Shravasti News: तराई में बेमौसम बरसात से किसान परेशान, बर्बाद हुई लीची, आम और गेहूं की फसल, विद्युत व्यवस्था ध्वस्त

Shravasti News: बेमौसम बारिश से किसानों की खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं। इस कुदरत की मार ने किसानों की कमर को तोड़कर रख दिया है। बेमौसमी बारिश और तेज हवाओं से गेहूं ,लीची और आम की फ़सल नष्ट होने के कगार पर है।

Radheshyam Mishra
Published on: 13 April 2025 8:57 PM IST
Farmers worried about unseasonal rainfall in Tarai, litchi, mango and wheat crops destroyed, electricity system destroyed
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तराई में बेमौसम बरसात से किसान परेशान, बर्बाद हुई लीची, आम और गेहूं की फसल, विद्युत व्यवस्था ध्वस्त (Photo- Social Media)

Shravasti News: तराई में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदल गया है।शाम लगभग पौने छह बजे तेज हवाओं के साथ रिमझिम बारिश शुरू हुई। इससे जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली ,के साथ-साथ थोड़ी मुश्किलें भी लेकर आई है। खासकर किसानों को तो बेमौसमी बारिश से बहुत नुकसान हो रहा है। इस बेमौसम बारिश से किसानों की खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं। इस कुदरत की मार ने किसानों की कमर को तोड़कर रख दिया है। बेमौसमी बारिश और तेज हवाओं से गेहूं ,लीची और आम की फ़सल नष्ट होने के कगार पर है।

तेज हवा के साथ बेमौसम की बारिश ने गेहूं, आम व लिची सहित अन्य फसलों की खेती नुकसान पहुंचाया है। रूक रूक कर आंधी व तेज बारिश के चलते तराई क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ खेतों में तैयारी के लिए रखे गेहूं की फसल के साथ आम जैसे फलों के टिकोले व लीची के छोटे-छोटे फल को काफी क्षति हुई है। जानकारों की मानें तो किसानों को लाखों का नुकसान पहुंचा है।


मिली जानकारी के अनुसार तेज आंधी के साथ वर्षा देवी पाटन मंडल के ज्यादातर गांवो में हुई है जिससे वैसे किसान जिन्होंने अपने गेहूं को कटवा कर तैयारी के लिए खेतों में ही छोड़ रखा था। खेतों में ही गेहूं का फसल भींग जाने के चलते तथा खेतों में जल जमाव हो जाने के कारण अब गेहूं की फसल खराब होने की संभावना उत्पन्न हुई है। सैकड़ों एकड़ में ऐसी स्थिति है। खासकर श्रावस्ती के विकास खंड गिलौला, इकौना, जमुनहा आदि क्षेत्र के गावों में किसानों को काफी क्षति हुई है। इन क्षेत्रों में अधिकांश भू-भाग में लगी गेहूं की फसल की कटाई जोर-शोर से चल रही थी। काफी कम किसान अपनी गेहूं को तैयारी करवाए थे।

अधिकांश किसानों ने गेहूं कटवा कर तैयारी के लिए अपने खेतों में ही पसारकर छोड़ रखा था लेकिन रविवार शाम को एक बार फिर से तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई । लगातार हुई जोरदार बारिश से खेतों में जलजमाव हो गया। अब किसानों को दोहरी मेहनत का सामना करना पड़ेगा। धूप निकलने के बाद कटी हुई गेहूं के फसल को सुखाने के बाद तैयारी करने से इसके वजन के साथ उसके उसका चमक भी प्रभावित होने की संभावना है। साथ ही फलता किसानों को गेहूं का उचित दाम नहीं मिलेगा जिससे किसान काफी चिंतित है। हालांकि तराई क्षेत्र उन गांवों में जहां गहरी जमीन है । उसमे लगी गेहूं फसले पानी से ज्यादा प्रभावित हुआ है।


इधर कुदरत के इस कहर के कारण इस तराई क्षेत्र मे आम, लीची उत्पादकों को भारी बारिश के चलते काफी क्षति पहुंची है। फलत: किसानों में मायूसी छायी हुई है। इधर जिला उप कृषि निदेशक सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि आंधी व बारिष से गेहूं फसल को क्षति पहुंचने की सूचना है। परंतु अभी मामूली है हां अगर आगे और बारिश होगी तो नुकसान का प्रतिशत बढ़ेगा। हालांकि उन्होंने किसानों से अपील किया है कि गेहूं के खेत में पानी न जमने दें। इससे नुकसान का प्रतिशत कम होगा। हालांकि रविवार को सुबह जहां तहां धूप खिली। बावजूद कई क्षेत्रों में बरसात हुई है। साथ ही पूरे दिन बादलों का उमड़ घुमड़ का आना जाना लगा रहा है।

मालूम हो कि बुधवार और गुरुवार को भी तराई में मौसम ने करवट लिया था और कई क्षेत्रों में धूल भरी आंधी के साथ ओले व बारिश हुई थी। वृहस्पतिवार को सुबह गरज के साथ रूक-रूककर बरसात तराई के विभिन्न इलाकों में बारिश हुई थी।अभी भी आज बादलों की आवाजाही संग बूंदाबांदी हो रही है। हालांकि इससे तात्कालिक तौर पर पारे में काफी गिरावट से लोगों को गर्मी से राहत मिली है।


रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 30.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ।वही न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। वहीं मौसम के करवट लेने व अचानक बरसात से लोगों को घरों में दुबकने पर भी मजबूर कर दिया है।इसके साथ शहरी समेत,ग्रामीण इलाकों में नगर पंचायत व नगर परिषद की पोल खुली है।सफाई व्यवस्था नदारद है जिस कारण नालियां गंदगी से बंद पड़ी हुई है वहीं गलियों का गंदा पानी बीच सड़क पर बहता दिखा ।ऐसे में लोगों को दुश्वारियों कम होने का नाम नहीं ले रही थी। साथ ही गंदगी से संक्रामक रोग के फैलने की संभावना बढ़ गई है।इसी के साथ जिले की गिलौला, इकौना, लक्ष्मण नगर समेत तमाम क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था भी ध्वस्त है।

Shashi kant gautam

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