Shravasti News: गोवंशों की मौत के बाद जिलाधिकारी आए एक्शन मोड में, बैठक करके दिया कड़ा निर्देश

Shravasti News: गौशाला में कुछ गायों की तबीयत खराब थी डॉक्टरों ने आकर देखा और दवा दी। सभी गायों के चारे में डॉक्टर की दी गई दवा को मिला दिया गया, जिसके बाद एक के बाद एक गायों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया था

Radheshyam Mishra
Published on: 6 Oct 2024 12:43 PM GMT
District Magistrate Ajay Kumar Dwivedi held a meeting on the death of cattle in the cowshed
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गौशाला में गोवंशों की मौत पर जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने की मीटिंग: Photo- Newstrack

Shravasti News: उत्तर प्रदेश के जनपद श्रावस्ती के गौशाला में गोवंशों की मौत के मामले को ग्रामीण हिन्दूओं ने जोर-शोर से उठाया और उसके बाद जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी के द्वारा कार्रवाई की गई। जहां पशु चिकित्साधिकारी और सचिव को निलंबित कर दिया गया तो वहीं ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि भाई के खिलाफ मुकदमा और प्रधान को नोटिस थमा दिया गया है।

श्रावस्ती जिले के गिलौला ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत काशीपुर मूसा गौशाला में शुक्रवार को भारी संख्या में गोवंशों के कंकाल और उनके शव मिलने के मामले में यहां के ग्रामीण हिंदू आक्रोशित रहे जिसके कारण ग्रामीण इस घटना का जिम्मेदार गांव प्रधान और विभागीय प्रशासन को मान रहे थे। ग्रामीण यहां तक कह रहे थे कि गौ वंशौ के लिए सरकार से जो चारा पानी दवा का पैसा आता है वह विभागीय प्रशासन और गांव प्रधान सचिव मिलकर धन का बंदर बांट कर लेते हैं और जब उच्च अधिकारी जांच पर आता है तो दिखावे के लिए कुछ समय तक कार्य शैली व्यवस्थित कर लेते हैं। बाद में फिर वही पुराने ढंग पर काम करना शुरू कर देते हैं। यहां देखा गया था कि कई जगह पर मृत अवस्था में गोवंश पड़े हुए थे तो कई जगह पर गोवंशों बीमार पड़े थे।

हिंदू ग्रामीणों ने जमकर इसका विरोध किया गया था और इसके बाद डीएम के साथ-साथ एसपी गौशाला पहुंचे थे जहां पूरे मामले को शांत किया गया था। हिंदू ग्रामीणों के तरफ से लगातार लापरवाही बरतने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। इसके बाद से लगातार अधिकारियों का दौरा चल रहा। जहां पर गोशाला में चारा पानी और गोवंशों के रहने और खाने की व्यवस्थाओं का निरंतर जांच किया गया। जिसके क्रम में गिलौला के कार्यवाहक खंड विकास अधिकारी चंद्र बहादुर तिवारी मौके पर मौजूद रहे। इसके साथ ही साथ पुलिस विभाग और प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार भ्रमण पर रहे। जहां पर निरंतर गौशाला में गोवंशो के चारा पानी की निगरानी की जा रही है और उनकी समुचित व्यवस्था के लिए पूरी टीम लगी हुई है। बताया जाता है कि गौशाला में गायों की मौत बीती रात डॉक्टरों की लापरवाही के चलते हुई थी ।

ये है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि गौशाला में कुछ गायों की तबीयत खराब थी डॉक्टरों ने आकर देखा और दवा दी। सभी गायों के चारे में डॉक्टर की दी गई दवा को मिला दिया गया, जिसके बाद एक के बाद एक गायों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया था इसके बाद देखते ही देखते गौशाला शमशान घाट में तब्दील हो गया था। हालांकि विभाग एक दर्जन गायों की मौत का ही पुष्टि की है।इसी क्रम में रविवार को जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने निराश्रित/बेसहारा गोवंश की समस्या के निदान हेतु गोवंश आश्रय स्थल के निरीक्षण हेतु नामित नोडल अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक भी की। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि गो-आश्रय स्थलों में रह रहे गोवंशों के लिए मुकम्मल व्यवस्थाएं होनी चाहिए । उन्होने कहा कि गो-संरक्षण केन्द्रों में रहने वाले गोवंशों के लिए चारा-पानी एवं उनके रहने के लिए छाया की व्यवस्था भी होनी चाहिए, ताकि उन्हें गो-आश्रय केन्द्रों में कोई दिक्कत न होने पाए। उन्होंने कहा कि गोशाला में किसी भी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी, पशु खुले में नहीं रहेंगे। कहीं भी किसी जानवर को कोई हानि पहुंचती है तो सम्बन्धित चिकित्सक तत्काल उनका उपचार करेंगे।

पशुओं की ईयर टैगिंग करने के निर्देश

उन्होने सभी उपजिलाधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों एवं उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को समय-समय पर गौशालाओ का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिये। उन्होने कहा कि सभी पशुओं की ईयर टैगिंग अवश्य करा दें। शेड, बाउण्ड्रीवाल, पानी, चूनी-चोकर, भूसा आदि की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। पशुओं के लिए सभी गौशालाओं में हरा चारा दो दिवस के अन्दर तक ही प्रयोग किया जाए।

जिन गौशालाओं में जल जमाव की स्थिति है, उसे साफ कराया जाए अथवा मिट्टी पटाई का कार्य तत्काल कराया जाए। उन्होने कहा कि सभी उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी गोबर का उचित निस्तारण करायें तथा ग्राम पंचायत स्तर पर गोबर एकत्र कराकर उसकी डंपिंग करायी जाए। गोवंशों के स्वास्थ्य की जांच हेतु चिकित्सक प्रतिदिन मानिटरिंग करें। सभी उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी दवाईयों का स्टॉक अवश्य चेक करें।

मृतक गोवंशों का निस्तारण मानक के अनुसार कराया जाए। गोशाला में किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश प्रत्येक दशा में न किया जाए। सभी गौशालाओं में उनसे सम्बन्धित पशु चिकित्सकों एवं केयर टेकर, ग्राम प्रधान व सचिव के नाम व मोबाइल नम्बर अवश्य लिखवाया जाए। निरीक्षण के दौरान समस्त नोडल अधिकारी गो आश्रय स्थल के सभी पंजिकाओं को व्यवस्थित रखना सुनिश्चित कराएं, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं की जाएगी।

कोई भी व्यक्ति गौशाला से एक पशु गोद ले सकते है

उन्होने यह भी निर्देशित किया है कि कि वे अपने से सम्बन्धित गौशालाओं का निरीक्षण करें तथा उसकी रिपोर्ट दो दिवस के अन्दर उपलब्ध करायें। जिलाधिकारी ने कहा कि बेसहारा गोवंशों के संरक्षण एवं भरण-पोषण सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। कोई भी व्यक्ति किसी भी गौशाला से एक पशु गोद ले सकते है। जिन व्यक्तियों द्वारा पशुओं को गोद लिया गया है, उनके घर-घर जाकर निरंतर मानिटरिंग की जाए तथा देखा जाए कि वे पशु पालने में सक्षम है अथवा नहीं। जो व्यक्ति पशु पालने में सक्षम नहीं है उनके विरूद्ध कार्यवाही किया जाए।

बैठक का संचालन मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 मानव ने किया।इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी अमरेन्द्र कुमार वर्मा, उपजिलाधिकारी भिनगा पीयूष जायसवाल, उपजिलाधिकारी इकौना ओम प्रकाश, उपजिलाधिकारी जमुनहा आशीष भारद्वाज, जिला विकास अधिकारी रामसमुझ, तहसीलदार भिनगा जागृति सिंह, इकौना विपुल सिंह, तहसीलदार जमुनहा प्रद्युमन कुमार सहित समस्त खण्ड विकास अधिकारीगण एवं अन्य सम्बन्धित नोडल अधिकारीगण उपस्थित रहे।

Shashi kant gautam

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