण शरण की गिरफ्तारी नहीं हुई। यह सरासर अन्याय है। कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
ढाई साल में किसानों ने नहीं की गई बातचीत
सरकार ने दो बार बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन उनकी साजिश है हमें सरकार द्वारा बदनाम करने की। राकेश टिकैत ने कहा कि हमने महिला पहलवानों की बातचीत करवाई। क्या गुनाह कर दिया, हमने अगर बातचीत की तो क्या साजिश के तहत की गई, यह माहौल खराब कर रहे हैं। हमने कहा किसानों से बातचीत करनी चाहिए ढाई साल से सरकार ने किसानों, आंदोलनकारियों से कोई बातचीत नहीं की। पिछली सरकार होती थी, बातचीत करती थी। मुद्दे का समाधान करती थी और यह वाली सरकार तो पूरी बदनाम करने की साजिश कर रही है। किसान से बातचीत नहीं कर रही है। ऐसे में आंदोलन ही सिर्फ एक रास्ता बचता है।