Shravasti News: कोर्ट ने नाबालिग सौतेली बेटी से दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 25 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा

Shravasti News: अदालत ने दोषी को 25 वर्ष की सश्रम कारावास और एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा है कि दोषी अर्थदंड अदा नहीं करता है तो उसे छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

Radheshyam Mishra
Published on: 9 Aug 2024 2:37 PM GMT
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Shravasti News: जनपद में दो साल पूर्व नाबालिग के साथ सौतेले पिता द्वारा किए गए घिनौने कार्य की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को जिला की एक अदालत ने दोषी को 25 वर्ष की सश्रम कारावास और एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा है कि दोषी अर्थदंड अदा नहीं करता है तो उसे छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। विशेष लोक अभियोजक (शासकीय अधिवक्ता) रोहित गुप्ता ने बताया कि 15 वर्ष की नाबालिक किशोरी के साथ उसके सौतेले पिता लाडला प्रसाद उर्फ रामू निवासी मध्य नगर मनोरपुर थाना इकौना जनपद श्रावस्ती ने लगभग दो वर्ष पूर्व बलात्कार जैसे घिनौने घटना को अंजाम दिया था।

जिसके बाद पीड़िता ने 9 जून 2021 को पूर्व पुलिस अधीक्षक श्रावस्ती को बालिका संरक्षण गृह लखनऊ द्वारा एक पत्र भेजा गया था, जो प्रार्थना पत्र स्वयं पीड़िता ने लिखा था। पीड़िता के प्रार्थनापत्र के मुताबिक उसके सौतेले पिता द्वारा उसके साथ जबरन बलात्कार जैसे कुकृत्य को अंजाम देता रहा है। पीड़िता ने पत्र में लिखा था कि करीब 2 वर्ष पूर्व मेरे सौतेले पिता लाडला प्रसाद उर्फ रामू ने मेरे साथ दुष्कर्म कर मेरा शारीरिक शोषण किया और बहुत तकलीफ पहुंचाई। इसलिए मेरे पिता लाडला प्रसाद उर्फ रामू के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए।

पीड़िता ने पत्र में लिखा कि चूंकी मेरे सौतेले पिता ने मेरे साथ दुष्कर्म किया इसीलिए वह अपना घर छोड़कर चली गई थी। बताया कि उसे नवादा बिहार की पुलिस ने बरामद किया तथा उसे बालिका गृह बोधगया में दाखिल कर दिया गया। जहां से वह बाल कल्याण सीमित श्रावस्ती को सुपुर्द कर दी गई। उसके बाद बालिका गृह मोती नगर लखनऊ भेज दी गई। बालिका ने अपने ऊपर घटी घटना को अधीक्षिका राजकीय बालिका गृह लखनऊ को बताया तब उन्होंने एक प्रार्थना पत्र लिखवाकर पुलिस अधीक्षक श्रावस्ती को भिजवाया। इस प्रार्थना पत्र पर पीड़िता का मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा विचारण के उपरांत अपर सत्र न्यायाधीश निर्दोष कुमार ने आरोपी को 25 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और 1 लाख के अर्थ दंड से दंडित किया है। कोर्ट ने कहा है कि अर्थ दंड अदा न करने पर दोषी को 6 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। कोर्ट ने कहा है कि अर्थ दंड की सम्पूर्ण धनराशि पीड़ित के भरण पोषण के लिए पीड़िता को दिया जाए।

Shalini singh

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