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शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी हत्या के केस में तलब
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने हत्या के एक मामले में दाखिल पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को खारिज करते हुए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी व जिया अब्बास को बतौर अभियुक्त मुकदमे के विचारण के लिए तलब किया है।
विधि संवाददाता
लखनऊ: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने हत्या के एक मामले में दाखिल पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को खारिज करते हुए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी व जिया अब्बास को बतौर अभियुक्त मुकदमे के विचारण के लिए तलब किया है।
उन्होंने इन दोनों अभियुक्तों को 19 अगस्त को आईपीसी की धारा 302 व 120बी में तलब किया है। उन्होंने यह आदेश पुलिस की अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ कल्बे जव्वाद की ओर से दाखिल प्रोटेस्ट अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है।
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कल्बे जव्वाद ने दर्ज कराया था केस
थाना वजीरगगंज से संबंधित हत्या के इस मामले की प्राथमिकी कल्बे जव्वाद ने दर्ज कराई थी। 13 मई, 2016 को विवेचना के बाद पुलिस ने हत्या के इस मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी।
कल्बे जव्वाद ने प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल कर इसे चुनौती दी। उनका कहना था कि पुलिस ने तत्कालीन सरकार के दबाव में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की है। जबकि पंचायतनामा व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुुताबिक मृतक के सिर व पैर पर चोटों के निशान थे।
यह भी तर्क दिया गया कि उस दौरान जुलुस में मृतक की बेटी खुर्शीद फातिमा व कनिज फातिमा भी शामिल थी। वो इस घटना की चश्मदीद गवाह हैं। इन दोनों ने अपने बयान में स्पष्ट रुप से वसीम रिजवी व उनके साथियों को इस घटना का जिम्मेदार बताया है।
इसके अलावा अन्य गवाहों ने भी अपने बयान में कहा है कि वसीम रिजवी व उनके साथियों ने मृतक को घेर लिया था। उसे लाठी-डंडों से मारा। वो गिर गए और उनकी मौत हो गई।
इन सभी गवाहों ने अपने बयान के समर्थन में एसएसपी को शपथ पत्र भी दिया था। बावजूद इसके विवेचक मंहत यादव ने तत्कालीन सरकार व प्रशासन तथा वसीम रिजवी के प्रभाव में गवाहों के बयान को नजरअंदाज कर अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दिया। लिहाजा इसे खारिज कर स्वतः संज्ञान लेते हुए अभियुक्तों को मुकदमे के विचारण के लिए तलब किया जाए।
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यह है मामला
25 जुलाई, 2014 को कल्बे जव्वाद जुमे की नमाज के बाद बड़े इमामबाड़े से शांतिपूर्वक जुलुस निकालकर शिया वक्फ पर कब्जे के संदर्भ में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने जा रहे थे।
शहीद स्मारक के पास पहुंचते ही पुलिस प्रशासन ने जुलुस को रोक लिया। तब उनकी पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से बात होने लगी। लेकिन वहां मौजूद वसीम रिजवी व जिया अब्बास तथा चार अन्य लोग अचानक उत्पात मचाने लगे। पुलिस बैरियर गिरा दिया। मारपीट करने लगे।
पुलिस प्रशासन ने काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन नहीं माने। पुलिस ने बल प्रयोग किया। भगदड़ मच गई। लोग चोटिल हुए और इसमें एक व्यक्ति सैय्यद कर्रार मेंहदी वहीं गिर गया। जिसकी मेडिकल कालेज में मौत हो गई।
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