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माल्या ने कब्जाई वक्फ बोर्ड की जमीन, अखिलेश ने नहीं लिया एक्शन : रिजवी
लखनऊ: चौतरफा मुश्किलों में घिरने के बाद देश छोड़कर जा चुके बिजनेसमैन विजय माल्या पर जालसाजी का एक और आरोप लगा है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के मुताबिक माल्या ने वक्फ बोर्ड की जमीन को गलत तरीके से एसएबी मिलर्स इंडिया लिमिटेड को बेचा। इस खेल में यूपी सरकार और मेरठ पुलिस ने उनका पूरा साथ दिया।
एसएसपी ने नहीं की कार्रवाई
-वसीम रिजवी का आरोप है कि जांच के बाद शिया वक्फ बोर्ड और डीएम एसएसपी मेरठ से कई महीनों तक एफआईआर करवाने की गुजारिश करते रहे।
-लेकिन एसएसपी मेरठ दिनेश चंद्र दुबे ने मुकदमा लिखने से साफ मना कर दिया।
-इतना ही नहीं इस मामले में मुख्य सचिव स्तर से कार्यवाही होने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
-वसीम रिजवी का आरोप है कि विजय माल्या के प्रति दरियादिली दिखाने के पीछे कोई न कोई लाभ दिनेश चंद्र दुबे का कोई न कोई लाभ जरूर रहा होगा।
-वहीं, इस मामले में जब एसएसपी मेरठ दिनेश चंद्र दुबे से बात करने की कोशिश की तो पीआरओ ने फोन उठाकर बाद में बात करने कब लिए कहा, लेकिन बाद में फोन नहीं उठाया.
आखिर सीएम ने क्यों नहीं की कार्रवाई
-मामला प्रकाश में आने के बाद 22 जनवरी 2016 में डीएम ने पहली नोटिस जारी की, लेकिन कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।
-शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी के मुताबिक विजय माल्या और उनके दोस्तों पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए सैकड़ों बार एप्लीकेशन दी।
-लेकिन एसएसपी दिनेश दुबे ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।
-शिया वक्क बोर्ड से जुड़े लोगों का कहना है कि, इतने बड़े प्रकरण में डीएम से लेकर मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी एसएसपी की अनसुनी करने के बाद भी सीएम अखिलेश यादव ने एसएसपी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। अब तक एसएसपी मेरठ दिनेश चंद्र दुबे अपने पद पर जमे कैसे हैं?
तो एसएसपी मेरठ और सीएम की चूक से भागे माल्या
शिया वक्फ बोर्ड के एक नेता ने कहा कि एक दिन में 57 आईपीएस अधिकारियों का तबादला करने वाले युवा सीएम अखिलेश यादव की क्या मजबूरी रही कि सीएम एक एसएसपी को नही हटा सके। मेरठ पुलिस और सरकार की चूक की वजह से विजय माल्या विदेश भाग गए।
क्या है मामला
-रिजवी के मुताबिक मेरठ के कंकड़खेडा के पास लगभग 11 बीघा की जमीन पर विजय माल्या की कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड शराब का उत्पादन कर रही थी।
-मामले की जानकारी आने के बाद बोर्ड ने सुनवाई करते हुए उस जमीन को वक्फ बोर्ड की बताया और उस पर वक्फ बोर्ड के पॉवर ऑफ अटोर्नी को कब्जा दिलाने का नोटिस जारी किया।
-इसके साथ ही साथ विजय माल्या और उनके अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।