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Shravasti News: भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा तो अधिवक्ता करेंगे आर-पार का आंदोलन, किया सभी कोर्ट का वहिष्कार
Shravasti News: अधिवक्ताओं ने कहा कि राजनीतिक संरक्षण में अधिकारियों की मिलीभगत से विभिन्न कार्यालयों में चल रहा भ्रष्टाचार का खेल समाप्त नहीं हुआ तो अधिवक्ता अब आर-पार की लड़ाई का रास्ता अपनाएंगे।
Shravasti News: उत्तर प्रदेश के जनपद श्रावस्ती के इकौना तहसील कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अधिवक्ता मुखर हो गए हैं। वृहस्पतिवार को अधिवक्ता सभागार में हुई बैठक में भ्रष्टाचार के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया गया। अधिवक्ताओं ने कहा कि राजनीतिक संरक्षण में अधिकारियों की मिलीभगत से विभिन्न कार्यालयों में चल रहा भ्रष्टाचार का खेल समाप्त नहीं हुआ तो अधिवक्ता अब आर-पार की लड़ाई का रास्ता अपनाएंगे।
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग
अधिवक्ता संघ इकौना के निर्णय से एसडीएम ओम प्रकाश को अवगत कराते हुए अधिवक्ता वृहस्पतिवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। अधिवक्ता संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए लंबे समय से आवाज उठाई जा रही है लेकिन न तो अधिकारियों पर प्रभाव पड़ रहा है न कर्मचारी सुधर रहे हैं। अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में जब अधिवक्ताओं ने एकजुटता दिखाई थी तो तहसील में सुधार हुआ। अब फिर से तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर है तो अधिवक्ताओं ने तय किया कि न्यायिक कार्य से विरत रह कर अधिकारियों को नियमानुसार कार्रवाई की मांग की जाए।
अधिवक्ता संघ इकौना के अधिवक्ता वृहस्पतिवार को न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए भी अधिवक्ताओं की सभागार में आम सभा की बैठक की। बैठक में अधिवक्ता राजू सिंह की दाखिल खारिज की फाइल पर गहराई से चर्चा हुई और अधिवक्ता राजू सिंह ने समस्त अधिवक्ताओं को अवगत कराते हुए बताया कि उनकी दाखिल खारिज की निजी फाइल नायव तहसीलदार गिलौला कोर्ट पर थी। जिसमें राजस्व संहिता 2006 के धारा 212 के अन्तर्गत सुनवाई होनी थी जो एसडीएम इकौना कोर्ट से सुनवाई के लिए नियत तिथि में नायब तहसीलदार गिलौला कोर्ट पर स्थानांतरित हुई थी।
राजनीतिक संरक्षण पाकर हो रहा भ्रष्टाचार का खेल
परन्तु गिलौला नायब तहसीलदार प्रांजल त्रिपाठी ने धारा 212 के अन्तर्गत उभय पक्ष को सुने बिना ही हड़ताल के दिन एक पक्षीय आदेश उनके विरोध में पारित कर दिया। बताया गया है कि नायब तहसीलदार गिलौला प्रांजल त्रिपाठी के चाचा विधायक हैं। ऐसी स्थिति में राजनीतिक संरक्षण पाकर भ्रष्टाचार करने के लिए वह मनमानी कर रहे हैं। यही नहीं वह न वादी गणों से और न अधिवक्ताओं से सही तरीके से बात कर रहे हैं। इसी तरह से एसडीएम इकौना के स्टोनो अभिजीत शुक्ल का अधिवक्ताओं और वादकारियों के साथ न ही व्यवहार अच्छा रहता है और वह हर छोटे मोटे काम पर पैसा का मांग करते रहते हैं।वादकारी अथवा अधिवक्ता द्वारा पैसा न दिए जाने पर टाल मटोल करके दौड़ाते रहते हैं।
आम बैठक में निर्णय लिया गया है कि अधिवक्ता संघ इकौना के अधिवक्ता नायब तहसीलदार कोर्ट का बहिष्कार उनके स्थानांतरित न होने तक जारी रखेंगे। साथ ही एसडीएम इकौना स्टोनो अभिजीत के कार्य व्यवहार में सुधार हेतु एसटीएम इकौना को फिर से प्रार्थना पत्र देकर कार्य व्यवहार सुधारने की मांग करेंगे। अगर दो दिन में उनमें सुधार नहीं हुआ और नायाब तहसीलदार गिलौला का स्थानांतरण नही हुआ तो आगामी मंगलवार को अधिवक्ता आम सभा की बैठक करके आम सहमति से तहसील के सारे कोर्टो का वहिष्कार करने के साथ कलम बंद हड़ताल करेंगे।साथ ही मुख्यमंत्री से लेकर राजस्व परिषद को मांगपत्र सौंपेंगे।जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला के प्रशासन की होगी।
सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे
इस दौरान अधिवक्ता संघ के महामंत्री एडवोकेट श्रीधर द्विवेदी, पूर्व अध्यक्ष ए के सिंह, उदयराज तिवारी, हुकुमचंद त्रिपाठी, सुरेन्द्र मिश्रा, पी पी मिश्र, पूर्व महामंत्री एडवोकेट वंशराज शुक्ल, संजय सिंह, शिवपाल मिश्र, वरिष्ठ अधिवक्ता राम कुमार शुक्ल, रामेन्द्र प्रताप सिंह, मनोज सिंह, मुनेश्वर पांडेय, राधेश्याम मिश्र, राम अचल शर्मा, सुधीर शुक्ल, आशुतोष पाठक, कृष्ण कुमार त्रिपाठी, दूधनाथ यादव, नामी, रामकुमार यादव, राम शरण पांडेय, भरत लाल मिश्र, राकेश पाण्डेय, श्याम सुंदर मिश्र, भोला सिंह समेत सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे हैं।