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Mathura News: शंकराचार्य ने कही ये 5 बड़ी बातें, खूब गरजे रामचरितमानस और बागेश्वर धाम के मुद्दों पर

Mathura News: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी वृंदावन प्रवास पर पहुंचे हैं। उन्होंने इस दौरान एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया और हिंदू धर्म से जुड़े तमाम मुद्दों पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की।

Mathura Bharti
Published on: 6 March 2023 8:41 PM IST
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 मथुरा: शंकराचार्य ने कहीं ये 5 बड़ी बातें, रामचरितमानस, बागेश्वर धाम के मुद्दों पर खूब गरजे

Mathura News: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी वृंदावन प्रवास पर पहुंचे हैं। उन्होंने इस दौरान एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया और हिंदू धर्म से जुड़े तमाम मुद्दों पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। वो हाल ही में चर्चा का केंद्र रहे रामचरितमानस, काशी-मथुरा विवाद और बागेश्वर धाम में हो रहे चमत्कारों जैसे मुद्दों पर खूब बोले। उन्होंने विरोधियों को चेतावनी दे डाली कि हिंदू धर्म पर आघात किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

‘तुलसीदास होते तब रामचरितमानस की बात करते’

रामचरितमानस में स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा संशोधन कराने के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि यह कैसे तय होगा, जिसने लिखा होता है उसी को संशोधन करने का अधिकार होता है। गोस्वामी तुलसीदास जी होते तो कुछ संशोधन होता वह तो अब हैं नहीं। अगर स्वामी प्रसाद मौर्य को नहीं पढ़ना है तो उसे ना पढ़ें। आज भी सर्वे करा लीजिए 99 फ़ीसदी लोग रामचरितमानस के पक्ष में हैं, आज भी भारत का सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाला ग्रंथ रामचरितमानस है। हिंदुओं को ब्राह्मण और शूद्र में विभाजित करने का काम किया जा रहा है, जो एक बड़ा षड्यंत्र है।

‘हम राम राज के समर्थक, हिंदू राष्ट्र के नहीं’

शंकराचार्य ने हिंदू राष्ट्र के सवाल पर कहा कि हिंदू राष्ट्र में क्या-क्या होगा, पहले ये साफ़ होना चाहिए। क्या इसी तरह गोकशी होगी या कोई परिवर्तन होगा। उसका क्या प्रारूप होगा, यह हमें कोई समझा नहीं रहा। पहले यह सब क्लियर हो। हम राम राज के समर्थन में हैं, हिंदू राष्ट्र के नहीं। जब रावण अत्याचार कर रहा था तभी हिंदू राष्ट्र था। रामराज्य का मतलब सब लोगों में सामंजस्य एक दूसरे के प्रति अच्छा व्यवहार और अच्छा माहौल है। कोई हिंदू राष्ट्र का प्रारूप बताए तो हम लोग विचार करें। यह सब चुनावी जुमलेबाजी है। देश में गौ-मांस का निर्यात बढ़ गया है। असहनीय है, फिर भी हम सहन कर रहे हैं। क्या करें, लोकतंत्र की सरकार है।

काशी-मथुरा के मंदिर हिंदुओं को सौंप दें

काशी-मथुरा के विवाद पर शंकराचार्य ने कहा कि यह कोई विवाद नहीं है, यह तो बना दिया गया है। सबको पता है वहां पर मंदिर था। मस्जिद कहां से आई। अयोध्या का मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और सच सबके सामने आ गया। इन मुद्दों को यह लोग सुप्रीम कोर्ट तक ले जाना चाहते हैं। हिंदुओं को उनके मंदिरों को सौंपकर मुस्लिमों को बता देना चाहिए कि हम भाई-भाई हैं और बाहर बैठकर इसका निपटारा कर लें। खुदा को प्रसन्न करने के लिए निर्विवाद स्थान पर नमाज अदा की जाती है। तुम्हारे पूर्वजों ने अगर राजनीतिक कारणों से हिंदुओं के स्थानों पर कब्जा कर लिया था तो अब तो आप स्वतंत्र हैं, अब आप अपना बड़ा दिल दिखाओ और कहो कि हमारे पूर्वजों ने यह गलत किया था और आप अपना स्थान ले लीजिए और मंदिर बनाइए।

बागेश्वर धाम के नाम पर भड़के शंकराचार्य

शंकराचार्य ने कहा कि हम किसी व्यक्ति या किसी संस्था पर कोई टिप्पणी नहीं करते। अगर सिद्धांत की बात पूछेंगे तो हम आपको बताएंगे। हमने पहले ही कह दिया जब चमत्कार पर सवाल किया था कि चमत्कार होते होंगे पर हमने तो नहीं देखा। अपने जीवन में अगर कोई चमत्कारी है तो जोशीमठ जाए और वहां पर जो दरार हैं उन्हें भरने का काम करें। जब हमने ऐसे लोगों को आमंत्रित किया तो वहां कोई नहीं पहुंचा। ना कोई पादरी पहुंचा, न कोई मौलवी पहुंचा। लेकिन टेलीविजन पर ऐसे दिखाते हैं कि हाथ लगते ही करंट आ गया और भूत प्रेत भगा दिए। शंकराचार्य बागेश्वर धाम का नाम लेते ही भड़क गए। उन्होंने कहा कि आपके पास केवल एक ही नाम है और एक ही व्यक्ति है। जहां देखो बागेश्वर, जहां देखो बागेश्वर, सारा देश बागेश्वर के बारे में बोलेगा आप यह अपेक्षा क्यों रखते हो। वह चमत्कार नहीं दिखा रहे मीडिया चमत्कार दिखा रही है। टेलीविजन मीडिया वाले पहले निर्मल बाबा को लेकर आए थे, चमत्कार दिखाते थे आधा-आधा घंटे का एपिसोड चलता था। अब क्या वजह है कि उनको नहीं दिखाते हो।

‘नित्यानंद ने बनाया छोटा सा हिंदू राष्ट्र’

भगोड़े नित्यानंद पर उन्होंने कहा कि उसने एक छोटा सा हिंदू राष्ट्र बनाया है। हमें भी खुशी होती अगर वह भगोड़ा नहीं होता। हम पर भी कोर्ट केस हुए थे, हमने सामना किया अगर तुम सही हो तो पहले अपने आरोपों को गलत साबित करो। अगर नित्यानंद हिंदू देश के अधिपति बनना चाहते हैं, तो पहले जो आरोप उनके ऊपर लगे हैं उनका सामना करो और फिर अपना काम करो अच्छी बात है।

Shashi kant gautam

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