रावण व दैत्यगुरु शुक्राचार्य का इस शिव मंदिर से है नाता, मन्नत पूरे हो तो चढ़ाते हैं हैंडपंप

suman
Published on: 24 Feb 2019 1:39 AM GMT
रावण व दैत्यगुरु शुक्राचार्य का इस शिव मंदिर से है नाता, मन्नत पूरे हो तो चढ़ाते हैं हैंडपंप
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जयपुर:यूपी के शाहजहांपुर के कलान तहसील के पटना देवकली मंदिर पर मनौती पूरी होने पर श्रद्धालु हैंडपंप लगवाते हैं। मंदिर प्रांगण में सैकड़ों हैंडपंप मनौतियां पूरी होने पर लगवाई गई हैं। इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना दैत्यगुरु शुक्राचार्य ने की थी, उन्होंने यहां आठ हजार साल तक शिव की तपस्या की थी। रावण ने भी कई बार इस शिव मंदिर पर पूजा की थी। गुरु वृहस्पति के पुत्र कक्ष ने इस शिवमंदिर पर आकर दैत्यगुरु शुक्राचार्य से संजीवनी विद्या सीखी थी। शाहजहांपुर जिले की कलान तहसील के गांव पटना देवकली में प्राचीन शिवमंदिर की महत्ता दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। मंदिर के महंत ने बताया कि दैत्यगुरु शुक्राचार्य की तपोभूमि पटना देवकली शिव मन्दिर पर साल भर में दो बार मेला लगता है। फाल्गुन माह के महाशिवरात्रि पर तथा सावन में पूरे माह मेला लगता है। मेले में लाखों की संख्या में दूर-दूर से भक्त आते हैं।

महन्त ने कहा कि गुरु शुक्राचार्य ने अपने हाथों से आठ अंश के शिवलिंग की स्थापना की थी। कानपुर-मुरादाबाद हाइवे से लगे हुए ऊंचे टीले पर स्थिति इस मन्दिर में शुक्राचार्य ने आठ हजार वर्ष तक तपस्या की थी। शिव के उपासक लंकापति रावण ने यहां आकर कई बार पूजा-अर्चना की है। गुरु वृहस्पति के पुत्र कक्ष ने इसी शिव मंदिर पर आकर गुरु शुक्राचार्य से संजीवनी विद्या सीखी थी।

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प्राचीन शिव मन्दिर होने के कारण यहां लाखों की संख्या में भक्त आकर अपनी मनौती मांगते हैं। वर्ष भर में दो बार लगने वाले विशाल मेले में डहरपुर, बदायूं, बरेली, मुरादाबाद, एटा, फर्रूखाबाद, दिल्ली, पंजाब आदि स्थानों से शिव भक्त आते हैं। मन्दिर की फील्ड में सैंकड़ों की संख्या में भक्तों ने मनौती पूर्ण होने पर हैंडपंप लगवाए हैं। पूर्व में दिल्ली के उद्योगपति ने मन्दिर के सौंदर्यीकरण के लिए लाखों रुपये खर्च किए हैं। साथ ही एक भक्तों के ठहरने के लिए दो मंजिला धर्मशाला का निर्माण कराया है।

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