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15 जून को शिवसेना प्रमुख अपने 18 सांसदों के साथ करेंगे रामलला का दर्शन
उद्धव ने तब सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान को आधार बनाकर कहा था कि वह कहते हैं कि वहां मंदिर था, है और रहेगा, लेकिन हमारी धारणा है कि मंदिर दिखना भी चाहिए।
लखनऊ: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आगामी 17 जून को 17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने से पहले 15 जून को अपने नवनिर्वाचित 18 सांसदों के साथ अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन करेंगे। रामलला के दर्शन के बाद शिवसेना प्रमुख महंत नृत्य गोपालदास के जन्मोत्सव कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
केवल सात माह के अंतराल पर शिवसेना प्रमुख दूसरी बार रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंच रहे है। इससे पहले वह नवंबर 2018 में अयोध्या आये थे और उन्होंने विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने की मांग करते हुये केंद्र की मोदी सरकार को घेरा था। ऐसा माना जा रहा है कि अयोध्या पहुंच कर शिवसेना प्रमुख फिर से राम मंदिर निर्माण के मुददे को उठा सकते है।
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गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी उद्धव ठाकरे ने 25 नवंबर 2018 को अयोध्या में रामलला का दर्शन किया था। ऐसा उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया था। दर्शन के बाद उद्धव ठाकरे ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुये कहा था कि संतों के आर्शीवाद के बिना कोई काम नहीं हो सकता। देश ही नहीं विदेश के हिन्दू भी राम मंदिर का इंतजार कर रहे हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा था कि राम मंदिर बनना ही चाहिए। सरकार अध्यादेश लाए, हम साथ देंगे। हिंदुओं के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अब हिंदू चुप नहीं बैठ सकता। चुनाव के समय सब राम-राम करते हैं और चुनाव के बाद आराम करते हैं।
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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 25 नवंबर को अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में शामिल हुए थे। ठाकरे ने केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार का नेतृत्व कर रही अपनी सहयोगी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह राम मंदिर का श्रेय लेने नहीं, मंदिर निर्माण की तारीख जानने आए हैं। कुंभकर्णी निद्रा में सो रही सरकार को जगाने आए हैं। शिवसेना प्रमुख ने तब तल्ख तेवर दिखाते हुए कहा था कि पूरा देश इंतजार कर रहा है कि राम मंदिर का निर्माण कब होगा. हम कब तक इंतजार करते रहेंगे।
उद्धव ने तब सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान को आधार बनाकर कहा था कि वह कहते हैं कि वहां मंदिर था, है और रहेगा, लेकिन हमारी धारणा है कि मंदिर दिखना भी चाहिए। उसके लिए कानून बनाएं। इस पर अध्याधेश लाएं। कुछ भी करिए, लेकिन मंदिर जल्द बनाइए।
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