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Shamli News: शामली जनपद में सिंचाई विभाग का बड़ा खेल, लाखों का घोटाला आया सामने

Shamli News: कई सड़कें ऐसी हैं जो मात्र एक महीने पहले या तीन महीना पहले बनाई गई थी और वह अब पूरी तरह से टूट चुकी हैं। ठेकेदारों का कहना है कि यह सड़क जब टूट जाती है तो हमको दोबारा काम मिलता है और हम दोबारा इसको बनाने लगते हैं।

Pankaj Prajapati
Published on: 4 March 2025 4:40 PM IST
Irrigation department plays a big game in Shamli district, scam of millions comes forward
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शामली जनपद में सिंचाई विभाग का बड़ा खेल, लाखों का घोटाला आया सामने (Photo- Social Media)

Shamli News: शामली जनपद में सिंचाई विभाग व ठेकेदारों के बीच खेला जा रहा है बड़ा खेल जिसमें लाखों रुपए का घोटाला सामने आ रहा है। सिंचाई विभाग द्वारा नहरवायी की सड़क बनाने में घटिया सामग्री लगाई जा रही है जो लाखों रुपए की मेहनत से बनी सड़क मात्र एक महीने में टूट जा रही है।

जनपद में सिंचाई विभाग द्वारा अलग-अलग जगह पर कई सड़के बनाई गई थी जिसमें लाखों करोड़ों रुपए खर्च किया गया लेकिन एक महीने के अंदर सड़क का बुरा हाल हो गया है। ठेकेदारों का कहना है कि अधिकारी जैसा कहते हैं हमें वैसी ही सड़क बनानी पड़ती है चाहे वह टूटे या फिर सही रहे।

शामली में सिंचाई विभाग के अधिकारी वह ठेकेदारों के बीच बंदर बाट

दरअसल, आपको बता दें कि मामला जनपद शामली के लिलोन नहरवाई की पटरी का है जहां पर एक महीने पहले सिंचाई भाग द्वारा 2 किलोमीटर की सड़क बनाई गई थी जो कि अब बुरी तरह से टूट चुकी है। घटिया सामग्री लगाने के कारण सड़क ज्यादा दिन नहीं टिक पा रही है। जिसमें सड़क को बनाने में लाखों करोड़ों रुपए लगते हैं।

सिंचाई विभाग के अधिकारी का कहना है कि केवल सिंचाई विभाग को जो सड़क पर गड्ढे हो जाते हैं मात्र उसी का काम दिया जाता है, जबकि सिंचाई विभाग के अधिकारी वह ठेकेदारों के बीच लाखों करोड़ों रुपए का गबन भी किया जा रहा है।


घटिया निर्माण इसलिए कि दोबारा काम मिल सके

शामली जनपद में कई सड़कें ऐसी हैं जो मात्र एक महीने पहले या तीन महीना पहले बनाई गई थी और वह अब पूरी तरह से टूट चुकी हैं। ठेकेदारों का कहना है कि यह सड़क जब टूट जाती है तो हमको दोबारा काम मिलता है और हम दोबारा इसको बनाने लगते हैं।

ठेकेदार और आधिकारियों में बंदरबाट

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क मात्र एक महीने पहले बनाई गई थी, इसमें घटिया सामग्री लगाई जाती है, जिससे यह है एक महीना भी सड़क नहीं टिक पाई है। ऐसे में जो अधिकारी है और जो ठेकेदार है उनके बीच बंदरबाट की जाती है। ताकि सड़क को दोबारा बनाने में एक बड़ा बजट पास कर और सड़क को दोबारा बनाया जा सके। जिस ठेकेदार वह सिंचाई विभाग के अधिकारी पैसों को लेकर बंदर बाट कर सके।

Shashi kant gautam

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