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Shravasti News: माता सीता मंदिर परिसर में रामनवमी पर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, जानें क्या हैं मान्यताएं

Shravasti News: मनवमी पर्व पर राम जन्मोत्सव के प्राकट्य के साथ इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित भिनगा जंगल से सटे राप्ती नदी तथा राप्ती बैराज पुल के किनारे स्थित सिद्धपीठ जगपति माता मंदिर पर आस्था हिलोरें ले रही थी।

Radheshyam Mishra
Published on: 6 April 2025 6:49 PM IST
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Shravasti News: रविवार को रामनवमी पर्व पर राम जन्मोत्सव के प्राकट्य के साथ इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित भिनगा जंगल से सटे राप्ती नदी तथा राप्ती बैराज पुल के किनारे स्थित सिद्धपीठ जगपति माता मंदिर पर आस्था हिलोरें ले रही थी।पूरे दिन देशी विदेशी हिन्दू धर्म के सनातनियों का उत्साह धर्म और आस्था के बीच हिलोरें मार रहा था। लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने माता रानी से फल फूल चढ़ाकर आशीर्वाद मांगा और अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कामना की।

वही नवरात्र का उपवास रखें श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति भाव से यज्ञ करते और कन्याओं को और ब्राह्मणों को भोजन खिलाकर अपने यथाशक्ति के अनुसार दान देकर स्वास्थ्य शरीर और जीवनशैली की कामना करते देखे गए । वही पुलिस प्रशासन की तरफ से विधिवत कानून व्यवस्था सुदृढ़ बनाने रखने के लिए महिला, पुरुष पुलिस और एसएसबी पुलिस की व्यवस्था की गई। मंदिर की महंथनी कुमारी रीता गिरि ने बताया कि यह पावन स्थान स्वामी दयाल गिरी उर्फ पहाड़ी बाबा महाराज के द्वारा स्थापित किया गया था। महाराज जी माता दुर्गा के अन्यय भक्त रहे हैं और पास के नेपाल राष्ट्र के राजा के यहां पुरोहित का काम करते थे। नेपाल राष्ट्र के राजा से वैचारिक मनमुटाव के चलते महाराज ने भिनगा जंगल और राप्ती नदी के तट पर अपनी कुटिया स्थापित किया था। जहां पर माता दुर्गा रानी ने दर्शन देकर महाराज जी को सिद्धि प्रदान की थी। बताया महाराज जी का 27 मार्च 1805 ई में हुआ था।

महाराज जी ने 7 फरवरी 2011को ब्रह्मलीन हुए थे। उससे पहले उन्हें तीन साल की उम्र में गोद लेकर मंदिर की और सनातन धर्म की शिक्षा दीक्षा महाराज जी ने स्वयं दी थी। बताया कि महाराज जी के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप में वह मंदिर के महंत का कार्यभार देख रही है। उनके मंदिर परिसर में सौ से ज्यादा आज भी गायें और हिरन तथा अन्य मानव मित्र पशु पक्षियों की देखभाल का वह जिम्मेदारी भी संभालती है। उन्होंने यह भी बताया कि महाराज के जीवनकाल में ही नंदी नामक गाय होती थी जो महाराज जी के ब्रह्मलीन होने के साथ नंदी गाय ने भी कुछ क्षणों के बाद अपना शरीर त्याग दिया था।जिसका स्मारक आज भी स्थित है।इसके साथ ही हर नवरात्रि, महाशिवरात्रि व हिन्दू धर्म के पवित्र त्यौहार पर यहां नेपाल तथा श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच समेत अन्य जनपदों के श्रद्धालु पहुंचकर माता रानी और गुरु महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं तथा अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए आते हैं। और श्रद्धालुओं की माता रानी मनोकामनाएं पूर्ण भी करती है। रामनवमी और महाशिवरात्रि पर यहां पर विशेष मेला लगता है। जिसमें भारी संख्या में लोग पहूंचते है।

इसी तरह से इकौना तहसील अन्तर्गत गांव टंडवा महन्त स्थित सीता द्वार मंदिर में रामनवमी पर रविवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं ने यहां प्रभु श्रीराम, माता सीता व लवकुश महाराज,हनुमान जी और बाल्मिकी महाराज का दर्शन कर मंगलकामनाएं की। मंदिर परिसर व आसपास के क्षेत्र रात से ही जय श्रीराम, जय सीता-राम व बजरंगबली के जयकारे से गूंजते रहे।शनिवार-रविवार की रात 3:00 बजे ही मंदिर के पट खुल गये थे। इसके पहले से ही यहां श्रद्धालुओं की कतार लग चुकी थी।भारी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचे जो शाम कतार खत्म होने पर मंदिर में महाआरती हुई। मंदिर कमेटी ने धूप व गर्मी को देखते हुए श्रदाद्धालुओं की सुविधा को यहां पंडाल का निर्माण कराया गया ।साथ ही मंदिर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रही और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये ।इसी तरह से भिनगा के काली माता मंदिर, इकौना के बेचू बाबा मंदिर, सिरसिया के विभूति नाथ मंदिर, गिलौला के मिलकपुर गांव स्थित राम जानकी मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही है।

इस अवसर पर दोपहर 12:00 बजे इकौना के सीता द्वार मंदिर में भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया गया।माता सीता और भगवान भगवान राम की विधिवत पूजा-अर्चना की गयी।इसके बाद दोपहर 1:00 बजे ध्वजारोहण व जन्मोत्सव आरती हुई। मंदिर व आसपास का क्षेत्र जय श्रीराम के जयकारे से गूंजायमान रहा। संध्या पूजन व आरती के पश्चात श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान मंदिर प्रशासक व महंत पंडित संतोष दास तिवारी, पंडित राम मनोहर तिवारी समेत सदस्य व श्रद्धालु उपस्थित थे।महिला व पुरुषों श्रद्धालुओं के लिए दो अलग-अलग लाइन बनायी गयी थी।श्रद्धालुओं के लिए ठंडे पानी, शर्बत तथा मंदिर परिसर के बाहर दो प्राथमिक उपचार केंद्र व एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गयी थी। इसके अलावा जगह जगह श्रीराम सीता माता की शोभायात्रा भी निकाली जा रही है।

Shalini singh

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