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चौंक जायेंगे: किसी भी राज्य की जनसंख्या से ज्यादा है, आने वाले कामगारों की संख्या

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि क्वारनटीन की अवधि पूरा होने के बाद नौ लाख मजदूरों को उनके कौशल के अनुसार काम देनें की योजना बना दी गयी है।

SK Gautam
Published on: 12 May 2020 10:38 AM GMT
चौंक जायेंगे: किसी भी राज्य की जनसंख्या से ज्यादा है, आने वाले कामगारों की संख्या
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लखनऊ: निर्माण कार्यों को बढ़ावा देते हुए सरकार ने मनरेगा के तहत कामकाज को हरी झंडी दे दी है। प्रवासी मजदूरों के उतर प्रदेश में आने के बाद सरकार ने उनको काम देने का एक व्यापक रोड़ मैप तैयार कर रखा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि क्वारनटीन की अवधि पूरा होने के बाद नौ लाख मजदूरों को उनके कौशल के अनुसार काम देनें की योजना बना दी गयी है। औद्दोगिक इकाइयों के श्रमिकों और सभी कामगारों को लॉक डाउन की अवधि के दौरान 630 करोड़ रुपये के मानदेय का भुगतान और कामगारों के लिए खाद्दान्न व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश राज्य सरकार ने दे दिए है।

184 रेलगाड़ियों के माध्यम से 9 लाख लोग लाये जा चुके है

गौरतलब है कि अभी तक उतर प्रदेश में आने वाले प्रवासी कामगारों की संख्या देश के किसी भी राज्य की संख्या से ज्यादा है। उतर प्रदेश में अब तक 184 रेलगाड़ियों के माध्यम से 9 लाख लोग लाये जा चुके है। प्रदेश सरकार ने निर्माण कार्यों से ज़ुड़े शहरी और ग्रामीण इलाकों के करीब साढे इक्कतीस लाख कामगारों और निराश्रित लोगों को एक–एक हजार रुपये की आर्थिक मदद पहुंचायी। मनरेगा को रोजगार देने के एक बहुत बड़े माध्यम के रुप में लिया जा रहा है।

घर के आसपास काम दिया जाए काम

सरकार का इस बात का प्रयास है कि कामगारों को उनके ही घर के आसपास काम दिया जाए। साथ ही इस बात का भी प्रयास किया जा रहा है कि मनरेगा के तहत जो भी काम कराये जाये उनका क्षेत्रीय विकास में योगदान भी हो। सरकार का जोर रहा है जल वर्षा जल संचयन,वृक्षारोपण और संपर्क मार्ग निर्माण जैसे कार्यों को प्रमुखता दी जाये। उन्नाव जिले के लखापुर गांव में मनरेगा के तहत सरकारी तालाब की खुदाई और उसके मरम्मत का काम कराया जा रहा था। लगभग एक दर्जन मजदूर काम कर रहे थे।

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मजदूर मास्क अथवा गमछे भी इस्तेमाल कर रहे थे

खास बात यह देखने को मिली की मजदूरों में कोविड-19 को लेकर काफी जागरुकता है और वे काम के समय सोशल डिसटेंसिंग का पूरा ध्यान रख रहे हैं। मजदूर मास्क अथवा गमछे भी इस्तेमाल कर रहे थे। हमने मनरेगा में काम कर रहे लालाराम से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि घर के पास ही काम मिलने से वे खुश हैं और उन्हें काम के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है।

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युसूफ ने कहा कि अगर मनरेगा के तहत सरकार पूरे साल काम देती रहे तो मजूदरों के अनावाश्यक पलायन को रोका जा सकता है। ग्राम प्रधान ने बताया कि तालाब की खुदाई वर्षा जल संचयन की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी और गांव वालों को पर्याप्त जल उपलब्ध होगा।

SK Gautam

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