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Shravasti News: कार्तिक पूर्णिमा पौराणिक सीताद्वार मेला, आधी अधूरी तैयारी, दुकानदारों ने लगाया मनमानी का आरोप

Shravasti News: दुकानदारों का आरोप है कि प्रधान न सिर्फ हर साल दुकान लगाने के शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हैं, बल्कि जगह भी सीमित रखते हैं।

Radheshyam Mishra
Published on: 13 Nov 2024 8:00 PM IST
Shravasti News: कार्तिक पूर्णिमा पौराणिक सीताद्वार मेला, आधी अधूरी तैयारी, दुकानदारों ने लगाया मनमानी का आरोप
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Shravasti News: newstrack

Shravasti News: इकौना थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत टंडवा महंत में कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले विशाल मेले में 48 घंटे शेष रह गए हैं, लेकिन ग्राम प्रधान की मनमानी और प्रशासन की ढुलमुल नीति के चलते अव्यवस्थाएं हावी हैं। मंदिर के अंदर लगे खुले बिजली के तार मेले में हादसे को न्योता दे सकते हैं। रोग निवारक सीताद्वार सरोवर की जलनिकासी न होने से श्रद्धालुओं को गंदे पानी में स्नान कर दान-पुण्य और पूजा-पाठ करना पड़ेगा। ग्राम प्रधान शिव कुमार राजभर की मनमानी इस स्तर की है कि वह मेले में दुकान लगाने वाले दुकानदारों से मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं।

दुकानदारों का आरोप है कि प्रधान न सिर्फ हर साल दुकान लगाने के शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हैं, बल्कि जगह भी सीमित रखते हैं। साथ ही लोगों को परेशान करने के लिए वह पहले से जगह पर दुकान लगाने वालों से दूसरी जगह दुकान लगाने को कहते हैं। सभी जानते हैं कि जहां मर्जी शिकायत कर लो, कोई फायदा नहीं मिलेगा। गिलौला निवासी दुकानदार रामकुमार पटवा, राम निवास, पृथ्वी पाल, दुकानदार आशुतोष, शिव कुमार, राकेश कुमार ने बताया कि पूर्व प्रधान के समय में यह परंपरा थी कि जो लोग पहले मेला क्षेत्र में अपनी दुकानें लगाते थे, वहीं पर अपनी दुकानें लगाएंगे और मेले को सफल बनाने में सहयोग करेंगे। जिसके चलते पूर्व प्रधानों के समय में मेला अच्छे से संपन्न होता था और मेले से आने वाली आय का सदुपयोग होता था और मंदिर का भी पर्याप्त विकास होता था।

आरोप है कि वर्तमान प्रधान के कार्यकाल से हर व्यक्ति त्रस्त है। इतना ही नहीं मेला परिसर में छोटी-छोटी दुकानें लगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले वर्तमान प्रधान राजभर भी भोजन, पानी, नाश्ता व अन्य सामान खुद ही खाते हैं और अपने परिवार व परिचितों को खिलाने के बाद पैसा नहीं देते हैं। जब कोई पैसा मांगता है तो कहते हैं कि मैं प्रधान हूं, ज्यादा सोचोगे तो सड़क पर फेंक दूंगा। दुकानदारों ने बताया कि प्रधान ने मेले में प्रति दुकान 1200 रुपये शुल्क रखा है। जबकि पिछले प्रधान के समय में धनराशि छह सौ रुपये थी और दुकान लगाने के लिए 12 फीट से 15 फीट जमीन थी। लेकिन वर्तमान प्रधान के समय में दुकानदारों को मात्र साढ़े सात फीट जमीन दी जा रही है और उनका उत्पीड़न अलग से किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि कार्तिक पूर्णिमा पर श्रावस्ती के थाना इकौना क्षेत्र के अंतर्गत सीता द्वार पर लगने वाला मेला देवी पाटन मंडल का सबसे बड़ा मेला है। जहां इन चार दिनों में पूरे प्रदेश और निकटवर्ती नेपाल राष्ट्र से पांच से सात लाख श्रद्धालु जगत जननी मां जगदंबा सीता माता और रामायण के रचयिता श्री वाल्मीकि का विधिवत दर्शन-पूजन करने पहुंचते हैं। इस दौरान हजारों एकड़ में हजारों दुकानें लगती हैं।

समाजसेवी और 88 वर्षीय पूर्व प्रवक्ता लाल जी पाठक, पूर्व प्रवक्ता शत्रुघ्न गुप्ता, डॉ. राम राज मिश्रा, प्रहलाद मिश्रा, धर्मेंद्र गुप्ता समेत कई अन्य लोगों का कहना है कि हमारे समय में मेले की आय का सही उपयोग होता था और लोग मंदिर का पैसा मंदिर में लगाते थे। लेकिन समय के साथ आय में वृद्धि हुई है, तो पता नहीं पैसा कहां जा रहा है। जबकि सीता द्वार मेले से इतनी आय होती रही है कि अगर जिम्मेदार आस्थावान होते तो यहां का विकास अयोध्या की तर्ज पर हो सकता था, किसी सरकारी सहायता की जरूरत नहीं पड़ती।



Ragini Sinha

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