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रार थमने के आसार, बंद कमरे में डेढ़ घंटे तक चली शिवपाल-अखिलेश की मीटिंग

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Published on: 19 Aug 2016 1:47 AM GMT
रार थमने के आसार, बंद कमरे में डेढ़ घंटे तक चली शिवपाल-अखिलेश की मीटिंग
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लखनऊः सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के कुनबे में मची रार थमने के आसार हैं। शुक्रवार को अखिलेश से मिलने कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव और सीएम अखिलेश यादव की सीएम आवास पर करीब डेढ़ घंटे तक मीटिंग चली। इस दौरान किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया गया। अखिलेश और शिवपाल ने आपस में बातचीत की है, फिलहाल अभी यह नहीं पता चल सका कि उनके बीच हुई बातचीत का क्‍या निर्णय निकला।

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शिवापाल करीब 10ः30 पर सीएम ऑफिस पहुंचे थे और 11ः55 पर बाहर आए। शिवपाल ने मीडिया से कोई बात नहीं की, लेकिन अंदरखाने से यह खबर आ रही है कि इस मीटिंग के बाद संगठन में बड़ा फेरबदल किया जा सकता है। बता दें कि शिवपाल ने बीते दिनों अवैध कब्जों और दलाली को मुद्दा बनाकर मंत्री पद छोड़ने की धमकी दी थी। जिसके बाद मुलायम को मैदान में उतरकर अखिलेश को फटकार लगानी पड़ी थी।

अखिलेश राखी बंधवाने गए थे

गुरुवार को अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल के सरकारी आवास गए थे। शिवपाल की बेटी से उन्होंने राखी बंधवाई थी। वहां अखिलेश के बच्चों ने अपने दादा के साथ खाना भी खाया था। सूत्रों के मुताबिक शिवपाल इसके बाद ही अखिलेश से मिलने के लिए तैयार हुए। बताया जा रहा है कि सीएम से मुलाकात के दौरान वह अपने मुद्दों को उठाएंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे।

सीएम ने भी बढ़ाया हाथ

वैसे अखिलेश ने शिवपाल को शनिवार को गोमतीनगर के शिल्पी ग्राम के उद्घाटन के मौके पर भी आने का न्योता भी दे रखा है। सूत्रों की ओर से ये जानकारी भी मिली है कि शिवपाल इसलिए भी नाराज हैं क्योंकि कई जिलों के अफसर उनकी बात नहीं मान रहे हैं। इससे अपनी विधानसभा सीट जसवंत नगर में उन्हें अगले चुनाव में नुकसान का डर भी सता रहा है।

बता दें कि मुलायम सिंह ने जब अखिलेश यादव को स्वतंत्रता दिवस पर फटकार लगाई थी तो ये भी कहा था कि शिवपाल पहले दो बार इस्तीफा देने की बात कह चुके हैं। मुलायम ने कहा था कि शिवपाल अगर इस्तीफा दे देंगे तो इससे समाजवादी पार्टी का बड़ा नुकसान होगा। मुलायम तो इस मामले में इतने नाराज दिख रहे थे कि उन्होंने सबके सामने कह दिया था कि अखिलेश ने पार्टी को बरबाद कर दिया। उन्होंने अखिलेश के तमाम मंत्रियों और सरकार के अफसरों के कामकाज के तरीके पर भी सवाल उठाए थे।

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