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Lok Sabha Election: कैराना लोकसभा क्षेत्र में ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार, बीजेपी प्रत्याशी पर लगाया आरोप

Lok Sabha Election: बीजेपी नेता द्वारा मुकदमों की पैरवी नहीं करने को लेकर कैराना लोकसभा क्षेत्र के गांव रसूलपुर गुजरान में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया।

Pankaj Prajapati
Published on: 19 April 2024 2:59 PM GMT
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कैराना लोकसभा क्षेत्र में ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार, बीजेपी प्रत्याशी पर लगाया आरोप: Video- Newstrack

Lok Sabha Election: कैराना लोकसभा क्षेत्र के गांव रसूलपुर गुजरान में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। राजनीतिक दलों के नेता सहित प्रशासनिक अफसर ग्रामीणों को मनाने में नाकाम रहे। ग्रामीणों ने भाजपा सांसद पर अनदेखी का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने बताया कि मुकदमे वापस न लिए जाने के कारण उन्होंने मतदान का बहिष्कार किया है।

ग्रामीणों का कहना है कि बीते लोकसभा चुनाव - 2019 में उन्होंने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया था, यहां का मतदान प्रतिशत 94 था। मतदान के समय दो पक्षों में विवाद हो गया है, जिसे लेकर करीब 29 लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे। ये मुकदमे ज्यों का त्यों पड़े हुए हैं। बीजेपी नेता ने इन मुकदमों की पैरवी तक नहीं है।

एक बार भी गांव नहीं आए सांसद

ग्रामीण ने कहा कि फर्जी मुकदमे की कोई सुध लेने वाला भी नहीं है। सांसद प्रदीप चौधरी से कई बार गुहार लगाई गई कि उनके बच्चों पर दर्ज मुकदमो को वापस लिया जाए, लेकिन उन्होंने एक भी नहीं सुनी। यही नहीं, बीते पांच सालों में वह एक बार भी गांव में नहीं आए हैं, जिसे लेकर ग्रामीणों में काफी रोष है। इसे लेकर ग्रामीण ने मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

Photo- Newstrack

बीजेपी नेता के समझाने के बाद भी नहीं माने ग्रामीण

ग्रामीणों के मतदान बहिष्कार की सूचना मिलने के बाद बीजेपी एमएलसी वीरेंद्र सिंह और उनके बेटे मनीष चौहान भी पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को काफी समझाने - बुझाने का प्रयास किया। यही नहीं, मनीष चौहान ग्रामीणों के हाथ जोड़े और पैर भी छूए, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी भी नहीं सुनी है। मनीष चौहान का सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वह ग्रामीण से मतदान के लिए निवेदन कर रहे हैं।

वही, प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी गांव पहुंचे। बताया जा रहा है कि गांव रसूलपुर गुजरान के सिर्फ तीन लोगों ने ही अपने मत का प्रयोग किया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं मिलता और कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता है, तब तक वह मतदान नहीं करेंगे।

Shashi kant gautam

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