×

Shravasti News: भागदौड़ भरी जीवनशैली में तनाव दूर करने को ध्यान लगाना जरूरीः बाबूराम यादव

Shravasti News: बाबूराम यादव ने कहा कि जो भी गंभीरता से विपश्यना को आजमायेगा वह जीवन में सुख-शांति पाने के लिए एक प्रभावशाली तकनीक प्राप्त कर लेगा।

Radheshyam Mishra
Published on: 10 March 2025 5:32 PM IST
shravasti news
X

shravasti news

Shravasti News: विपश्यना ध्यान केंद्र श्रावस्ती में साधक बाबूराम यादव की अध्यक्षता में योग षिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 80 बच्चों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान विपश्यना साधक बाबूराम यादव ने कहा कि यह साधना मन का व्यायाम है। जैसे शारीरिक व्यायाम से शरीर को स्वस्थ बनाया जाता है वैसे ही विपश्यना से मन को स्वस्थ बनाया जा सकता है। साधना विधि का सही लाभ मिले। इसलिए आवश्यक है कि साधना का प्रसार शुद्ध रूप में हो। इसलिए ध्यान पर बल दिया जाता है। यह विधि व्यापारीकरण से सर्वथा दूर है एवं प्रशिक्षण देने वाले आचार्यों को इससे कोई भी आर्थिक अथवा भौतिक लाभ नहीं मिलता है। शिविरों का संचालन स्वैच्छिक दान से होता है। निश्चित ही निरंतर अभ्यास से ही अच्छे परिणाम आते हैं।

सभी गंभीरतापूर्वक अनुशासन का पालन करने वाले लोगों का विपश्यना शिविर में स्वागत है जिससे कि वे स्वयं अनुभूति के आधार पर साधना को परख सके एवं उससे लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी गंभीरता से विपश्यना को आजमायेगा वह जीवन में सुख-शांति पाने के लिए एक प्रभावशाली तकनीक प्राप्त कर लेगा। सोमवार को कटरा श्रावस्ती विपश्यना ध्यान केंद्र में बालक बालिकाओं दोनों ने प्रतिभा किया जिसमें 43 बालक तथा 37 बालिकाएं सम्मिलित रही।

साथ ही दौरान साधक बाबूराम यादव ने कहा कि बदलते लाइफस्टाइल और बिगड़ते खान-पान ने हमारी बॉडी को कम उम्र में ही कई बीमारियों का शिकार बना दिया है।कहा आज के समय में किसी को आर्थिक तंगी परेशान किए है, तो कोई अपनी बीमारी को लेकर तनाव में है। यह तनाव दिल और दिमाग दोनों पर हावी हो जाता है। इस तनाव से निजात पाने के लिए विपश्यना प्राचीन और अद्भुत ध्यान प्रयोग है।

कहा आज के युग में विपश्यना की अहमियत को समझते हुए बड़े-बड़े नेता और धनी लोग भी अपनी मसरूफियत से कुछ वक्त निकाल कर विपश्यना मेडिटेशन सेंटर में जाकर ध्यान करते हैं।कि कहा कि विपश्यना का अर्थ है, जो चीज जैसी है उसे उसके सही रूप में देखना। विपश्यना एक मानसिक व्यायाम भी है जो मन और तन दोनों के लिए उपयोगी है।

विपस्सना ध्यान खुद को जानने में आपकी मदद भी करता है। साथ ही यह भारत की सबसे प्राचीन मेडिटेशन तकनीक है, जिसे लगभग 2600 साल पहले महात्मा बुद्ध ने फिर से खोजा था। बताया कि महात्मा बुद्ध से पहले भी भारत में ऋृषी-मुनी इसका अभ्यास करते थे। कहा कि आज दुनिया भर में लगभग 170 विपश्यना मेडिटेशन सेंटर हैं जहां 10, 20, 30, 45 और 60 दिनों तक मेडिटेशन के कोर्स कराए जाते हैं।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

Next Story