×

Shravasti: मकर संक्रांति पर प्राचीन जलाशयों और नदियों के तटों पर उमड़े श्रद्धालु, लगाई आस्था की डुबकी

Shravasti: मकर संक्रांति का त्योहार जिले में मंगलवार को परंपरागत ढंग से मनाया जा रहा है। इस दौरान श्रद्धालुओं ने राप्ती नदी सहित कई प्राचीन तालाबों में आस्था की डुबकी लगाई।

Radheshyam Mishra
Published on: 14 Jan 2025 6:00 PM IST
shravasti news
X

shravasti news

Shravasti News: मकर संक्रांति का पर्व जिले में परंपरागत ढंग से मनाया गया। इस दौरान इकौना के सीताद्वार झील, गिलौला के मरीमाता मंदिर, सिरसिया के स्वर्ण प्रस्तरी आश्रम सहित राप्ती के विभिन्न तटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान लोगों ने अन्न दान भी किया। मकर संक्रांति का त्योहार जिले में मंगलवार को परंपरागत ढंग से मनाया जा रहा है । इस दौरान श्रद्धालुओं ने राप्ती नदी सहित कई प्राचीन तालाबों में आस्था की डुबकी लगाई।

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश पर लोग इकौना के सीताद्वार झील के साथ ही गिलौला के झारखंडी महादेव, सदाशिव मंदिर, मरीमाता मंदिर, सिरसिया के विभूतिनाथ, स्वर्ण प्रस्तरी आश्रम व जमुनहा के जगपतिनाथ धाम सहित राप्ती नदी के विभिन्न तटों व प्राचीन तालाबों, नदियों के तटों, झीलों में स्नानदान कर पुण्य के भागी बने। इस दौरान हिन्दू धर्म अनुयायियों के जहां लोगों के घरों में खिचड़ी बनाई गई।

वहीं, लोगों ने गरीबों को चावल व उड़द के साथ ही नमक, घी, काला तिल व खिचड़ी का दान भी दिया। इस मौके पर सीता द्वार परिसर इकौना समत विभिन्न जगहों में सामाजिक समरसता सह खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया। इस दौरान खिचड़ी भोज कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग शामिल रहे। इस मौके पर कार्यक्रम सीता द्वार मंदिर के महंत संतोष दास तिवारी ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर रेखा पर होते हैं। ऐसे में खिचड़ी भोज का आयोजन किया जाता है। यह सबसे सुपाच्य होता है तभी बीमारियों में भी चिकित्सक खिचड़ी का सेवन करने की सलाह देते हैं। बाल्मीकि मंदिर के महंत राम मनोहर तिवारी ने बताया कि हिंदू धर्म में खिचड़ी का विशेष महत्व है।

उन्होंने कहा कि यह नये अनाज के सेवन का भी परिचायक है, जो यह संदेश देता है कि मौसम के साथ मनुष्य को भोजन की प्राप्ति भी करना चाहिए। वहीं जगपति धाम मंदिर की महंत कुमारी रिता गिरी ने बताया कि मकर संक्रांति का पर्व अलग-अलग भूगौलिक परिस्थितियों में अलग-अलग नाम और तरीके से मनाया जाता है। जबकि हिन्दू धर्म अनुयायियों में मान्यता है कि इस दिन किए गए दान का फल बाकी दिनों के मुकाबले कई गुना ज्यादा होता है। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति के समय ही सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलते हैं।शुक्र का उदय भी मकर संक्रांति पर ही होता है।

इसी वजह से मकर संक्रांति से सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। वहीं मकर संक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है। शरद ऋतु क्षीण होने लगती है और बसंत का आगमन हो जाता है।आज मकर संक्रांति पर जगपति माता धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही है। आस्था के चलते ही लोग भोर ही राप्ती बैराज तट पर पहुंच गये और स्नान ध्यान,दान के साथ सूर्य को अर्घ्य देने के बाद जगपति माता मंदिर पहुंच कर पूजा पाठ किया और माता रानी से आशीर्वाद प्राप्त किया है।इस दौरान जगह जगह पुलिस के जवान भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात रहे हैं।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

Next Story