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Shravasti News: आवारा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए दिन-रात पहरेदारी करने पर किसान मजबूर, जिम्मेदार अंजान

Shravasti News: विकास खंड हरिहरपुर रानी के गांव परसा डेरिया सुरेश,असलम और ननकू ने बताया कि घूम रहे छूटा व आस पास जानवरों से फसल की रखवाली करना मजबूरी है।

Radheshyam Mishra
Published on: 25 Nov 2024 5:54 PM IST
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Shravasti News: सरकार का दावा है कि किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी गई है, मगर जमीनी हकीकत ये है कि एक-एक दाने की सुरक्षा के लिए किसानों को कड़ाके की ठंड में भरी रात में खेतों में जगराता करना पड़ रहा है।पशु विभाग की लापरवाही से मवेशियों के झुंड किसानों की आंखों के सामने उनकी मेहनत को रौंदने के साथ चट कर रहे हैं। आलम ये है कि गेहूं, लाही, मसूर, चना, मटर व आलू की फसल आदि फसलों की रखवाली के लिए किसान रातभर जागने को मजबूर हैं। इस परिस्थिति में सर्द मौसम भी किसानों की परीक्षा ले रहा है। देर रात फसलों की रखवाली में किसानों की परेशानी से बात की गई तो उनका दर्द छलक आया।

गिलौला विकास खंड अन्तर्गत गांव पंचायत सुबखा निवासी कृष्ण कुमार तिवारी, अविनाश दूबे,हरिश मिश्र, संजय शुक्ल आदि खेत की रखवाली को के लिए लाठी डंडा लेकर घूम रहे ने बताया घर से लगभग डेढ़ से तीन किलोमीटर दूर रातभर खेत में रहकर रखवाली करना मजबूरी है। क्षेत्र में इतने छुट्टा मवेशी घूमते हैं कि जरा सा चूके तो अगली सुबह खेत साफ ही मिलेगा।

विकास खंड इकौना के ग्राम मोहनीपुर में खेत की रखवाली कर रहे नान बाबू, परसिया के संतोष कुमार, सतेन्द्र व संचित ने बताया कि रात को सिंचाई कर देने से दिन में दूसरे काम करने का मौका मिल जाता है। ठंड है तो क्या हुआ अलाव के सहारे रात काट लेते हैं। फसल की रखवाली भी हो जाती है। जरा सी चूक होने पर छुट्टा जानवर फसल बर्बाद कर देते हैं। विकास खंड हरिहरपुर रानी के गांव परसा डेरिया सुरेश,असलम और ननकू ने बताया कि घूम रहे छूटा व आस पास जानवरों से फसल की रखवाली करना मजबूरी है। बताया कि परिवार के सभी सदस्यों ने अलग-अलग समय पर रखवाली की जिम्मेदारी ले रखी है। कोई दोपहर में खेत देखते हैं और कोई रात को। मजबूरी में रतजगा करना पड़ रहा है। अधिकारी और प्रतिनिधि तो सिर्फ कोरम पूरा करते हैं।

उक्त किसानों का कहना है कि आवारा पशु काफी संख्या बढ़ रहे हैं, जिस कारण हरी-भरी फसलों को तहस-नहस कर किसान को बड़ी हानि पहुंचा रहे हैं। किसानों को तो पहले ही उनकी फसलों के वाजिब दाम नहीं मिल पा रहे हैं। आवारा पशु जहां किसानों पर हमला करते हैं, वहीं उनके कारण सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ रही है। सरकारें भाषणों में तो किसानों की हित की बात करती है, लेकिन धरातल पर कुछ और नजर आता है। साथ ही आवारा पशुओं ने कई किसानों को हमला करके घायल भी किया है। इन आवारा पशुओं से किसान परेशान हैं।



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Shalini singh

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