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वैष्णो देवी, कैलाश मानसरोवर सब्सिडी तो हज पर भी:कल्बे जव्वाद
शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने यहां सरकार द्वारा हज पर सब्सिडी बंद किये जानें के मुद्दे पर कहा कि बहुत से धार्मिक कार्यक्रमों में सरकार खरबों रुपये खर्च करती है, जम्मू में वैष्णो देवी व कैलाशमान सरोवर पर भी तो सब्सिडी दी जा रही है। तो हज पर सब्सि
सुल्तानपुर: शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने यहां सरकार द्वारा हज पर सब्सिडी बंद किये जानें के मुद्दे पर कहा कि बहुत से धार्मिक कार्यक्रमों में सरकार खरबों रुपये खर्च करती है, जम्मू में वैष्णो देवी व कैलाशमान सरोवर पर भी तो सब्सिडी दी जा रही है। तो हज पर सब्सिडी भी देनी चाहिए, हमारे और फिरको के उलेमाओ ने सब्सिडी लेने से इंकार किया हम अकेले पड़ गये।
अंग्रेज के एजेंट हैं आपसी भाईचारे को खत्म करने वाले
यहां जिले के अलीगंज बाज़ार स्थिति मनियारी गांव में शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी एक मजलिस को सम्बोधित करने पहुंचे थे।इस दौरान मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि मुसलमानों को तालीम पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए बिना तालीम के तरक्की नही हो सकती। हिंदुस्तान में अंग्रेजो की तर्ज पड़ आपसी नफरत को तूल दिया जा रहा जिस तरह अंग्रेज हिन्दू-मुस्लिम को लड़ा कर देश पर काबिज रहे जब देश के सभी मजहबो के लोग इकठ्ठा हुए तो उनका खत्मा हुआ। ऐसे ही लोग हैं जो अब आपसी भाईचारे को खत्म करना चाहते है वे अंग्रेज के एजेंट हैं।
शिया सुन्नी एकता पर दिया जोर
मौलाना ने यहां मोहम्मद अली बबुल उलूम मदरसा संगे बुनियाद (शिलान्यास) किया।
इस मौके पर शिया सुन्नी एकता पर यहां बल दिया गया,जहां मजलिस को शिया और सुन्नी दोनों फिरको के मौलानाओ ने मौजूद लोगों को खेताब किया।जिस पर मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि शिया-सुन्नी एकता के लिये ही हमारे वालिद मरहूम कल्बे आबिद हमेशा पैरोकारी करते रहे, उनको कत्ल कर दिया गया। लखनऊ में मोहर्रम की मजलिस में हम लोग सुन्नी उलेमाओ को बुलाते हैं, उन्होंंने समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि शिया-सुन्नी को एक दूसरे के कार्यक्रमों में आना जाना चाहिये तब दूरिया कम होगी।
वहीं मजलिस को खानकाहे नायाब सज्जाद नशीन सुन्नी मौलाना सूफी मुइनुद्दीन चिस्ती ने खिताब करते हुए कहा की हिंदुस्तान में सभी मजहबो के लोगों में मोहब्बत-भाईचारा होना चाहिए।जिससे मुल्क में तरक्की कायम हों। मुस्लिम फिरको में जो एक्तलाफ है उनको कुरआन और सुन्नते पैग़म्बर की रौशनी में हल करना चाहिए। उन्होंंने सभी धर्मो से मोहब्बत की मिसाल है हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह जिनके दरवाजे पर दस्तरखान पर सभी मजहबो के लोग एक साथ खाना खाते हैं