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Shravasti :जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में स्टेट लेवल से चयनित प्रतिभागी छात्राओं से मिलकर उनका किया उत्साहवर्धन

Shravasti News: जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी से मिलकर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने प्रतिभागी छात्राओं से भेंट कर प्रतियोगिता में सफल होने हेतु उनका उत्साहवर्धन किया।

Radheshyam Mishra
Published on: 2 Dec 2024 6:31 PM IST
Shravasti News ( Pic- Newstrack)
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Shravasti News ( Pic- Newstrack)

Shravasti News: कैंपस मार्टिस एकेडमी इकौना की छात्रा स्तुति श्रीवास्तव ग्रुप लीडर तथा आस्था बाल वैज्ञानिको ने जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी से मिलकर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने प्रतिभागी छात्राओं से भेंट कर प्रतियोगिता में सफल होने हेतु उनका उत्साहवर्धन किया। साथ ही कहा कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य बच्चों को राष्ट्र के भविष्य के प्रति सार्थक सपने संजोने व उन्हें साकार करने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन से बच्चों को विज्ञान विधि का इस्तेमाल करने का हुनर सीखने का अवसर मिलता है।

इसी दौरान गाइड टीचर संतोष कुमार पांडेयश्र ने कहा कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस कोई प्रतियोगिता नहीं, बल्कि परस्पर सीखने सिखाने की एक प्रक्रिया है। इसके माध्यम से बच्चे विज्ञान विधि से कार्य करना सीखते हैं। इससे वह अपने अंदर छिपी प्रतिभा को पहचान पाते हैं। साथ ही वह समाज संकल्पना एवं धारणाओं के अनुरूप स्थानीय समस्याओं पर कार्य करते हैं। जिला समन्वयक ने कहा कि प्रतियोगिताओं में बच्चे संपूर्ण प्रक्रिया को लिपिबद्ध करते हैं, और उसे निर्णायकों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। इन संपूर्ण क्रियाकलापों के माध्यम से वह अपनी संकल्पना भावनाओं एवं विचारों को साकार स्वरूप प्रदान करने की व्यावहारिक विधि से अवगत होते हैं। जन जन में वैज्ञानिक सोच विकसित करना ही राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का उद्देश्य है। यह बाल वैज्ञानिक राष्ट्रीय स्तर कार्यक्रम में दो से 6 जनवरी 2025 तक भोपाल में अपने प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण करेंगे।

मालूम हो कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस एक राष्ट्रव्यापी विज्ञान संचार कार्यक्रम है जो 1993 में शुरू हुआ था। इसका आयोजन राज्य आयोजन समिति के माध्यम से किया जाता है। एनसीएससी के जिला-स्तरीय कार्यक्रम का संचालन करने के लिए हर साल प्रत्येक जिले के लिए जिला आयोजन समितियाँ गठित की जाती हैं। यह 10-17 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए एक मंच है, जो औपचारिक स्कूल प्रणाली और स्कूल से बाहर के बच्चों दोनों के लिए अपनी रचनात्मकता, नवीनता और, विशेष रूप से, वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके स्थानीय स्तर पर अनुभव की गई सामाजिक समस्या को हल करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हैं।इस परीक्षा में दो बच्चों का एक समूह बनाया जाता है। यह समूह फोकल थीम के तहत स्थानीय स्तर पर विशिष्ट समस्या का चयन करता है और उसका समाधान ढूंढता है। यह कार्यक्रम वैज्ञानिक अध्ययन की भावना और किसी समस्या का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण करने की क्षमता विकसित करता है। साथ ही अवलोकन, परीक्षा तिथियां, पात्रता और टॉपर्स के लिए मान्यता शामिल है।इस अवसर पर अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।



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Shalini Rai

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